सागर। 17 सितंबर को युवक और उसकी प्रेमिका के आग से झुलसने के मामले में मंगलवार को कार्रवाई की गई. प्रशासन ने आरोपियों द्वारा चरनोई भूमि पर किए गए कब्जे को हटा दिया गया है. गौरतलब है कि घटना के दिन मृतक के परिजनों द्वारा चक्काजाम किया गया था, और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा आरोपियों के मकान तोड़े जाने के आश्वासन के बाद चक्काजाम खत्म किया गया था. इसी के बाद यह कार्रवाई की गई है.
क्या है पूरा मामला ?
जिले के नरयावली थाना के ग्राम सेमरा लहरिया में 17 सितंबर को स्थानीय युवक राहुल यादव अपनी प्रेमिका के घर में गंभीर रूप से जली हुई अवस्था में मिला था. जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मृतक राहुल ने मरने से पहले बयान दिया था कि प्रेमिका के परिजनों ने धोखे से बुलवाकर उसके ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाई. इस घटना में प्रेमिका भी झुलस गई थी. हालांकि प्रेमिका ने प्रेमी द्वारा खुद आग लगाने और उसे भी जलाने की बात कही गई थी. मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. फिलहाल पुलिस जांच कर रही है.
प्रशासन ने हटाया चरनोई भूमि से अतिक्रमण
जिले के नरयावली थाना के सेमरा लहरिया गांव में प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों की मौजूदगी में राहुल यादव हत्याकांड के आरोपियों के सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को तोड़ने की कार्यवाही की गई. ग्राम पंचायत सेमरा लहरिया द्वारा जिला प्रशासन को सूचित किया गया था कि सरकारी चरनोई की भूमि पर 1800 फीट जमीन पर कब्जा करके निर्माण किया गया है. इस मामले में सागर तहसीलदार सतीश वर्मा भारी पुलिस बल के साथ सेमरा लहरिया गांव पहुंचे थे और उनकी मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई.
मामले में पुलिस और प्रशासन का बयान
प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध भी हो रहा है. दरअसल इस मामले में सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. आरोपियों का कोई ऐसा रिकॉर्ड भी नहीं है कि उनके खिलाफ माफियाओं की तरह कार्रवाई की जाए. वहीं इस हादसे में झुलसी प्रेमिका और प्रेमी के बयानों में विरोधाभास है. इस मामले में सागर पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह का कहना है कि आरोपियों का मकान नहीं गिराया गया है. आरोपियों द्वारा मकान से हटकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया गया था, उसको हटाने की कार्यवाही की गई है. वहीं इस मामले में सागर के तहसीलदार सतीश वर्मा का कहना है कि यह कार्यवाही सेमरा लहरिया ग्राम पंचायत द्वारा की गई है, शासकीय जमीन पर अतिक्रमण किया गया था. ग्राम पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने की सूचना देते हुए प्रशासन और पुलिस बल की मांग की गई थी.