आगर-मालवा। मां-बाप अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए क्या कुछ नहीं करते और हर मां-बाप को बच्चों के भविष्य की चिंता भी सताती रहती है. अयोध्या बस्ती में झोपड़ीनुमा मकान में किराये पर रहने वाले राजेंद्र अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं, इस काम में उनके बच्चे भी छुट्टी के दिन हाथ बंटाते हैं और गली-गली घूमकर समोसा बेचते हैं और पाई-पाई जोड़ते हैं, ताकि उनका भविष्य मुकम्मल हो सके.
दरअसल, राजेंद्र अपने बच्चों का भविष्य मुकम्मल करने के लिए समोसा बनाकर घूम-घूम कर बेचते हैं. इस काम में उनके तीनों बेटे भी हाथ बंटाते हैं, बच्चे भी अपने पिता की इस मेहनत का पूरा समर्थन करते हैं और पिता से ज्यादा ऊर्जा पढ़ाई में लगाते हैं. यही वजह है कि हर परीक्षा में 80 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाते हैं. तीनों बच्चे जी तोड़ मेहनत कर पढ़ाई करते हैं और अपने पिता के सपनों को पूरा करने की कोशिश में जुटे हैं.
यही वजह है कि पढ़ाई के साथ-साथ छुट्टी के दिन तीनों बेटे गली में फेरी लगाकर समोसे बेचते हैं. राजेंद्र इससे होने वाली आय से तीनों बेटों के नाम फंड बना दिए हैं, ताकि उनकी पढ़ाई में कभी कोई रूकावट न आ सके. राजेन्द्र का बड़ा बेटा योगेंद्र कहता है कि पिता का सहारा बनने के लिए वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा.