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MP में 'वायरल अटैक'! रोजाना बढ़ रहे सर्दी-जुकाम के मरीज, बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित, अस्पताल में जमीन पर हो रहा इलाज

कोरोना की संभावित तीसरी लहर (Corona Third Wave) से पहले बच्चों में वायरल फीवर (Viral Fever) के केस बढ़े हैं. बात करें सतना (Satna) की, तो जिले में हर रोज 1200 के करीब मरीज सामने आ रहे हैं. सर्दी-जुकाम की सबसे ज्यादा शिकायतें बच्चों में सामने आई हैं. जिला अस्पताल (District Hospital) का शिशु वॉर्ड (Children Ward) फुल है, स्थिति ये है कि जमीन में मासूमों का इलाज हो रहा है.

MP में 'वायरल अटैक'!
MP में 'वायरल अटैक'!
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Published : Sep 21, 2021, 8:07 PM IST

सतना(Satna)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना की थर्ड वेव (Corona Third Wave) की आशंका के बीच बच्चों में वायरल अटैक (Viral Attack) के केस बढ़े हैं. हालात ये हैं कि सतना के जिला अस्पताल (District Hospital) के शिशु वॉर्ड (Children Ward) में जितने बच्चे बेड पर भर्ती हैं, उससे ज्यादा बच्चे जमीन पर गद्दे बिछाकर इलाज करवा रहे हैं. 22 बेड के वॉर्ड में 50 बच्चे एडमिट हैं. हालांकि वायरल फीवर (Viral Fever) से बुजुर्ग भी पीड़ित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मासूमों की हालत खराब है. सतना में रोजाना 1200 मरीज जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

सतना में 'वायरल अटैक', जिला अस्पताल फुल

देशभर में कोरोना महामारी ने हाहाकर मचा दिया था. अब कोरोना की थर्ड वेव की आशंका के बीच घर-घर वायरल अटैक देखने को मिल रहा है. बड़ी संख्या में सर्दी-जुकाम और बुखार से ग्रसित मरीज सामने आए हैं. कोरोना वायरस के मिलते-जुलते लक्षणों की वजह से लोग भी परेशान हैं. शहर के कई प्राइवेट क्लीनिकों में बुखार के मरीजों का परामर्श अभी भी बंद है. लिहाजा मरीजों के पास जिला अस्पताल जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. दो-तीन दिन बाद भी बुखार न उतरने पर मरीज जिला अस्पताल में पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है.

अस्पतालों में भीड़
अस्पतालों में भीड़

शिशु वॉर्ड फुल, जमीन में बच्चों का इलाज

सतना के जिला अस्पताल स्थित शिशु वॉर्ड की हालत बदतर हो गई है. 22 बेड के वॉर्ड में 50 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. जाहिर है बच्चों को नीचे लिटाया गया है. एक आइवी फ्लूड स्टैंड पर 3-3 बॉटल लटकाई गईं हैं. जो बच्चे बीमारी से अनजान हैं, उन मासूमों के हाथों में बेनफ्लेम लगा है. इंजेक्शन लगते ही बच्चे दर्द से चीखने लगते हैं. कोई दो दिन से आंखे नहीं खोले है तो किसी के मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा है.

इससे घूसखोर अफसरों की होगी मौज, प्राइवेट स्कूल संचालकों ने क्यों लगाया ये आरोप, फिर सड़क पर उतरने की तैयारी

रोजाना अस्पताल पहुंच रहे 1200 मरीज

सरदार वल्लभ भाई शासकीय जिला चिकित्सालय की ओपीडी में इस समय रोजाना औसतन 1200 पेशेंट पहुंच रहे हैं. इन मरीजों में ज्यादातर मेडिसीन विभाग के रहते हैं. सर्वाधिक मरीज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों की मानें तो सबसे ज्यादा मरीज इस समय वायरल इंफेक्शन के आ रहे हैं. बच्चे, जवान और बूढ़े, सभी को वायरल ने अपनी चपेट में ले लिया है. बुखार-जुकाम से ग्रसित मरीजों की अस्पताल की कोविड जांच भी कराई जा रही है. राहत की बात यह है कि इस समय किसी की भी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है.

लापरवाही ना बरतें लोग

सतना(Satna)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना की थर्ड वेव (Corona Third Wave) की आशंका के बीच बच्चों में वायरल अटैक (Viral Attack) के केस बढ़े हैं. हालात ये हैं कि सतना के जिला अस्पताल (District Hospital) के शिशु वॉर्ड (Children Ward) में जितने बच्चे बेड पर भर्ती हैं, उससे ज्यादा बच्चे जमीन पर गद्दे बिछाकर इलाज करवा रहे हैं. 22 बेड के वॉर्ड में 50 बच्चे एडमिट हैं. हालांकि वायरल फीवर (Viral Fever) से बुजुर्ग भी पीड़ित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मासूमों की हालत खराब है. सतना में रोजाना 1200 मरीज जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

सतना में 'वायरल अटैक', जिला अस्पताल फुल

देशभर में कोरोना महामारी ने हाहाकर मचा दिया था. अब कोरोना की थर्ड वेव की आशंका के बीच घर-घर वायरल अटैक देखने को मिल रहा है. बड़ी संख्या में सर्दी-जुकाम और बुखार से ग्रसित मरीज सामने आए हैं. कोरोना वायरस के मिलते-जुलते लक्षणों की वजह से लोग भी परेशान हैं. शहर के कई प्राइवेट क्लीनिकों में बुखार के मरीजों का परामर्श अभी भी बंद है. लिहाजा मरीजों के पास जिला अस्पताल जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. दो-तीन दिन बाद भी बुखार न उतरने पर मरीज जिला अस्पताल में पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है.

अस्पतालों में भीड़
अस्पतालों में भीड़

शिशु वॉर्ड फुल, जमीन में बच्चों का इलाज

सतना के जिला अस्पताल स्थित शिशु वॉर्ड की हालत बदतर हो गई है. 22 बेड के वॉर्ड में 50 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. जाहिर है बच्चों को नीचे लिटाया गया है. एक आइवी फ्लूड स्टैंड पर 3-3 बॉटल लटकाई गईं हैं. जो बच्चे बीमारी से अनजान हैं, उन मासूमों के हाथों में बेनफ्लेम लगा है. इंजेक्शन लगते ही बच्चे दर्द से चीखने लगते हैं. कोई दो दिन से आंखे नहीं खोले है तो किसी के मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा है.

इससे घूसखोर अफसरों की होगी मौज, प्राइवेट स्कूल संचालकों ने क्यों लगाया ये आरोप, फिर सड़क पर उतरने की तैयारी

रोजाना अस्पताल पहुंच रहे 1200 मरीज

सरदार वल्लभ भाई शासकीय जिला चिकित्सालय की ओपीडी में इस समय रोजाना औसतन 1200 पेशेंट पहुंच रहे हैं. इन मरीजों में ज्यादातर मेडिसीन विभाग के रहते हैं. सर्वाधिक मरीज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों की मानें तो सबसे ज्यादा मरीज इस समय वायरल इंफेक्शन के आ रहे हैं. बच्चे, जवान और बूढ़े, सभी को वायरल ने अपनी चपेट में ले लिया है. बुखार-जुकाम से ग्रसित मरीजों की अस्पताल की कोविड जांच भी कराई जा रही है. राहत की बात यह है कि इस समय किसी की भी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है.

लापरवाही ना बरतें लोग
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