आगर। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है. इस लॉकडाउन के कारण आगर जिले के सुसनेर में भी शादियों का सीजन पूरी तरह ठप हो गया है. इसके चलते बैंड-बाजे वालों को परिवार चलाने के लिए 45 डिग्री तापमान में स्थानीय कृषि उपज मंडी में हम्माली का काम करना पड़ रहा है.
शहर के सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिनका पुश्तैनी काम बंद हो जाने के कारण अब वे 50-50 किलो की बोरियों को अपने कंधों पर उठाकर हम्माली का काम कर रहे हैं. लॉकडाउन ने इन लोगों के जीवन में इतना बदलाव कर दिया है कि, इनका काम-धंधा पूरी तरह से बदल गया है.
इंदौर-कोटा राजमार्ग स्थित कृषि उपज मंडी में दर्जन भर ऐसे लोगों को काम करते हुए देखा जा सकता है, जो पहले दूसरा काम कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें परिवार के भरण पोषण के लिए भारी भरकम बोझ उठाना पड़ रहा है.
मंडी में काम करने वाले शाजिद, सलमान, शाहरुख सहित कई अन्य ने बताया कि, वे लॉकडाउन से पहले शादियों, मांगलिक और धार्मिक कार्यों में बैंड बजाते थे और इसी से उनकी आजीविका चलती थी. लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन हुआ और सरकार ने शादियों के साथ ही सामूहिक आयोजनों पर भी रोक लग गई. इसके चलते जो काम वो करते थे, वो पूरी तरह से बंद हो गया है. ऐसे में अब इन लोगों को परिवार पालने के लिए 45 डिग्री तापमान में भी हम्माली करनी पड़ रही है. सरकार जनधन के खातों में तो पैसे डाल रही है, लेकिन इन लोगों को किसी भी तरह की सहायता नहीं मिल पा रही है.