हैदराबाद : बॉलीवुड में LGBTQ+ (Lesbian, Gay, Bisexual, Transgender) कम्युनिटी पर अब खुलकर बात हो रही है. बीते कुछ समय में बॉलीवुड में इस संवेदनशील मुद्दे पर फिल्मों ने लोगों का नजरिया बदला है. हालांकि एक बड़ा बदलाव अभी भी बाकी है. इस कड़ी में एक और फिल्म 'बधाई दो' जुड़ने जा रही है. हाल ही में रिलीज हुआ फिल्म 'बधाई दो' के ट्रेलर ने लोगों को खूब गुदगुदाया है. फिल्म 11 फरवरी को रिलीज होने जा रही है. बात करेंगे उन फिल्मों की जो LGBTQ+ कम्युनिटी पर बेस्ड है.
बधाई दो
फिल्म निर्देशक अमित शर्मा की आयुष्मान खुराना और सान्या मल्होत्रा स्टारर फिल्म 'बधाई हो' (2018) की अपार सफलता के बाद 'बधाई दो' में अलग फ्लेवर पेश करने की कवायद की जा रही है. फिल्म 'बधाई हो' के सीक्वल 'बधाई दो' को हर्षवर्धन कुलकर्णी ने बनाया है. इससे पहले हर्षवर्धन फिल्म 'हंटर', 'हसी तो फंसी' और 'अमेरिकी पंडित' जैसी फिल्में बना चुके हैं. फिल्म 'बधाई दो' के कंटेंट की बात करें, तो यह फिल्म एक गे (Gay) पुलिस वाले (राजकुमार राव) और लेस्बियन फिजिकल अध्यापिका (भूमि पेडनेकर) की लैवेंडर मैरिज (गे लड़का और लेस्बियन लड़की की शादी) पर बेस्ड है.
चंडीगढ़ करे आशिकी
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' भी इसी मुद्दे पर आधारित दिलचस्प फिल्म थी. फिल्म में आयुष्मान खुराना एक ऐसी लड़की (वाणी कपूर) के प्यार में पड़ जाते हैं, जो ट्रांस वुमन हैं. फिल्म में जब आयुष्मान को वाणी के इस रूप के बारे में पता चलता है, तो शुरुआत में वह खुद को ठगा सा महसूस करने लगते हैं. डायरेक्टर अभिषेक कपूर ने फिल्म को बहुत सादगी के साथ पेश किया है, जो दर्शकों को दिल को छूने में कामयाब होती है.
शुभ मंगल ज्यादा सावधान
बॉलीवुड के वीर्यदाता बेरोजगार (विक्की डॉनर) एक्टर आयुष्मान खुराना LGBT+ समुदाय की फिल्मों में सबसे सटीक बैठते हैं. ऐसा ही कुछ कमाल किया उन्होंने निर्देशक हितेश केवल्या की फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' (2020) में. फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ के बाद एक बार फिर मुख्यधारा की किसी फिल्म में ऐसे विषय को उठाने के लिए इसे बनाने वालों की तारीफ जरूर की जानी चाहिए. फिल्म कार्तिक (आयुष्मान खुराना) और अमन (जितेंद्र कुमार) के समलैंगिक संबंध पर आधारित मजेदार फिल्म है.
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
फिल्म निर्देशक शैली चोपड़ा धार की फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' (2019) भी सलैंगिकता पर आधारित है, जिसमें सोनम कपूर ने बखूबी काम किया है. सोनम कपूर को फिल्म में अपनी एक प्रेमिका रेजिना कसांद्रा के लिए गाना 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' गाती है. दरअसल फिल्म की कहानी पंजाब के मुकेश अंबानी यानी चौधरी बलविंदर सिंह (अनिल कपूर) के परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका गारमेंट का कारोबार है. वह एक शादी में दिल्ली जाते हैं, जहां उनकी बेटी स्वीटी (सोनम कपूर) की मुलाकात कुहू (रेजिना कसांद्रा) से होती है. स्वीटी (सोनम कपूर) और कूहू की कहानी यहीं शुरू होती है.
कपूर एंड संस
LGBTQ+ कम्युनिटी पर बॉलीवुड में पहली फिल्म 'कपूर एंड संस' बताई जाती है. बॉलीवुड की मुख्यधारा में इस समुदाय पर बनी यह पहली फिल्म है. फिल्म में आलिया भट्ट, सिद्धार्थ मल्होत्रा और पाक एक्टर फवाद खान ने मुख्य भूमिका निभाई है. फिल्म में बड़ा मोड़ तब आता है, जब फिल्म में फवाद खान की मां के किरदार में दिखीं रत्ना पाठक शाह को उनके बेटे (फवाद खान) के होमोसेक्सुअल होने का पता चलता है और वह इसे स्वीकार भी करती हैं. इस फिल्म से LGBTQ+ कम्युनिटी के साथ-साथ समाज में भी बड़ा संदेश पहुंचा है.
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