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भोपाल बना साइबर फ्रॉड का सेंटर, जनवरी से अभी तक 300 मामले आए सामने

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Published : Sep 13, 2020, 6:40 PM IST

राजधानी भोपाल में साइबर फ्रॉड तेजी से अपने पैर पसार रहा है. यही कारण है कि जनवरी से लेकर अगस्त तक 300 मामले सामने आ चुके हैं.

Cyber crime is increasing in Bhopal
भोपाल में बढ़ रहे साइबर क्राइम

भोपाल। देशभर में साइबर फ्रॉड ने अपनी जगह बना ली है. साइबर क्राइम करने वाले ऑनलाइन लिंक केवाईसी अन्य तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं. वहीं राजधानी भोपाल भी साइबर फ्रॉड से अछूती नहीं है. जनवरी से अगस्त तक करीब 250 से 300 मामले साइबर क्राइम पुलिस के पास सामने आए हैं. जिसमें साइबर क्राइम पुलिस ने लगभग 200 लोगों के केस को सुलझाकर उनके पैसे वापस किए हैं.

साइबर क्राइम एडिशनल एसपी संदेश जैन ने बताया कि पहले साइबर क्राइम भोपाल, क्राइम पुलिस के साथ ही मिलकर काम करता था. लेकिन पिछले अगस्त से साइबर क्राइम की ब्रांच अलग कर दी गई है. जिसके बाद से अगस्त 2019 से लेकर अगस्त 2020 तक 350 मामले सामने आए हैं. वहीं बात करें तो जनवरी 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक 300 मामले सामने आए हैं. जिसमें ठगों द्वारा ठगी किए गए लगभग 200 लोगों के पैसे वापस कर आए हैं.

संदेश जैन ने बताया कि कोरोना काल में साइबर पुलिस की टीम बाहर नहीं जा पाई. जिसके चलते काम में सुस्ती रही, इस दौरान साइबर ठग सक्रिय रहे और कई लोगों को अपना शिकार बनाया. लॉकडाउन की बंदिश के कारण जांच ठप रही. हालांकि लॉकडाउन खुलते ही पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी हैं.

लोन के नाम पर ठगी

बता दें कि पिछले एक महीने में तीन बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ है. बात करें तो इस महीने के शुरुआती दौर से ही पुलिस एक्शन में है और एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोन के नाम पर लोगों को ठगी का काम करता था. वह विशेष सशस्त्र बल में पदस्थ डिप्टी कमांडर के साथ लोन के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था.

विदिशा सहित अन्य जिलों में कई लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. उसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने फर्जी सिम का कारोबार चलाने वाले आरोपियों का पर्दाफाश किया था. इन आरोपियों को क्राइम ब्रांच पुलिस ने ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया व अन्य स्थानों से गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 500 से अधिक की संख्या में फर्जी सिम बरामद किए गये थे.

दस हजार लोगों से ठगी

अभी बात करें शुक्रवार की तो एक बड़े फर्जी वेबसाइट बनाकर लोन देने वाले समूह का साइबर पुलिस द्वारा पर्दाफाश किया गया है. इस समूह का पर्दाफाश साइबर पुलिस ने किया है. इनके पास से अभी तक फर्जी 17 वेबसाइट जिनके माध्यम से इन्होंने लोगों को ठगा था और 16 अकाउंट बरामद किए हैं. उन्होंने लगभग दस हजार लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाया था.

शनिवार को 20 FIR दर्ज

इस मामले में भोपाल एडीजी द्वारा अपील की गई थी कि जिसके साथ भी ऑनलाइन लोन के नाम पर ठगी हुई है तो तुरंत पुलिस को सूचना दे. जिसके बाद शनिवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में 20 एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं एक युवक की अकाउंट से 16 लाख रुपए डुप्लीकेट सिम बनाकर हड़प लिए गए थे. इस मामले में भी साइबर पुलिस ने बैंक के साथ मिलकर युवक के 13 लाख रुपए रिटर्न करा आए हैं. इस तरह के कई लोगों के साइबर पुलिस ने मदद की है.

समय-समय पर साइबर पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी भी जारी की जाती है. लेकिन साइबर ठग इस तरह का जाल बिछाते हैं कि आम आदमी उस में फंस ही जाता है.

भोपाल। देशभर में साइबर फ्रॉड ने अपनी जगह बना ली है. साइबर क्राइम करने वाले ऑनलाइन लिंक केवाईसी अन्य तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं. वहीं राजधानी भोपाल भी साइबर फ्रॉड से अछूती नहीं है. जनवरी से अगस्त तक करीब 250 से 300 मामले साइबर क्राइम पुलिस के पास सामने आए हैं. जिसमें साइबर क्राइम पुलिस ने लगभग 200 लोगों के केस को सुलझाकर उनके पैसे वापस किए हैं.

साइबर क्राइम एडिशनल एसपी संदेश जैन ने बताया कि पहले साइबर क्राइम भोपाल, क्राइम पुलिस के साथ ही मिलकर काम करता था. लेकिन पिछले अगस्त से साइबर क्राइम की ब्रांच अलग कर दी गई है. जिसके बाद से अगस्त 2019 से लेकर अगस्त 2020 तक 350 मामले सामने आए हैं. वहीं बात करें तो जनवरी 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक 300 मामले सामने आए हैं. जिसमें ठगों द्वारा ठगी किए गए लगभग 200 लोगों के पैसे वापस कर आए हैं.

संदेश जैन ने बताया कि कोरोना काल में साइबर पुलिस की टीम बाहर नहीं जा पाई. जिसके चलते काम में सुस्ती रही, इस दौरान साइबर ठग सक्रिय रहे और कई लोगों को अपना शिकार बनाया. लॉकडाउन की बंदिश के कारण जांच ठप रही. हालांकि लॉकडाउन खुलते ही पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी हैं.

लोन के नाम पर ठगी

बता दें कि पिछले एक महीने में तीन बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ है. बात करें तो इस महीने के शुरुआती दौर से ही पुलिस एक्शन में है और एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोन के नाम पर लोगों को ठगी का काम करता था. वह विशेष सशस्त्र बल में पदस्थ डिप्टी कमांडर के साथ लोन के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था.

विदिशा सहित अन्य जिलों में कई लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. उसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने फर्जी सिम का कारोबार चलाने वाले आरोपियों का पर्दाफाश किया था. इन आरोपियों को क्राइम ब्रांच पुलिस ने ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया व अन्य स्थानों से गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 500 से अधिक की संख्या में फर्जी सिम बरामद किए गये थे.

दस हजार लोगों से ठगी

अभी बात करें शुक्रवार की तो एक बड़े फर्जी वेबसाइट बनाकर लोन देने वाले समूह का साइबर पुलिस द्वारा पर्दाफाश किया गया है. इस समूह का पर्दाफाश साइबर पुलिस ने किया है. इनके पास से अभी तक फर्जी 17 वेबसाइट जिनके माध्यम से इन्होंने लोगों को ठगा था और 16 अकाउंट बरामद किए हैं. उन्होंने लगभग दस हजार लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाया था.

शनिवार को 20 FIR दर्ज

इस मामले में भोपाल एडीजी द्वारा अपील की गई थी कि जिसके साथ भी ऑनलाइन लोन के नाम पर ठगी हुई है तो तुरंत पुलिस को सूचना दे. जिसके बाद शनिवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में 20 एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं एक युवक की अकाउंट से 16 लाख रुपए डुप्लीकेट सिम बनाकर हड़प लिए गए थे. इस मामले में भी साइबर पुलिस ने बैंक के साथ मिलकर युवक के 13 लाख रुपए रिटर्न करा आए हैं. इस तरह के कई लोगों के साइबर पुलिस ने मदद की है.

समय-समय पर साइबर पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी भी जारी की जाती है. लेकिन साइबर ठग इस तरह का जाल बिछाते हैं कि आम आदमी उस में फंस ही जाता है.

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