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खाद पर 'हाहाकार': टोकन व्यवस्था नहीं आई काम, किसानों का हुआ जीना हराम !

सागर में खाद के लिए किसानों को काफी फजीहत करनी पड़ रही है. दो-दो दिन तक कतार में खड़े रहने के बाद उन्हें टोकन मिल पाता है. इसके बाद करीब इतने ही दिन लाइन में लगकर उन्हें खाद मिल पा रही है. इसके बाद भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मुहैया नहीं हो पा रही. जिस वजह से उन्होंने नाराजगी जताई है.

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Published : Oct 27, 2021, 10:19 PM IST

खाद पर 'हाहाकार'
खाद पर 'हाहाकार'

सागर। रबी की फसल की बुवाई के लिए किसानों को खाद की सख्त जरूरत है. पिछले एक हफ्ते से जिले का किसान खाद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. प्रशासन द्वारा खाद वितरण की व्यवस्था दुरुस्त करने की सभी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं. खाद के लिए मारामारी बढ़ने पर कूपन की व्यवस्था लागू की गई, तो कूपन मिलने के बाद भी खाद का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि जब कतारों में लगे किसान थक गए, तो उन्होंने घर की महिलाओं को खाद के लिए खड़ा कर दिया.

काफी जद्दोजहद के बाद खाद हासिल भी हो रहा है, तो वह जरूरत के हिसाब से काफी कम है. प्रशासन किसानों को संयम रखने और जल्द व्यवस्था सुधारने की बात कह रहा है. लेकिन खाद का संकट और किसानों की जद्दोजहद जस की तस बरकरार है.

खाद पर 'हाहाकार'

टोकन व्यवस्था भी काम नहीं आई

जैसे ही किसानों ने रबी की फसल के लिए बुवाई शुरू की, और खाद के इंतजाम में लगा, तो खाद की कमी की वजह से भारी अव्यवस्था फैलने लगी. खाद वितरण की व्यवस्था सुचारू करने के लिए प्रशासन ने टोकन व्यवस्था लागू कर दी. टोकन के आधार पर खाद वितरण की व्यवस्था के बाद भी हालात नहीं सुधरे. एक तो किसानों को टोकन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, और टोकन मिलने के बाद खाद के लिए भी वही जद्दोजहद करनी पड़ी रही है.

कामकाज छोड़कर महिलाएं भी कतार में लगीं

नई व्यवस्था के तहत खाद के पहले किसानों को टोकन के लिए मारामारी करनी पड़ रही है. किसान सभी कामकाज छोड़ खाद के टोकन की लाइन में लगा हुआ है. सुबह 3 बजे से किसान खाद वितरण केंद्र पर पहुंच जाते हैं, और देर रात तक टोकन के इंतजार में खड़े रहते हैं. ज्यादातर किसानों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. कई किसान 3 दिन से खाद के टोकन के लिए कतार में लगे हैं. इतना ही नहीं घर के कामकाज छोड़कर महिलाओं को भी कतारों में लगना पड़ रहा है.

किसानों का 'हल्लाबोल': खाद की किल्लत से परेशान होकर सड़कों पर लगाया जाम, रेलवे ट्रेक पर भी बैठे

जद्दोजहद के बाद भी नहीं मिल रही पर्याप्त खादॉ

पहले खाद के टोकन के लिए दो-तीन दिन इंतजार, और फिर टोकन मिलने के बाद किसानों को खाद के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. इसके बाद भी किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है. प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था के तहत किसानों को एक एकड़ पर एक बोरी डीएपी और एक बोरी यूरिया खाद दिया जा रहा है. जबकि किसानों का कहना है कि किसानों को दो बोरी डीएपी और एक बोरी यूरिया खाद की प्रति एकड़ के हिसाब से जरूरत है.

कलेक्टर-एसपी सहित पूरे अमले ने संभाला मोर्चा

जिले भर में खाद्य संकट के कारण किसान विरोध में उतर आए हैं. मंगलवार को जिले में कई जगह चक्का जाम, रेलवे ट्रैक जाम और किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए थे. इन परिस्थितियों को देखकर खाद वितरण केंद्रों पर जहां पुलिस की तैनाती की गई है. वही प्रशासन के आला अधिकारी व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं. जिला कलेक्टर और एसपी भी जिले में जगह-जगह दौरा कर खाद वितरण की व्यवस्था को सुचारू बनाने के प्रयास में लगे हैं. प्रशासन का कहना है कि किसान संयम रखें सभी किसानों के लिए खाद मुहैया कराया जाएगा.

सागर। रबी की फसल की बुवाई के लिए किसानों को खाद की सख्त जरूरत है. पिछले एक हफ्ते से जिले का किसान खाद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. प्रशासन द्वारा खाद वितरण की व्यवस्था दुरुस्त करने की सभी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं. खाद के लिए मारामारी बढ़ने पर कूपन की व्यवस्था लागू की गई, तो कूपन मिलने के बाद भी खाद का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि जब कतारों में लगे किसान थक गए, तो उन्होंने घर की महिलाओं को खाद के लिए खड़ा कर दिया.

काफी जद्दोजहद के बाद खाद हासिल भी हो रहा है, तो वह जरूरत के हिसाब से काफी कम है. प्रशासन किसानों को संयम रखने और जल्द व्यवस्था सुधारने की बात कह रहा है. लेकिन खाद का संकट और किसानों की जद्दोजहद जस की तस बरकरार है.

खाद पर 'हाहाकार'

टोकन व्यवस्था भी काम नहीं आई

जैसे ही किसानों ने रबी की फसल के लिए बुवाई शुरू की, और खाद के इंतजाम में लगा, तो खाद की कमी की वजह से भारी अव्यवस्था फैलने लगी. खाद वितरण की व्यवस्था सुचारू करने के लिए प्रशासन ने टोकन व्यवस्था लागू कर दी. टोकन के आधार पर खाद वितरण की व्यवस्था के बाद भी हालात नहीं सुधरे. एक तो किसानों को टोकन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, और टोकन मिलने के बाद खाद के लिए भी वही जद्दोजहद करनी पड़ी रही है.

कामकाज छोड़कर महिलाएं भी कतार में लगीं

नई व्यवस्था के तहत खाद के पहले किसानों को टोकन के लिए मारामारी करनी पड़ रही है. किसान सभी कामकाज छोड़ खाद के टोकन की लाइन में लगा हुआ है. सुबह 3 बजे से किसान खाद वितरण केंद्र पर पहुंच जाते हैं, और देर रात तक टोकन के इंतजार में खड़े रहते हैं. ज्यादातर किसानों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. कई किसान 3 दिन से खाद के टोकन के लिए कतार में लगे हैं. इतना ही नहीं घर के कामकाज छोड़कर महिलाओं को भी कतारों में लगना पड़ रहा है.

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जद्दोजहद के बाद भी नहीं मिल रही पर्याप्त खादॉ

पहले खाद के टोकन के लिए दो-तीन दिन इंतजार, और फिर टोकन मिलने के बाद किसानों को खाद के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. इसके बाद भी किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है. प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था के तहत किसानों को एक एकड़ पर एक बोरी डीएपी और एक बोरी यूरिया खाद दिया जा रहा है. जबकि किसानों का कहना है कि किसानों को दो बोरी डीएपी और एक बोरी यूरिया खाद की प्रति एकड़ के हिसाब से जरूरत है.

कलेक्टर-एसपी सहित पूरे अमले ने संभाला मोर्चा

जिले भर में खाद्य संकट के कारण किसान विरोध में उतर आए हैं. मंगलवार को जिले में कई जगह चक्का जाम, रेलवे ट्रैक जाम और किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए थे. इन परिस्थितियों को देखकर खाद वितरण केंद्रों पर जहां पुलिस की तैनाती की गई है. वही प्रशासन के आला अधिकारी व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं. जिला कलेक्टर और एसपी भी जिले में जगह-जगह दौरा कर खाद वितरण की व्यवस्था को सुचारू बनाने के प्रयास में लगे हैं. प्रशासन का कहना है कि किसान संयम रखें सभी किसानों के लिए खाद मुहैया कराया जाएगा.

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