रोम : जैसे जैसे कोरोना वायरस दुनिया भर मे फैल रहा है, वैसे वैसे दुनिया भर के एशियाई समुदाय संदेह और भय महसूस कर रहा है. यह डर और संदेह को मिटाने के लिए एक शख्स ने कुछ करने का फैसला किया.
दरअसल, मैसिमिलियानो मार्टिगली जियांग नामक एक चीनी व्यक्ति ने एक मुहिम शुरू की, जिसके तहत उसने चेहरे पर मास्क और आखों पर पट्टी बांधी और एक संदेश बोर्ड के साथ इटली के फ़्लोरेंस में खड़ा हो गया. इस बोर्ड पर लिखा था 'मैं एक वायरस नहीं हूं, मैं एक इंसान हूं, मुझे पूर्वाग्रह से मुक्त करें.'
जियांग की यह मुहिम लोगों के दिलों को छू गई. इस दौरान कई लोगों ने जियान को गले लगाया, और कुछ ने आंखों पर पट्टी भी हटा दी. उन्होंने अपने फेसबुक पेज और इंस्टाग्राम पर लोगों की प्रतिक्रिया का वीडियो अपलोड किया है.
वीडियों को अपलोड करते हुए जियांग ने अपने फेसबुक अकांउट पर लिखा कि यह वीडियो उन चीजों में से एक था, जिन्होंने मुझे एक दिन पहले सोने नहीं दिया. इस वीडियो ने मुझे चिंता में डाल दिया. पर अब आप सभी का धन्यवाद! आपने मुझे रुला दिया.
एक सप्ताह से पहले अपलोड किए गए इस वीडियो को इतालवी मीडिया ने व्यापक रूप से साझा किया है.
जियांग की इस वीडियो ने दुनिया भर में एक मुहिम छेड़ दी. उनकी वीडियो सामने आने के बाद अलग अलग जगह पर चीन को लोग मैं एक वायरस नहीं हूं, 'मैं एक इंसान हूं, मुझे पूर्वाग्रह से मुक्त करें.' का बोर्ड लेकर खड़े हो गए.
जियोंग ने कोरोनो वायरस प्रकोप के उपकेंद्र पर चीनी शहर वुहान के लोगों की भी सराहना की. जियांग ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'वुहान चलो - चाइना चलो.'
बता दें कि चीन ने वुहान और अन्य शहरों में, जहां कोरोना वायरस फैल गया है, वहां लॉकडाउन कर दिया है.
इस वीडियो के सामने आने के बाद एशियाई मूल के लोगों पर निर्देशित और चीन विरोधी बयानबाजी की रिपोर्टों में काफी बदलाव आया है, चाहे वह कभी भी महामारी के केंद्र में आए हों या वायरस के संपर्क में आए हों.
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चीनी पर्यटकों को इतालवी शहर वेनिस में कथित तौर पर उकसाया गया था, ट्यूरिन में एक परिवार पर बीमारी को ले जाने का आरोप लगाया गया था, और मिलान में लोगों ने बच्चों को चीनी सहपाठियों से दूर रखने के लिए कहा था.
इसके अलावा कनाडा में एक व्यक्ति को एक स्थानीय मॉल की पार्किंग में एक चीनी-कनाडाई महिला को कहा था कि 'आपने अपना कोरोनावायरस गिरा दिया' और घटना का वीडियो बनाया था.
इसके अलावा मलेशिया में, चीनी लोगों को हमारे देश में प्रवेश करने से रोकने की याचिका पर एक सप्ताह में लगभग 500,000 हस्ताक्षर किए थे.