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Heavy rain in Ujjain शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से घाटों पर बने मंदिर हुए जलमग्न, गंभीर डैम के 3 गेट खुले - गंभीर डैम 3 गेट खुले

उज्जैन में झमाझम बारिश का दौर जारी है. जिले में पिछले 24 घंटों में 23.8 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है. हांलाकि बारिश गई जगह आफत का सबब भी बनकर आई. शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से मंदिर डूब गए. बारिश के चलते निचले इलाके जलमग्न हो गए. गई जगह जाम की स्थिति भी निर्मित हुई. (Shipra River Water Level Rise) (3 gates of Gambhir Dam opened)

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Published : Aug 10, 2022, 1:20 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन सहित आसपास के इलाकों में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश हो रही है. जिससे एक बार फिर शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. रामघाट स्थित कई मंदिर भी जलमग्न होने लगे हैं. उज्जैन शहर की प्यास बुझाने वाला गंभीर डैम भी फूल हो गया है. जिसके चलते डैम के तीन गेटों को एक-एक मीटर तक खोलना पड़ा. गेट खोलते समय सायरन बजाकर नदी के आसपास रहने वालों को सूचित भी कर दिया गया है.(Heavy Rain In Ujjain)

शिप्रा नदी में घाटों पर बने मंदिर डूबे

24 घंटे में 3 इंच से अधिक बारिश: उज्जैन जिले में तेज बारिश का दौर जारी है. बारिश के कारण शिप्रा नदी के रामघाट पर स्थित कई बड़े और छोटे मंदिर डूबने की स्थिति में आ गए हैं. जिससे रोजाना तर्पण और अन्य पूजन पाठ के लिए आने वाले श्रद्धालु अब मंदिरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि शहर में बीते 24 घंटे में करीब 3 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है. आगामी 24 घंटे में भी बारिश होने की संभावना है. (Shipra River Water Level Rise)

Roads submerged in Ujjain
उज्जैन में सड़कें हुईं जलमग्न

निचली बस्तियों में जलभराव: श्रावण महीने को पूरे होने में 2 दिन शेष हैं. जाते सावन ने जोरदार बारिश का माहौल बना दिया है. हालांकि बारिश आधे घंटे में ही पूरी तरह बंद भी हो गई. लेकिन कितनी तेज बारिश हुई उससे शहर भर के नाले भर गए. पानी सड़कों पर आने से जाम की स्थिति निर्मित हो गई. अधिकांश निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गई. वहीं आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट से लोग घरों में दुबके रहे.

आदिवासी समुदाय ने बारिश में निकाली शोभायात्रा

पानी में शोभा यात्रा: विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day 2022) के दिन शहर में हो रही बारिश के बीच आदिवासी समुदाय के लोगों ने शहर के टावर चौक पर उत्साह पूर्वक शोभा यात्रा निकाली. पारंपरिक वेश भूषा व हाथ में समाज का ध्वज लिए भीगते हुए मस्ती में जय मामिया, जय आदिवासी का जयघोष लगाते हुए नजर आए. आदिवासी समाज ने टावर चौक पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.

Tawa Dam Gates Opened: तवा डैम के सभी 13 गेट 10-10 फीट तक खोले गए, आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी

उज्जैन जिले में बारिश की स्थिति: इस साल उज्जैन जिले में सर्वाधिक वर्षा नागदा तहसील में 717 मिमी रिकार्ड की गई है. जबकि सबसे कम बारिश बड़नगर तहसील में 375 मिमी वर्षा हुई है. अभी तक इस वर्ष जिले में औसत 497.8 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है. बात पिछले साल इसी अवधि की करें तो जिले में औसत 609.5 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी. भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले में पिछले चौबीस घंटे के दौरान चारों ओर वर्षा हुई है. उज्जैन तहसील में 29, घट्टिया में 18, खाचरौद में 15, नागदा में 45, बड़नगर में 8, महिदपुर में 10, झारड़ा में 26, तराना में 18 मिमी एवं माकड़ोन में 45 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. इस प्रकार चौबीस घंटे के दौरान जिले में औसत 23.8 मिमी वर्षा हुई है.

गंभीर की स्थिति अच्छी हुई: 2 महीने शहर में भले ही बारिश का दौर देखने को नहीं मिला हो. लेकिन शहर की प्यास बुझाने वाले एकमात्र डैम गंभीर में बारिश के बाद पानी की आवक तेजी से हो रही है. जिससे आने वाले दिनों में बांध में पर्याप्त क्षमता से पानी उपलब्ध हो सकेगा. 2250 की कैपेसिटी वाले बांध में अभी तक 15 सौ से अधिक MCFT (Million Cubic Feet) पानी संग्रहित हो चुका है. निश्चित है पेयजल के लिए शहर गंभीर बांध पर निर्भर है और इस बार बांध प्यास बुझाने में सक्षम हो रहा है.

(Heavy Rain In Ujjain) (Shipra River ghats Temples Submerged) (3 gates of Gambhir Dam opened)

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन सहित आसपास के इलाकों में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश हो रही है. जिससे एक बार फिर शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. रामघाट स्थित कई मंदिर भी जलमग्न होने लगे हैं. उज्जैन शहर की प्यास बुझाने वाला गंभीर डैम भी फूल हो गया है. जिसके चलते डैम के तीन गेटों को एक-एक मीटर तक खोलना पड़ा. गेट खोलते समय सायरन बजाकर नदी के आसपास रहने वालों को सूचित भी कर दिया गया है.(Heavy Rain In Ujjain)

शिप्रा नदी में घाटों पर बने मंदिर डूबे

24 घंटे में 3 इंच से अधिक बारिश: उज्जैन जिले में तेज बारिश का दौर जारी है. बारिश के कारण शिप्रा नदी के रामघाट पर स्थित कई बड़े और छोटे मंदिर डूबने की स्थिति में आ गए हैं. जिससे रोजाना तर्पण और अन्य पूजन पाठ के लिए आने वाले श्रद्धालु अब मंदिरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि शहर में बीते 24 घंटे में करीब 3 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है. आगामी 24 घंटे में भी बारिश होने की संभावना है. (Shipra River Water Level Rise)

Roads submerged in Ujjain
उज्जैन में सड़कें हुईं जलमग्न

निचली बस्तियों में जलभराव: श्रावण महीने को पूरे होने में 2 दिन शेष हैं. जाते सावन ने जोरदार बारिश का माहौल बना दिया है. हालांकि बारिश आधे घंटे में ही पूरी तरह बंद भी हो गई. लेकिन कितनी तेज बारिश हुई उससे शहर भर के नाले भर गए. पानी सड़कों पर आने से जाम की स्थिति निर्मित हो गई. अधिकांश निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गई. वहीं आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट से लोग घरों में दुबके रहे.

आदिवासी समुदाय ने बारिश में निकाली शोभायात्रा

पानी में शोभा यात्रा: विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day 2022) के दिन शहर में हो रही बारिश के बीच आदिवासी समुदाय के लोगों ने शहर के टावर चौक पर उत्साह पूर्वक शोभा यात्रा निकाली. पारंपरिक वेश भूषा व हाथ में समाज का ध्वज लिए भीगते हुए मस्ती में जय मामिया, जय आदिवासी का जयघोष लगाते हुए नजर आए. आदिवासी समाज ने टावर चौक पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.

Tawa Dam Gates Opened: तवा डैम के सभी 13 गेट 10-10 फीट तक खोले गए, आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी

उज्जैन जिले में बारिश की स्थिति: इस साल उज्जैन जिले में सर्वाधिक वर्षा नागदा तहसील में 717 मिमी रिकार्ड की गई है. जबकि सबसे कम बारिश बड़नगर तहसील में 375 मिमी वर्षा हुई है. अभी तक इस वर्ष जिले में औसत 497.8 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है. बात पिछले साल इसी अवधि की करें तो जिले में औसत 609.5 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी. भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले में पिछले चौबीस घंटे के दौरान चारों ओर वर्षा हुई है. उज्जैन तहसील में 29, घट्टिया में 18, खाचरौद में 15, नागदा में 45, बड़नगर में 8, महिदपुर में 10, झारड़ा में 26, तराना में 18 मिमी एवं माकड़ोन में 45 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. इस प्रकार चौबीस घंटे के दौरान जिले में औसत 23.8 मिमी वर्षा हुई है.

गंभीर की स्थिति अच्छी हुई: 2 महीने शहर में भले ही बारिश का दौर देखने को नहीं मिला हो. लेकिन शहर की प्यास बुझाने वाले एकमात्र डैम गंभीर में बारिश के बाद पानी की आवक तेजी से हो रही है. जिससे आने वाले दिनों में बांध में पर्याप्त क्षमता से पानी उपलब्ध हो सकेगा. 2250 की कैपेसिटी वाले बांध में अभी तक 15 सौ से अधिक MCFT (Million Cubic Feet) पानी संग्रहित हो चुका है. निश्चित है पेयजल के लिए शहर गंभीर बांध पर निर्भर है और इस बार बांध प्यास बुझाने में सक्षम हो रहा है.

(Heavy Rain In Ujjain) (Shipra River ghats Temples Submerged) (3 gates of Gambhir Dam opened)

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