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स्वास्थ्य केंद्र में कुत्तों ने जमाया डेरा, चारों ओर गंदगी, फर्श पर कीड़े, खुद ही 'ICU' में अस्पताल

सतना के मझगवां तहसील के बरौंधा स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाओं को मरीज तरस रहे हैं. वहीं यहां आपको हर जगह कुत्ते घूमते हुए नज़र आ जाएंगे, यहां तक कि मरीज के बेड पर भी आपको कुत्ते बैठे दिखाई देंगे.

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Published : Aug 8, 2019, 3:05 PM IST

बरौंधा स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाओं को तरसते मरीज

सतना। सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लाख दावे करे, लेकिन तस्वीरें तो कुछ ओर कहानी बयां करती है. विकास के नाम पर सरकार ने सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र तो बनवा दिया, लेकिन सुविधाएं देना भूल गई. केन्द्र पर ना डॉक्टर दिखाई देते हैं, ना स्टाफ, ना चौकीदार दिखाई देते हैं और ना जिम्मेदार, बस कुत्तों का कब्जा जरूर दिखाई देता है. सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र में आपको जहां-तहां कुत्ते घूमते हुए दिख जाएंगे.

बरौंधा स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाओं को तरसते मरीज


मझगवां तहसील के बरौंधा स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल दिखाई देता है. यहां सभी कमरों में सिर्फ ताले दिखाई देते हैं, चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है, फर्श पर कीड़े बीमारी को आंमत्रण दे रहे हैं और पंखे की चाल तो विकास की चाल से भी धीमी नजर आ रही है, फिर भी जिम्मेदार मौन साधे बैठे हैं. बता दें कि सतना का बरौंधा कुपोषित क्षेत्र में आता है, उसके बावजूद यहां का ये हाल है.


पूरे स्वास्थ्य केंद्र में मरीज और कुत्तों के अलावा कोई भी अधिकारी दिखाई नहीं देता. कुत्तों का कब्जा सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र में ही नहीं, बल्कि मरीजों के बेड पर भी रहता है. हैरानी की बात तो ये है कि जिस कमरे में नवजात के साथ प्रसूता थी, उसमें गंदगी का अंबार लगा था और फर्श पर कीड़े चल रहे थे. इससे प्रसूता और नवजात को गंभीर संक्रमण का खतरा है.


वहीं स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट ने कहा कि छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज वे खुद कर देते हैं और जरूरी होने पर मरीजों को रेफर करने के अलावा कोई चारा नहीं होता है.


CMHO ने भी डॉक्टर्स और स्टाफ की कमी को स्वीकार किया. वहीं स्वास्थ्य केंद्र में कुत्तों के घूमने की बात पर उन्होंने वार्ड ब्वॉय और एएनएम पर कार्रवाई की बात कही है.

सतना। सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लाख दावे करे, लेकिन तस्वीरें तो कुछ ओर कहानी बयां करती है. विकास के नाम पर सरकार ने सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र तो बनवा दिया, लेकिन सुविधाएं देना भूल गई. केन्द्र पर ना डॉक्टर दिखाई देते हैं, ना स्टाफ, ना चौकीदार दिखाई देते हैं और ना जिम्मेदार, बस कुत्तों का कब्जा जरूर दिखाई देता है. सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र में आपको जहां-तहां कुत्ते घूमते हुए दिख जाएंगे.

बरौंधा स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाओं को तरसते मरीज


मझगवां तहसील के बरौंधा स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल दिखाई देता है. यहां सभी कमरों में सिर्फ ताले दिखाई देते हैं, चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है, फर्श पर कीड़े बीमारी को आंमत्रण दे रहे हैं और पंखे की चाल तो विकास की चाल से भी धीमी नजर आ रही है, फिर भी जिम्मेदार मौन साधे बैठे हैं. बता दें कि सतना का बरौंधा कुपोषित क्षेत्र में आता है, उसके बावजूद यहां का ये हाल है.


पूरे स्वास्थ्य केंद्र में मरीज और कुत्तों के अलावा कोई भी अधिकारी दिखाई नहीं देता. कुत्तों का कब्जा सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र में ही नहीं, बल्कि मरीजों के बेड पर भी रहता है. हैरानी की बात तो ये है कि जिस कमरे में नवजात के साथ प्रसूता थी, उसमें गंदगी का अंबार लगा था और फर्श पर कीड़े चल रहे थे. इससे प्रसूता और नवजात को गंभीर संक्रमण का खतरा है.


वहीं स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट ने कहा कि छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज वे खुद कर देते हैं और जरूरी होने पर मरीजों को रेफर करने के अलावा कोई चारा नहीं होता है.


CMHO ने भी डॉक्टर्स और स्टाफ की कमी को स्वीकार किया. वहीं स्वास्थ्य केंद्र में कुत्तों के घूमने की बात पर उन्होंने वार्ड ब्वॉय और एएनएम पर कार्रवाई की बात कही है.

Intro:एंकर --
सतना जिले के स्वास्थ्य केंद्र चला रहे हैं कुत्ते । स्वास्थ्य केंद्र में चौकीदार भी कुत्ता और मरीज भी बेड पर बैठा कुत्ता । यह बात सुनकर आपको जरा अटपटा लग रहा होगा लेकिन यह सच है । यह हकीकत है सतना जिले के मझगवां तहसील के बरौंधा ग्राम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है । यह हम नहीं हमारे कैमरे में कैद तस्वीरें सारी सच्चाई बयां कर रहे हैं। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही जिले के बरौंधा में उजागर हो रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बदहाल हो चुके हैं । लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी चुप्पी साध कर बैठे हुए हैं । सतना जिले का बरौंधा क्षेत्र कुपोषित क्षेत्र माना जाता है । इसके बावजूद भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल बदहाल है ।


Body:Vo 1--
सतना जिले में इन दिनों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हाल बदहाल हो चुके हैं। जहां एक ओर मध्य प्रदेश सरकार अच्छी स्वास्थ्य और बेहतर सुविधा के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है । वहीं इन दावों की पोल खोलते हुए यह तस्वीरें यह बयां कर रही है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा किस प्रकार से बड़ी लापरवाही सामने आ रही है । जी हां हम बात कर रहे हैं सतना जिले के मझगवां तहसील के बरौंधा स्वास्थ्य केंद्र की जहां पर चौकीदार भी कुत्ता और बेड पर बैठा मरीज भी कुत्ता है । कैमरे में कैद यह तस्वीरें आपको सारी सच्चाई बयां कर रही हैं । स्वास्थ्य केंद्र के अंदर जब देखा गया तो स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी डॉक्टर कंपाउंडर नजर नहीं आया । लेकिन मरीज के बेड में कुत्ता बड़े शान शौकत से बैठा हुआ नजर आ रहा है । स्वास्थ्य केंद्र के हर कक्ष में ताला लटका हुआ है । वही एक कमरे में प्रसूता अपने नवजात बच्चे के साथ बैठी हुई थी । जिसकी हाल ही में डिलीवरी हुई थी । प्रसूता के कमरे में गंदगी का अंबार लगा हुआ था छोटे छोटे कीड़े मकोड़े जमीन पर रेग रहे थे । और कमरे के अंदर लगा गर्मी के मौसम में पंखा भी कछुआ की गति से चल रहा था । आपको बता दें की कुत्तों से संक्रमण रोग फैलता है । लेकिन इससे किसी को क्या लेना देना जैसा चल रहा है चलने दो । सतना जिला स्वास्थ्य विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही कहीं ना कहीं बड़े सवाल खड़े कर रही है । ऐसे में अब मरीज कहां और किसके पास जाए। सतना जिले का बरौंधा क्षेत्र सबसे ज्यादा कुपोषित क्षेत्र माना जाता है लेकिन उसके बावजूद भी यहां स्वास्थ्य केंद्र के हालात बद से बदतर नजर आ रहे हैं । स्वास्थ्य केंद्र में फार्मासिस्ट स्टाफ नर्स के अलावा कोई भी डॉक्टर पदस्थ नहीं है ।

vo 2--
इस बारे में स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट ने बताया की स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर होना चाहिए डॉक्टर की कमी है यह कमी क्यों है मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है । हमारे यहां स्वास्थ्य केंद्र में 4 लोगों का स्टाफ है । नॉर्मल ट्रीटमेंट के लिए हम लोग कर देते हैं लेकिन जब डॉक्टरों की जरूरत होती है तो उसे यहां से रेफर करना पड़ता है । कुत्तों के हॉस्पिटल में होने से संक्रमण का खतरा है यह खुद फार्मासिस्ट स्वीकार रहे हैं । लेकिन यहां सिक्योरिटी गार्ड सफाई कर्मी और स्टाफ की कमी है इसलिए यहां दिक्कतें होती है ।
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हरेंद्र कुमार साकरे -- फार्मासिस्ट प्राथ.स्वास्थ्य केंद्र बरौंधा ।

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इस बारे में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यह बात सही है कि बरौंधा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी है । स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी लगभग 40 से 50 प्रतिदिन है। और जुलाई माह में 60 डिलीवरी केस भी हो चुके हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जब ईटीवी भारत द्वारा यह अवगत कराया गया की स्वास्थ्य केंद्र में कुत्तों का जमावड़ा रहता है तो उन्होंने कहा यदि ऐसा है तो बिल्कुल गलत है हम इसकी जानकारी लेंगे और इसमें जो भी दोषी होगा वार्ड बाय एनम या फार्मासिस्ट उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे । और यह भी बड़ी आसानी से बता दिया कि एक स्टाफ नर्स है स्वास्थ्य केंद्र में हो सकता है कहीं चली गई होगी बगल में उसका कमरा भी है । इस प्रकार से एक वरिष्ठ अधिकारी का यह बेतुका बयान कहीं ना कहीं एक सवाल खड़े कर रहा है । अब देखना यह होगा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस पर क्या कार्यवाही करेंगे ।

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अशोक अवधिया -- मुख्यचिकित्सा अधिकारी जिला सतना ।



Conclusion:vo 4--
बरहाल सतना जिले के अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी है और इन के हालात बद से बदतर हैं लेकिन अगर हम संबंधित विभाग के अधिकारियों की बात करें तो वह चुप्पी साध कर बैठे हुए हैं । वरिष्ठ अधिकारी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ दिखावा करते हैं ।
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