सतना। जिले में ईद-उल-अजहा की धूम है. इस पर्व पर मुस्लिम समाज के लोगों ने ईदगाह चौक पर ईदगाह मस्जिद में नमाज अदा कर एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी. बकरीद के मौके पर सतना पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल भी नमाज अदा करने पहुंचे और गले लगाकर सभी को बधाई दी.
ईद-उल-अजहा कुर्बानी का त्योहार होता है. इस्लाम धर्म के लोगों का यह प्रमुख त्योहार है जो रमजान के पवित्र महीने के 70 दिनों बाद मनाया जाता है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को इस दिन खुदा के हुक्म पर उनकी की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, लेकिन अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया. जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है.
अरबी में बकर का अर्थ है बड़ा जानवर जो काटा जाता है. उसी से बिगड़कर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इसे बकरीद बोलते हैं. ईद-ए-कुर्बा का मतलब बलिदान की भावना होता है. ईद-उल-अजहा के दो संदेश हैं. पहला परिवार के बड़े सदस्यों को स्वार्थ के परे देखना चाहिए और खुद को मानव उत्थान के लिए लगाना चाहिए.