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Sagar Congress Mayor Candidate : सागर से महापौर पद के लिए निधि जैन कांग्रेस उम्मीदवार, अपने विजन और रणनीति के बारे में कही ये बात

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Published : Jun 6, 2022, 6:47 PM IST

सागर से कांग्रेस महापौर पद के लिए निधि जैन (Sagar Congress Mayor Candidate) को उम्मीदवार बनाया गया है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने निधि जैन से बात की. उन्होंने कहा कि हम सीधे सच्चे लोग हैं और सिर्फ समाज सेवा के लिए समर्पित हैं. हमारी कोई भी रणनीति नहीं है. अच्छे विजन के साथ अच्छा काम करना चाहते हैं और यही चाहते हैं कि जनता हमें सहयोग करें. (Urban Body Elections)

Nidhi Jain candidate for Congress mayor post from Sagar
नगरीय निकाय चुनाव निधि जैन

सागर। आगामी नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Elections) के लिए सागर नगर निगम के महापौर पद के लिए भाजपा अभी भी परेशान है, लेकिन कमलनाथ ने पहले ही उम्मीदवार तय करके भाजपा को चौंका दिया है. कमलनाथ के मास्टर स्ट्रोक से भाजपा असमंजस में नजर आ रही है. दरअसल कमलनाथ (Sagar congress mayor candidate) ने सागर नगर निगम के महापौर पद के लिए कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील जैन की पत्नी निधि जैन (Nidhi jain sagar congress mayor candidate) को उम्मीदवार तय किया है. खास बात ये है कि सुनील जैन के बड़े भाई शैलेंद्र जैन बीजेपी के टिकट पर सागर से ही विधायक हैं. वहीं निधि जैन एक मजबूत प्रत्याशी के तौर पर देखी जा रही है, और कमलनाथ के आदेश के बाद उन्होंने अपना प्रचार प्रसार और जनसंपर्क शुरू कर दिया है. चुनाव को लेकर उनकी रणनीति क्या होगी? इसके बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने निधि जैन से बात की. (Nidhi Jain candidate for Congress mayor post from Sagar)

निधि जैन, सागर से मेयर पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार

सवाल: सागर नगर निगम का मुकाबला इसलिए दिलचस्प हो गया है, क्योंकि कांग्रेस ने आप को प्रत्याशी बनाया है. जबकि आपके जेठ भाजपा से स्थानीय विधायक हैं. तमाम तरह की विपरीत परिस्थितियों के बीच और अपने परिवार के सदस्य के खिलाफ जब आप वोट मांगेंगे, तो जनता के बीच किस रणनीति पर आप जाएंगे?
जवाब: रणनीति जैसी कोई बात नहीं है. मेरे पति 1993 से 1998 तक देवरी से कांग्रेस के विधायक रहे हैं. हम लोग शुरू से ही कांग्रेस परिवार के सदस्य हैं. मेरे पिता सागर से भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं. तो परिवार में ऐसा कुछ नहीं होता है. परिवार में अगर चार बेटे होते हैं, तो सब का आचार और व्यवहार अलग-अलग होता है. सब के शौक अलग-अलग होते हैं. ऐसा सब परिवार में देखने को मिलता है. इसी तरह हमारे परिवार में ऐसी कोई स्थिति नहीं है. सब के अलग-अलग सिद्धांत हैं. पार्टी जिसको जैसा आदेश देती है, वैसे हम मिलजुल कर काम करते हैं. हमारी कांग्रेस पार्टी ने हमें जैसा आदेश दिया हम उसका पालन करते हैं.

सवाल: सागर में लंबे समय से कांग्रेस का महापौर नहीं चुना गया है. आप विपरीत परिस्थितियों में चुनाव लड़ रही हैं. कौन-कौन से ऐसे मुद्दे हैं, जिन को लेकर आप जनता के बीच जाएंगी?
जवाब: सागर में चारों तरफ अव्यवस्थाएं हैं. चाहे पीने के पानी का मामला हो या सड़कों की बदहाल स्थिति हो. सबसे बड़ी बात महिला उत्पीड़न और अपराध के मामलों को लेकर है, जो तेजी से लगातार बढ़ते जा रहे हैं. महिलाओं के लिए ऐसी गंभीर समस्या बन गई है कि महिलाएं कहीं अकेली नहीं जा सकती हैं. अकेले जाने में उनको डर लगता है. हालात ये हैं कि महिलाएं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है. हमारे यहां पिछले दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब लोगों ने घर में घुसकर महिलाओं पर चाकुओं से वार किया है. अभी हाल ही में एक रेस्टोरेंट में जन्मदिन मनाने जा रहे परिवार के साथ बदतमीजी की गई. सब सभ्य परिवार की महिलाएं थी और किस पार्टी की थी, ये मैं नहीं कहना चाहूंगी. हालांकि आरोपी गिरफ्तार हो गया है, लेकिन इस तरह की बातें होना सागर शहर में आपत्तिजनक लगता है. ये सीट महिला सीट बनी है, तो एकजुट होकर महिलाओं के लिए प्राथमिकता से काम करने का समय आ गया है.

Sagar Municipal Corporation : कमलनाथ से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर निधि जैन ने शुरू किया जनसंपर्क

सवाल: आप समाज सेवा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहती हैं, और पत्रकारिता से भी जुड़ी हैं. सागर की जनता लंबे समय से भाजपा के माहौल में जी रही है. तो क्या आपको लगता है कि आपको शहर की जनता भरपूर प्यार और काम करने का मौका देगी?
जवाब: जिस तरह से मैं पत्रकारिता से जुड़ी हूं और एक अखबार की प्रबंध संपादक हूं, उस नाते मेरा रोज देखना होता है कि सागर में किस तरह के काम हो रहे हैं. उससे मन में निराशा भी पैदा हो रही है. जनमानस के मन में गंभीर समस्याएं आ गई है. सागर में कुछ नहीं होता है, सड़कें बन रही हैं और खुद रही हैं, इसी तरह का माहौल चल रहा है. नालियां इतनी गहरी बना दी गई है कि बीच सड़क में गड्ढे भरे पड़े हुए हैं. किस गड्ढे में कौन गिरेगा, ये आफत अभी आने वाली है. ये सब बेसिक चीजें हैं. पानी की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. लोगों को आए दिन पानी नहीं मिलता है. लोग बरतनों में पानी भरकर रखते हैं कि कैसे भी आज का दिन निकल जाए. ये इतनी विकट परिस्थितियां हैं, इनको देख कर गुस्सा तो आता है कि हम एक सामाजिक कार्यकर्ता है, लेकिन हमारे पास पॉवर नहीं रहने की वजह से हम कुछ नहीं कर पाते हैं.

समस्या का निवारण करने के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव पॉवर की जरूरत है. उसी सोच के साथ मैं आई हूं कि जनता के लिए कुछ कर सकूं. जहां तक स्वच्छता की बात है तो स्वच्छता के लिए मैंने 2003 में अभियान चलाया था. मैंने सारे शहर में स्वच्छ शहर सुंदर सागर के नारे के साथ स्वच्छता के लिए बॉक्स रखवाए थे कि आने-जाने वाले लोग उस बॉक्स में कचरा डालें. बाद में सरकार ने भी इस चीज को आगे बढ़ाया. स्वच्छता अभियान बहुत बड़ी बात है. इसके लिए हम लोगों को जागरूक करना चाहिए. आप अपने घर को और घर के आस-पास स्वच्छ रखेंगे, तो सारा शहर स्वच्छ हो जाएगा. मैं एक चीज पर काम करना चाहती हूं और जो मेरा विजन है, उसको आगे लेकर आगे बढ़ना चाहती हूं.

सवाल: एक ही परिवार के लोग दो अलग-अलग पार्टी के सदस्य हैं, एक तरफ आपके जेठ भाजपा के लिए वोट मांगेंगे और आप खुद कांग्रेस प्रत्याशी हैं. इन परिस्थितियों को कैसे मैनेज कर पाएंगे. परिवार में मनमुटाव की स्थिति तो नहीं बनेगी?
जवाब: मैंने शुरू में ही आपको बताया कि परिवार में ऐसी स्थितियां कई बार निर्मित होती हैं. एक ही मां के चार बच्चे एक जैसे नहीं हो सकते हैं. सभी के व्यवहार अलग-अलग होते हैं, हर चीज अलग होती है. मां-बाप चाहे कितना भी चाहे, वे बच्चों को अपने अनुसार नहीं ढाल सकते हैं. हमारे परिवार में ऐसा कुछ नहीं है, सबके लिए फ्रीडम है, सब अपने-अपने सिद्धांत को लेकर आगे चलते हैं. मेरे पति को राजीव गांधी ने राष्ट्रीय सचिव बनाया था. तब से वे कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं. मेरे पिता बीजेपी से थे. मेरी शादी कांग्रेसी परिवार में हुई, तो आप ये बोल सकते हैं कि आपकी शादी इस परिवार में कैसे हो गई? मेरे पति को 1993 में देवरी से कांग्रेस का टिकट मिला. मेरे पति के सामने भाजपा के परशुराम साहू खड़े हुए थे. जिनका मेरे परिवार में रोज का आना जाना था. लालकृष्ण आडवाणी, अटल जी और विजय राजे सिंधिया सारे मेरे परिवार में आते जाते रहे हैं. परशुराम साहु भी मेरे घर पर आते-जाते थे.

1993 में देवरी चुनाव में जब पता चला कि उनसे मेरे पति का मुकाबला है, तो हम लोग उनका आशीर्वाद लेने घर गए. इस वक्त उन्होंने कहा कि मलैया जी की पुत्री हो, तुम्हारे लिए आशीर्वाद है. उनका आशीर्वाद इतना फला फूला कि हम प्रचंड बहुमत से चुनाव जीते. ये परिवार वाली बात कुछ नहीं है. आप विजय राजे सिंधिया और माधवराव सिंधिया का उदाहरण ले सकते हैं. परिवार में पार्टी और सिद्धांत अलग-अलग हो सकते हैं, फिर भी परिवार संगठित होकर रह सकते हैं.

सवाल: केंद्र-राज्य में बीजेपी की सरकार है. जिस तरह की राजनीतिक परिस्थितियां हैं, वे किसी से छुपी नहीं है कि किसी भी कीमत पर सरकार बनाना है और हमें ही जीतना है. इन विपरीत परिस्थितियों में आप किस रणनीति पर काम करेंगी?
जवाब: हमारी सोच कुछ अलग है. हम लोगों को दलगत राजनीति और रणनीति ये सब चीजें नहीं आती हैं. हम सीधे सच्चे लोग हैं और सिर्फ समाज सेवा के लिए समर्पित हैं. आधी रात को कोई भी हमारा दरवाजा खटखटाए, हम उसके लिए भी खड़े रहते हैं. इस तरह की कोई भी रणनीति नहीं है. अच्छे विजन के साथ अच्छा काम करना चाहते हैं, और यही चाहते हैं कि जनता हमें सहयोग दे, आशीर्वाद दे.

सागर। आगामी नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Elections) के लिए सागर नगर निगम के महापौर पद के लिए भाजपा अभी भी परेशान है, लेकिन कमलनाथ ने पहले ही उम्मीदवार तय करके भाजपा को चौंका दिया है. कमलनाथ के मास्टर स्ट्रोक से भाजपा असमंजस में नजर आ रही है. दरअसल कमलनाथ (Sagar congress mayor candidate) ने सागर नगर निगम के महापौर पद के लिए कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील जैन की पत्नी निधि जैन (Nidhi jain sagar congress mayor candidate) को उम्मीदवार तय किया है. खास बात ये है कि सुनील जैन के बड़े भाई शैलेंद्र जैन बीजेपी के टिकट पर सागर से ही विधायक हैं. वहीं निधि जैन एक मजबूत प्रत्याशी के तौर पर देखी जा रही है, और कमलनाथ के आदेश के बाद उन्होंने अपना प्रचार प्रसार और जनसंपर्क शुरू कर दिया है. चुनाव को लेकर उनकी रणनीति क्या होगी? इसके बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने निधि जैन से बात की. (Nidhi Jain candidate for Congress mayor post from Sagar)

निधि जैन, सागर से मेयर पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार

सवाल: सागर नगर निगम का मुकाबला इसलिए दिलचस्प हो गया है, क्योंकि कांग्रेस ने आप को प्रत्याशी बनाया है. जबकि आपके जेठ भाजपा से स्थानीय विधायक हैं. तमाम तरह की विपरीत परिस्थितियों के बीच और अपने परिवार के सदस्य के खिलाफ जब आप वोट मांगेंगे, तो जनता के बीच किस रणनीति पर आप जाएंगे?
जवाब: रणनीति जैसी कोई बात नहीं है. मेरे पति 1993 से 1998 तक देवरी से कांग्रेस के विधायक रहे हैं. हम लोग शुरू से ही कांग्रेस परिवार के सदस्य हैं. मेरे पिता सागर से भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं. तो परिवार में ऐसा कुछ नहीं होता है. परिवार में अगर चार बेटे होते हैं, तो सब का आचार और व्यवहार अलग-अलग होता है. सब के शौक अलग-अलग होते हैं. ऐसा सब परिवार में देखने को मिलता है. इसी तरह हमारे परिवार में ऐसी कोई स्थिति नहीं है. सब के अलग-अलग सिद्धांत हैं. पार्टी जिसको जैसा आदेश देती है, वैसे हम मिलजुल कर काम करते हैं. हमारी कांग्रेस पार्टी ने हमें जैसा आदेश दिया हम उसका पालन करते हैं.

सवाल: सागर में लंबे समय से कांग्रेस का महापौर नहीं चुना गया है. आप विपरीत परिस्थितियों में चुनाव लड़ रही हैं. कौन-कौन से ऐसे मुद्दे हैं, जिन को लेकर आप जनता के बीच जाएंगी?
जवाब: सागर में चारों तरफ अव्यवस्थाएं हैं. चाहे पीने के पानी का मामला हो या सड़कों की बदहाल स्थिति हो. सबसे बड़ी बात महिला उत्पीड़न और अपराध के मामलों को लेकर है, जो तेजी से लगातार बढ़ते जा रहे हैं. महिलाओं के लिए ऐसी गंभीर समस्या बन गई है कि महिलाएं कहीं अकेली नहीं जा सकती हैं. अकेले जाने में उनको डर लगता है. हालात ये हैं कि महिलाएं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है. हमारे यहां पिछले दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब लोगों ने घर में घुसकर महिलाओं पर चाकुओं से वार किया है. अभी हाल ही में एक रेस्टोरेंट में जन्मदिन मनाने जा रहे परिवार के साथ बदतमीजी की गई. सब सभ्य परिवार की महिलाएं थी और किस पार्टी की थी, ये मैं नहीं कहना चाहूंगी. हालांकि आरोपी गिरफ्तार हो गया है, लेकिन इस तरह की बातें होना सागर शहर में आपत्तिजनक लगता है. ये सीट महिला सीट बनी है, तो एकजुट होकर महिलाओं के लिए प्राथमिकता से काम करने का समय आ गया है.

Sagar Municipal Corporation : कमलनाथ से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर निधि जैन ने शुरू किया जनसंपर्क

सवाल: आप समाज सेवा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहती हैं, और पत्रकारिता से भी जुड़ी हैं. सागर की जनता लंबे समय से भाजपा के माहौल में जी रही है. तो क्या आपको लगता है कि आपको शहर की जनता भरपूर प्यार और काम करने का मौका देगी?
जवाब: जिस तरह से मैं पत्रकारिता से जुड़ी हूं और एक अखबार की प्रबंध संपादक हूं, उस नाते मेरा रोज देखना होता है कि सागर में किस तरह के काम हो रहे हैं. उससे मन में निराशा भी पैदा हो रही है. जनमानस के मन में गंभीर समस्याएं आ गई है. सागर में कुछ नहीं होता है, सड़कें बन रही हैं और खुद रही हैं, इसी तरह का माहौल चल रहा है. नालियां इतनी गहरी बना दी गई है कि बीच सड़क में गड्ढे भरे पड़े हुए हैं. किस गड्ढे में कौन गिरेगा, ये आफत अभी आने वाली है. ये सब बेसिक चीजें हैं. पानी की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. लोगों को आए दिन पानी नहीं मिलता है. लोग बरतनों में पानी भरकर रखते हैं कि कैसे भी आज का दिन निकल जाए. ये इतनी विकट परिस्थितियां हैं, इनको देख कर गुस्सा तो आता है कि हम एक सामाजिक कार्यकर्ता है, लेकिन हमारे पास पॉवर नहीं रहने की वजह से हम कुछ नहीं कर पाते हैं.

समस्या का निवारण करने के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव पॉवर की जरूरत है. उसी सोच के साथ मैं आई हूं कि जनता के लिए कुछ कर सकूं. जहां तक स्वच्छता की बात है तो स्वच्छता के लिए मैंने 2003 में अभियान चलाया था. मैंने सारे शहर में स्वच्छ शहर सुंदर सागर के नारे के साथ स्वच्छता के लिए बॉक्स रखवाए थे कि आने-जाने वाले लोग उस बॉक्स में कचरा डालें. बाद में सरकार ने भी इस चीज को आगे बढ़ाया. स्वच्छता अभियान बहुत बड़ी बात है. इसके लिए हम लोगों को जागरूक करना चाहिए. आप अपने घर को और घर के आस-पास स्वच्छ रखेंगे, तो सारा शहर स्वच्छ हो जाएगा. मैं एक चीज पर काम करना चाहती हूं और जो मेरा विजन है, उसको आगे लेकर आगे बढ़ना चाहती हूं.

सवाल: एक ही परिवार के लोग दो अलग-अलग पार्टी के सदस्य हैं, एक तरफ आपके जेठ भाजपा के लिए वोट मांगेंगे और आप खुद कांग्रेस प्रत्याशी हैं. इन परिस्थितियों को कैसे मैनेज कर पाएंगे. परिवार में मनमुटाव की स्थिति तो नहीं बनेगी?
जवाब: मैंने शुरू में ही आपको बताया कि परिवार में ऐसी स्थितियां कई बार निर्मित होती हैं. एक ही मां के चार बच्चे एक जैसे नहीं हो सकते हैं. सभी के व्यवहार अलग-अलग होते हैं, हर चीज अलग होती है. मां-बाप चाहे कितना भी चाहे, वे बच्चों को अपने अनुसार नहीं ढाल सकते हैं. हमारे परिवार में ऐसा कुछ नहीं है, सबके लिए फ्रीडम है, सब अपने-अपने सिद्धांत को लेकर आगे चलते हैं. मेरे पति को राजीव गांधी ने राष्ट्रीय सचिव बनाया था. तब से वे कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं. मेरे पिता बीजेपी से थे. मेरी शादी कांग्रेसी परिवार में हुई, तो आप ये बोल सकते हैं कि आपकी शादी इस परिवार में कैसे हो गई? मेरे पति को 1993 में देवरी से कांग्रेस का टिकट मिला. मेरे पति के सामने भाजपा के परशुराम साहू खड़े हुए थे. जिनका मेरे परिवार में रोज का आना जाना था. लालकृष्ण आडवाणी, अटल जी और विजय राजे सिंधिया सारे मेरे परिवार में आते जाते रहे हैं. परशुराम साहु भी मेरे घर पर आते-जाते थे.

1993 में देवरी चुनाव में जब पता चला कि उनसे मेरे पति का मुकाबला है, तो हम लोग उनका आशीर्वाद लेने घर गए. इस वक्त उन्होंने कहा कि मलैया जी की पुत्री हो, तुम्हारे लिए आशीर्वाद है. उनका आशीर्वाद इतना फला फूला कि हम प्रचंड बहुमत से चुनाव जीते. ये परिवार वाली बात कुछ नहीं है. आप विजय राजे सिंधिया और माधवराव सिंधिया का उदाहरण ले सकते हैं. परिवार में पार्टी और सिद्धांत अलग-अलग हो सकते हैं, फिर भी परिवार संगठित होकर रह सकते हैं.

सवाल: केंद्र-राज्य में बीजेपी की सरकार है. जिस तरह की राजनीतिक परिस्थितियां हैं, वे किसी से छुपी नहीं है कि किसी भी कीमत पर सरकार बनाना है और हमें ही जीतना है. इन विपरीत परिस्थितियों में आप किस रणनीति पर काम करेंगी?
जवाब: हमारी सोच कुछ अलग है. हम लोगों को दलगत राजनीति और रणनीति ये सब चीजें नहीं आती हैं. हम सीधे सच्चे लोग हैं और सिर्फ समाज सेवा के लिए समर्पित हैं. आधी रात को कोई भी हमारा दरवाजा खटखटाए, हम उसके लिए भी खड़े रहते हैं. इस तरह की कोई भी रणनीति नहीं है. अच्छे विजन के साथ अच्छा काम करना चाहते हैं, और यही चाहते हैं कि जनता हमें सहयोग दे, आशीर्वाद दे.

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