सतना। सिद्धा पहाड़ को लेकर मैहर बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा शुरू की गई पद यात्रा का शुक्रवार को समापन हो गया. यह यात्रा 27 सितंबर को चित्रकूट के कामतानाथ मुखारबिंद से शुरू हुई थी. यात्रा समापन के बाद सिद्धा पहाड़ में धर्म सभा हुई. इस धर्म सभा मे चित्रकूट क्षेत्र के मठ मंदिरों के साधु-संतों के साथ आम जन भी शामिल हुए. सभी ने सभा में एक सुर में चित्रकूट क्षेत्र के संरक्षण और संवर्धन के संकल्प लिया और चित्रकूट को खनन मुक्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की. (MLA Narayn Tripathi) (narayan tripathi pad yatra)
धार्मिक ग्रंथों मे है सिद्धा पहाड़ का उल्लेख: भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट के वन क्षेत्र में सिद्धा पहाड़ भी एक जगह हैं जहां प्रभु श्री राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास का साढ़े 11 वर्ष से अधिक का समय यहीं व्यतीत किया. जिसका उल्लेख बाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस में भी है. रामायण के अनुसार इसी पर्वत को देखकर प्रभु श्री राम ने धरती से राक्षस जाति का अंत करने की प्रतिज्ञा ली थी. धार्मिक मान्यतानुसार यह पहाड़ राक्षसों ने ऋषि-मुनियों को खाकर उनकी हड्डियों से बनाया था. (narayan tripathi pad yatra siddha pahar)
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सरकार के आदेश ने खड़ा किया विवाद: सिद्धा पहाड़ को सरकार ने खनन के लिए एनओसी जारी कर दी थी, जैसे ही सरकारी फरमान की जानकारी लगी एक-एक कर आस्था से जुड़े लोगों ने अपनी आपत्ति जतानी शुरू कर दी. यही नहीं हिंदू आस्था से जुड़ी इस धरोहर को ना सिर्फ संरक्षित करने बल्कि पूरे क्षेत्र को खनन मुक्त करने की मांग उठनी शुरू हो गई. विरोध में मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने पत्र लिखकर एवं अपना बयान जारी कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस खदान को निरस्त करने की मांग की थीं. अंततः सरकार को बैकफुट में जाना पड़ा और लीज निरस्त की गई. कांग्रेस नेताओं ने भी सिद्धा पर्वत पर राम जानकी और लक्ष्मण जी की मूर्ति स्थापित कर 84 कोसीय परिक्रमा के विकास की मांग कर रहे हैं. वनवासी राम के तपोभूमि के स्थलों को विकसित कर चित्रकूट क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन विकसित करने की मांग की जा रही है. (maihar mla narayan) (satna today news) (siddha pahar save)(save chitrakoot resolved) (chitrakoot resolved maihar mla) (mp news)