ETV Bharat / state

आगर-मालवा: कबाड़ से जुगाड़ कर 11वीं के छात्र ने बनाई ऑटोमेटिक सेनिटाइजर मशीन

एक निजी स्कूल के 16 वर्षीय छात्र विनय जयसवाल ने कबाड़ से जुगाड़ कर एक ऑटोमेटिक सेनिटाइजर मशीन बनाई है. इस मशीन को बनाने में केवल 25 सौ रूपए की लागत आई है, जबकि मार्केट में मशीन की कीमत 15 से 25 हजार के बीच है.

ऑटोमेटिक सेनिटाइजर मशीन
automatic sanitizer machine
author img

By

Published : Jul 15, 2020, 3:41 PM IST

Updated : Jul 15, 2020, 4:17 PM IST

आगर-मालवा। एक निजी स्कूल के 16 वर्षीय छात्र ने कबाड़ की मदद से ऑटोमेटिक सेनिटाइजर मशीन बना दी है. मशीन को बनाने में सिर्फ 25 सौ रूपए का खर्चा आया है. जबकि बाजार में उसकी कीमत 15 से 25 हजार के बीच है. छात्र का नाम विनय जायसवाल बताया गया है. मशीन को बनाने में छात्र विनय ने कबाड़ से जुगाड़ किया है.

छात्र ने बनाई ऑटोमेटिक सेनिटाइजर मशीन

विनय ने अटल टिंकरिंग लैब के प्रबंधन के मार्गदर्शन में गूगल पर सेंसर की कोडिंग सीखी और खुद इस मशीन का निर्माण कर दिया. जिसके बाद मशीन को स्कूल के मुख्य द्वार पर लगाया गया है. अंदर आने से पहले हर छात्र सेनिटाइज हो जाता है.

क्या है अटल टिंकरिंग लैब

भारत सरकार द्वारा हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों को बीते साल अटल टिंकरिंग लैब की सुविधा प्रदान की गई है, जिसकी लागत 20 लाख रूपए है और ये लैब चयनित विद्यालयों को दिए गए हैं. अटल टिंकरिंग लैब का मूल उद्देश्य स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को बाल वैज्ञानिक बनाना है.

इस योजना के तहत स्कूलों में कई तरह के सेंसर बोर्ड, रोबोटिक किड्स, ड्रोन आदि टेक्नोलॉजी की सामग्री प्रदान की जाती है, जिसके माध्यम से तकनीकी क्षेत्र में बच्चों के द्वारा अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाने संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इसी लैब की सहायता से विनय ने ये काम कर दिखाया है.

आगर-मालवा। एक निजी स्कूल के 16 वर्षीय छात्र ने कबाड़ की मदद से ऑटोमेटिक सेनिटाइजर मशीन बना दी है. मशीन को बनाने में सिर्फ 25 सौ रूपए का खर्चा आया है. जबकि बाजार में उसकी कीमत 15 से 25 हजार के बीच है. छात्र का नाम विनय जायसवाल बताया गया है. मशीन को बनाने में छात्र विनय ने कबाड़ से जुगाड़ किया है.

छात्र ने बनाई ऑटोमेटिक सेनिटाइजर मशीन

विनय ने अटल टिंकरिंग लैब के प्रबंधन के मार्गदर्शन में गूगल पर सेंसर की कोडिंग सीखी और खुद इस मशीन का निर्माण कर दिया. जिसके बाद मशीन को स्कूल के मुख्य द्वार पर लगाया गया है. अंदर आने से पहले हर छात्र सेनिटाइज हो जाता है.

क्या है अटल टिंकरिंग लैब

भारत सरकार द्वारा हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों को बीते साल अटल टिंकरिंग लैब की सुविधा प्रदान की गई है, जिसकी लागत 20 लाख रूपए है और ये लैब चयनित विद्यालयों को दिए गए हैं. अटल टिंकरिंग लैब का मूल उद्देश्य स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को बाल वैज्ञानिक बनाना है.

इस योजना के तहत स्कूलों में कई तरह के सेंसर बोर्ड, रोबोटिक किड्स, ड्रोन आदि टेक्नोलॉजी की सामग्री प्रदान की जाती है, जिसके माध्यम से तकनीकी क्षेत्र में बच्चों के द्वारा अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाने संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इसी लैब की सहायता से विनय ने ये काम कर दिखाया है.

Last Updated : Jul 15, 2020, 4:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.