उज्जैन। दीपावली पर अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था, अब अयोध्या की तर्ज पर भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन को भी 1 मार्च यानी को महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव ज्योति अर्पणमा महोत्सव आयोजित किया जाएगा. इसके अंतर्गत क्षिप्रा के तट, देवस्थानों, मंदिरों और नगर में घर-घर दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. शाम सात बजे 21 लाख दीपक लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अयोध्या से ढाई गुना ज्यादा दीपक उज्जैन में लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा
दीपावली की तरह मनेगी महा शिवरात्रि
यह जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आव्हान पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी रहेगी. क्षिप्रा नदी के तट पर दोनों ओर 13 लाख दीप प्रज्वलित किए जाएंगे, इसके अतिरिक्त नगर के देवस्थल महाकाल मंदिर, मंगलनाथ मंदिर काल भैरव मंदिर, गढ़ कालिका, सिद्धवट, हरसिद्धि मंदिर, प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर दीप लगाए जाएंगे. नगर के नागरिक भी अपने घरों पर 5-5 दीप प्रज्वलित करेंगे, जिनकी संख्या भी 8 से 9 लाख के बीच होगी. नागरिकों द्वारा उज्जैन नगर निगम के माध्यम से संकल्प पत्र भी भरे गए हैं, इस तरह घर, नगर और शिप्रा के तट पर कुल 21 लाख दीये लगाए जाएंगे. जिसका नाम विश्व रिकॉर्ड होगा में दर्ज होगा.
कैसे लगेंगे दीप
डॉ यादव ने बताया कि, शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव में व्यापक संपर्क अभियान के माध्यम से लोगों को जोड़ा गया है, लगभग 17 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने पंजीयन कराया है. इनमें विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विद्यार्थी, खिलाडी, व्यवसायिक एवं सामाजिक संगठन, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, सभी अखाड़ों के संतगण शामिल है, जो दीप लगाने में मदद करेंगे. दीप प्रज्वलन की व्यवस्था के लिए ब्लॉक और सेक्टर बनाए गए हैं, प्रत्येक सेक्टर में स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया है जिनके साथ पर्यवेक्षक भी रहेंगे.
अयोध्या की तर्ज पर रोशन होगी महाकाल की नगरी
इससे पहले अयोध्या में 9 लाख दीपक लगाए गए थे, अब उज्जैन में अयोध्या से ढाई गुना ज्यादा यानी 21 लाख दीपकों से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा. इसके लिए लिम्का वर्ड रिकॉर्ड और गिनीज वर्ड रिकॉर्ड की टीम को भी बुलाया गया है.
'जीरो वेस्ट' को लक्ष्य बनाकर होगा महोत्सव
शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव में जीरो वेस्ट' को लक्ष्य बनाकर कार्यक्रम की रुपरेखा बनाई गई है. आयोजन के सभी घटक मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश के (जीरो बेस्ट कार्यक्रम मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी) अनुसार ही तय किए जा रहे हैं.
- स्वयंसेवकों के पहचानपत्र क्यूआर कोड एप के माध्यम से रीसायकल पेपर से बनाए जायेंगे.
- महोत्सव के पश्चात् दीयों का होम कम्पोस्टिंग, मटके, कुल्लइ आदि बनाने उपयोग किया जाएगा.
- कार्यक्रम पश्चात् बचे हुए तेल का गौशाला आदि में इस्तेमाल किया जाएगा.
- तेल की खाली बोतलों का 3-R प्रक्रिया के माध्यम से पुनः उपयोग होगा.
- मोमबत्तियों को जलाने के लिए पेपर मैचबॉक्स का इस्तेमाल किया जाएगा.
- खाने-पीने के लिए केवल जैव-निम्नीकरणीय कटलरी, प्लेट का उपयोग किया जाएगा.