हैदराबाद: भारतीय खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नैशनल एक्शन प्लान फॉर टॉयज के डीपीआईआईटी सचिव डॉ. गुरुप्रसाद महापात्रा और एमएसएमई के सचिव एके शर्मा की अध्यक्षता में एक आभासी सम्मेलन आयोजित किया गया था. बैठक में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था.
शिक्षण संसाधन के रूप में खिलौनों का उपयोग कैसे किया जाए, नैशनल एक्शन प्लान फॉर टॉयज इसका पूरा ध्यान रखती है. भारतीय परंपराओं और मूल्यों पर आधारित डिजाइनिंग को ध्यान में रखते हुए टॉय डिजाइनिंग के लिए एक भव्य आयोजन किया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' और 'मेड इन इंडिया टॉयस' को बढ़ावा देना है.
-
Secretary, MSME, explained in detail about various scheme available for MSMEs which may be used for supporting indigenous manufacturing of Toys. He also emphasized that the payments to MSME by State/ UT Governments ,PSUs & other industries must be made within the specified time. pic.twitter.com/svXQyZiNrS
— DPIIT India (@DIPPGOI) December 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Secretary, MSME, explained in detail about various scheme available for MSMEs which may be used for supporting indigenous manufacturing of Toys. He also emphasized that the payments to MSME by State/ UT Governments ,PSUs & other industries must be made within the specified time. pic.twitter.com/svXQyZiNrS
— DPIIT India (@DIPPGOI) December 1, 2020Secretary, MSME, explained in detail about various scheme available for MSMEs which may be used for supporting indigenous manufacturing of Toys. He also emphasized that the payments to MSME by State/ UT Governments ,PSUs & other industries must be made within the specified time. pic.twitter.com/svXQyZiNrS
— DPIIT India (@DIPPGOI) December 1, 2020
इसके आलावा, नैशनल एक्शन प्लान फॉर टॉयज, राष्ट्रीय खिलौना मेले का आयोजन, खिलौनों का गोदाम बनाना, टॉय टूरिज्म बढ़ाना, खिलौनों का घरेलू उत्पादन बढ़ाना, निवेश और भारतीय खिलौनों के निर्यात को बढ़ावा देना, खिलौना उद्योग के लिए कौशल का विकास, खिलौनों की गुणवत्ता की निगरानी करना आदि पर भी काम करता है.
डीपीआईआईटी सचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बच्चों के लिए सही तरह के सुरक्षित खिलौनों की उपलब्धता, सीखने के संसाधन के रूप में उनके उपयोग, भारतीय मूल्यों, संस्कृति, इतिहास पर आधारित उनके डिजाइन की बात पर जोर डाला है. देश में खिलौने का घरेलू उत्पादन आधार को मजबूत बनाने के दृष्टिकोण पर भी जोर दिया.
27 फरवरी से 02 मार्च 2021 तक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर 'राष्ट्रीय खिलौना मेले' का आयोजन किया जा रहा है. एमएसएमई की संयुक्त सचिव श्रीमती अलका अरोड़ा ने टूलिंग और प्रौद्योगिकी सहायता और खिलौना उद्योग की सहायता के लिए उपलब्ध 18 प्रौद्योगिकी केंद्रों पर प्रकाश डाला.
पढ़ें- टेक्नो का नया स्मार्टफोन पोवा हुआ लॉन्च, जानें फीचर्स