उज्जैन। देश भर में विश्व कैंसर दिवस जागरूकता बढ़ाने और रोकथाम, पता लगाने के साथ ही उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. उज्जैन की रहने वाली 90 वर्षीय महिला जो समाज और कैंसर रोगियों के लिए एक प्रेरणा है. 70 साल की उम्र में शांति देवी गर्भाशय के कैंसर से पीड़ित हुई. डॉ ने आपरेशन के दौरान 3.5 किलो की गांठ महिला के गर्भाश्य से निकाली थी, 3 साल के लंबे उपचार के बाद आज इस बात को 20 साल बीत चुके हैं. शांति देवी अभी एकदम स्वस्थ और फिट है. वे बताती हैं कि कैंसर ही नहीं उन्हें हार्ट प्रोब्लम भी हुई, कोरोना ने जकड़ा उसके साइड इफेक्ट से उनकी बांई आख की रोशनी चली गई, लेकिन शांति देवी इन समस्याओं से हारी नही. हर बीमारी को हराने वाली शांति देवी समाज के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.
90 साल की उम्र में भी हैं फिट
शांति देवी बताती हैं कि उनके पति स्व. गोपाल कृष्ण शर्मा भी कैंसर से पीड़ित थे उनकी मौत के बाद 1992 में उन्हें भी कैंसर ने जकड़ लिया. महिला ने बताया कि डिलेवरी के समय उनका एक बच्चा पेट में ही मर गया था, जिसकी वजह से उनका शरीर नीला पड़ गया था. डॉक्टर्स ने बच्चे को निकालकर उनकी जान बचाई थी. यहीं से वे कैंसर से ग्रस्त हो गईं.पति की मृत्यु के 10 दिन बाद ही उन्हें शरीर में तकलीफ हुई और बीमारी की जानकारी लगी. इसके इलाज के लिए वे 3 महीने तक भर्ती रही, जिसके बाद 3 साल तक इलाज चला. आना जाना किया, लेकिन कैंसर से जंग जीत कर वे खुश थीं. तभी बढ़ती उम्र में उन्हें हार्ट संबंधी दिक्कतें हुई, जिसका ऑपरेशन किया गया और सफल हुआ. कोरोना में दूसरी लहर में महिला कोरोना संक्रमित भी हुई, जिसकी वजह से उनकी बाईं आंख की रोशनी चली गई, लेकिन शारिरिक तौर पर वे अब एकदम फिट और स्वस्थ हैं.
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