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यूपी के डॉक्टरों का कमाल, बच्ची के गले से निकाली नीडल - नीडल

यूपी के झांसी में डॉक्टरों की टीम ने एक मरीज के सांस की नली में फंसी नीडल निकालकर उसकी जान बचाई है. डॉक्टर ने बताया कि एनेस्थीसिया देते समय सिरिंज की नीडल सांस की नली में चली गई थी.

doctor removes needle from throat
डॉक्टरों ने गले से निकाली नीडल
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Published : Apr 11, 2021, 7:34 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 8:21 PM IST

झांसी/शिवपुरी: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने एक मरीज के सांस की नली में फंसी सिरिंज की नीडल को ब्रोंकोस्कोपी की मदद से निकालकर उसकी जान बचाने में सफलता हासिल की है. बता दें कि इलाज में देरी से मरीज की मौत भी हो सकती थी.

डॉक्टरों ने गले से निकाली नीडल

डॉक्टरों ने टांके लगाने के बाद पेट के अंदर छोड़ी सुई, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

सांस लेने में हो रही थी दिक्कत

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा के रहने वाले 37 वर्षीय आईटीबीपी जवान लल्लन का झांसी के एक डॉक्टर के यहां इलाज होना था. गुरुवार को मरीज को लोकल एनेस्थीसिया देते समय सिरिंज की नीडल सांस की नली में चली गई. इसके बाद मरीज को खांसी आने लगी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. मरीज के परिजनों ने कई ईएनटी डॉक्टरों से सम्पर्क किया लेकिन, सभी ने मना कर दिया. इस बात की जानकारी मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के हेड डॉ. जितेंद्र यादव को दी गई . डॉक्टर की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगी हुई थी. मरीज की जिंदगी को खतरे में देखकर डॉ. जितेंद्र ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से अनुमति ली. डॉक्टर ने टीम के साथ सांस की नली में फंसी सिरिंज की नीडिल निकालने में सफलता हासिल की.

झांसी/शिवपुरी: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने एक मरीज के सांस की नली में फंसी सिरिंज की नीडल को ब्रोंकोस्कोपी की मदद से निकालकर उसकी जान बचाने में सफलता हासिल की है. बता दें कि इलाज में देरी से मरीज की मौत भी हो सकती थी.

डॉक्टरों ने गले से निकाली नीडल

डॉक्टरों ने टांके लगाने के बाद पेट के अंदर छोड़ी सुई, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

सांस लेने में हो रही थी दिक्कत

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा के रहने वाले 37 वर्षीय आईटीबीपी जवान लल्लन का झांसी के एक डॉक्टर के यहां इलाज होना था. गुरुवार को मरीज को लोकल एनेस्थीसिया देते समय सिरिंज की नीडल सांस की नली में चली गई. इसके बाद मरीज को खांसी आने लगी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. मरीज के परिजनों ने कई ईएनटी डॉक्टरों से सम्पर्क किया लेकिन, सभी ने मना कर दिया. इस बात की जानकारी मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के हेड डॉ. जितेंद्र यादव को दी गई . डॉक्टर की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगी हुई थी. मरीज की जिंदगी को खतरे में देखकर डॉ. जितेंद्र ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से अनुमति ली. डॉक्टर ने टीम के साथ सांस की नली में फंसी सिरिंज की नीडिल निकालने में सफलता हासिल की.

Last Updated : Apr 11, 2021, 8:21 PM IST
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