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शादी से पहले गांव पहुंच प्रशासनिक टीम ने रुकवाया बाल विवाह - बाल विवाह कानून अपराध

आगर मालवा जिले के सुसनेर में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास की टीम ने गांव पहुंच एक नाबालिग की शादी को रुकवा दिया है. इस दौरान उन्होंने बताया कि बाल विवाह कानूनन अपराध है.

child marriage is crime
बाल विवाह रूकवाया
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Published : May 30, 2020, 7:56 PM IST

आगर मालवा। सुसनेर तहसील के फरसपुरा गांव में आयोजित होने वाली शादी को प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर रुकवा दिया, साथ ही परिजनों को समझाइश दी कि बाल विवाह कानूनन अपराध है. प्रशासन ने ग्रामीणाें काे बताया कि आप नाबालिग बेटी की शादी करेंगे तो पूरा परिवार अपराध की श्रेणी में आएगा, फिर प्रशासन को कारवाई भी करनी पड़ेगी. इससे अच्छा है कि बेटी की शादी 18 साल के बाद ही करें. जिसके चलते अधिकारियों की समझाइश के बाद परिजनों ने शादी रोक दी.

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बाल विवाह रूकवाया

एसडीएम मनीष जैन को सूचना मिली थी कि फरसपुरा में बागरी समाज के एक परिवार में नाबालिग की शादी पूर्णिमा के दिन होने वाली है, जिसकी जानकारी मिलते ही एसडीएम ने नायब तहसीलदार देवेन्द्र धनगढ़ व महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर रीनू पंथ और काजल गुनावदिया की टीम बनाकर गांव में भेजा. जहां उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुए बाल विवाह रुकवाया. उसके बाद टीम ने परिवार से लिखित में शपथ पत्र भी भरवाया है कि 18 साल पूरा होने के बाद ही बेटी की शादी करेंगे.

आगर मालवा। सुसनेर तहसील के फरसपुरा गांव में आयोजित होने वाली शादी को प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर रुकवा दिया, साथ ही परिजनों को समझाइश दी कि बाल विवाह कानूनन अपराध है. प्रशासन ने ग्रामीणाें काे बताया कि आप नाबालिग बेटी की शादी करेंगे तो पूरा परिवार अपराध की श्रेणी में आएगा, फिर प्रशासन को कारवाई भी करनी पड़ेगी. इससे अच्छा है कि बेटी की शादी 18 साल के बाद ही करें. जिसके चलते अधिकारियों की समझाइश के बाद परिजनों ने शादी रोक दी.

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बाल विवाह रूकवाया

एसडीएम मनीष जैन को सूचना मिली थी कि फरसपुरा में बागरी समाज के एक परिवार में नाबालिग की शादी पूर्णिमा के दिन होने वाली है, जिसकी जानकारी मिलते ही एसडीएम ने नायब तहसीलदार देवेन्द्र धनगढ़ व महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर रीनू पंथ और काजल गुनावदिया की टीम बनाकर गांव में भेजा. जहां उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुए बाल विवाह रुकवाया. उसके बाद टीम ने परिवार से लिखित में शपथ पत्र भी भरवाया है कि 18 साल पूरा होने के बाद ही बेटी की शादी करेंगे.

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