विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को महत्वपूर्ण व शुभ ग्रह माना जाता है. 29 जुलाई 2022 से बृहस्पति वक्री होकर गोचर कर रहे थे. वर्तमान समय में बृहस्पति ग्रह मीन राशि में वक्री होकर गोचर कर रहा है. नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (Sarika Gharu) ने बताया कि जुपिटर एट अपोजिशन की खगोलीय घटना के कारण ऐसा होगा, जिसमें सूर्य की परिक्रमा करती हुई पृथ्वी, सूर्य और बृहस्पति के बीच पहुंच रही है जिससे तीनों एक सीध में होंगे. इस घटना को विज्ञान की भाषा में जुपिटर एट अपोजीशन कहा जाता है. (Scientist Sarika Gharu). Retrograde jupiter . बृहस्पति ग्रह 24 नवंबर 2022 गुरुवार से मीन राशि में पुनः मार्गी होंगे. वक्री गोचर के दौरान किन राशियों को ध्यान रखना है आइए जानते हैं.
मेष राशि : बृहस्पति ग्रह के वक्री होने से आपके लिए कुछ मामलों में परेशानी हो सकती है. नई नौकरी की तलाश में हैं तो जल्दबाजी न करें. अचानक कोई निर्णय लेने से बचें. गुरू ग्रह के मार्गी होने तक अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है. इस दौरान पेट संबंधी रोग परेशान कर सकते हैं. खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है.
मिथुन राशि : बृहस्पति ग्रह के मीन राशि में वक्री होते ही आप लोगों के करियर और व्यापार में सफलता मिल सकती है. क्योंकि गुरु ग्रह आपकी राशि से 10 वें स्थान में वक्री हुए हैं, जिसे नौकरी और कार्यक्षेत्र का भाव माना जाता है इसलिए इस दौरान आपको नई नौकरी ऑफर आने की संभावना है. साथ ही आपका प्रमोशन होने की संभावना है, इस समय नए ऑर्डर मिलने से आपको व्यापार में अच्छा धनलाभ हो सकता है. साथ ही आपके नए व्यावसायिक संबंध बन सकते हैं और व्यापार का विस्तार होने से अच्छा लाभ हो सकता है. आपको कोर्ट-कचहरी के मामलों में भी सफलता मिल सकती है. साथ ही आप लोग लकी स्टोन पन्ना पहन सकते हैं.
वृश्चिक राशि : बृहस्पति ग्रह के वक्री होने से आप लोगों के अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. वाहन, भवन आदि का सपना पूरा हो सकता है और संयम रखें. क्योंकि गुरु ग्रह आपकी राशि से 5 वें स्थान में वक्री हुए हैं. गुरू के मार्गी होने तक आपको धन संबंधों कामों में जल्दबाजी न करें. मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा. हर बात की पूरी जानकारी के बाद ही निर्णय लें. रिश्ते आएंगे. लेकिन जवाब मिलने में वक्त लग सकता है. विवाह होने में देरी हो सकती है.
59 सालों बाद इतना निकट आएगा जुपिटर: Sarika Gharu ने बताया कि 1963 के बाद जुपिटर पृथ्वी से इतनी निकटता पर होगा, इसलिए यह घटना विशेष महत्व रखती है. इससे पहले 2017 को दिखे बृहस्पति के आकार की तुलना में यह 11 प्रतिशत बड़ा और लगभग डेढ़ गुना अधिक चमकीला दिखेगा. इस बार बृहस्पति ग्रह की पृथ्वी से दूरी 59 करोड़ किमी से कुछ अधिक होगी और इसका प्रकाश पृथ्वी तक आने में 33 मिनिट लगेंगे. यह मीन तारामंडल में दिखेगा और माईनस 2.9 मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा. (Navratri Special)
सारिका ने बताया कि पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करते रहने के कारण हर 13 माह में जुपिटर एट अपोजीशन की घटना होती है. अगली घटना 2 नवम्बर 2023 को होगी. अगर आपके पास टेलिस्कोप या बाइनाकुलर है तो इसकी मदद से जुपिटर के चार चंद्रमा को भी देख पायेंगे। वैसे जुपिटर के अब तक 80 चंद्रमा खोजे जा चुके हैं जिनमें से 57 का नामकरण हो चुका है. तों विशाल गुरू के दर्शन के साथ नवरात्रि मनाइए.
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