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MP में शीतलहर से क्या फसलों को होगा नुकसान? मौसम विभाग ने बताया पाले से फसलों को बचाने के उपाये - sagar latest news

सागर में शीतलहर की वजह से किसानों में फसल के खराब होने का डर है. कृषि वैज्ञानिकों ने क्या कुछ उपाए बताए हैं जिससे मौसम के प्रकोप से बचा जा सकता है. पाले से फसलों को बचाने के लिए आइए जानते हैं कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत से कुछ खास उपाय. (sagar farmer worried about crops)

Current cold wave is a boon for wheat
गेहूं के लिए वरदान है मौजूदा शीतलहर
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Published : Dec 25, 2021, 5:07 PM IST

Updated : Dec 25, 2021, 5:14 PM IST

सागर। शीतलहर के कारण एमी के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त है. वहीं किसानों को भी फसलों के नुकसान की चिंता सताने लगी है. ऐसे में ईटीवी भारत ने बात की जाने माने कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत से और उनसे जाना कि जिस वक्त शीतलहर का प्रकोप बढ़ा है (sagar farmer worried about crops), उस वक्त रबी सीजन की फसलों के लिए नुकसान की आशंका है या नहीं? हालांकि इस शीतलहर से सब्जी वाले किसानों के लिए थोड़ा नुकसान है मगर अन्य फसलों के लिए बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा.

कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत

क्या होता है पाला
कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि जब तापमान 4 डिग्री से नीचे चला जाता है, तो उस स्थिति में फसलों की पत्ती पर जमने वाली ओस की बूंदे या पानी की बूंदे बर्फ में बदल जाती हैं. ओस की बूंदों या पत्तियों पर पानी के जम जाने से पत्तियों के अंदर का पानी बर्फ के रूप में जम जाता है. यह फसल के लिए नुकसानदायक होता है.

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गेहूं के लिए वरदान है मौजूदा शीतलहर
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो मौजूदा मौसम से रबी सीजन की फसलों के लिए कोई नुकसान की स्थिति नहीं है. क्योंकि फसलों का अभी अंकुरण हो रहा है. फसलों में फूल या फलियां नहीं आई हैं. इस स्थिति में तापमान 4 डिग्री से नीचे जाने या 20 डिग्री के ऊपर जाने में फसल को नुकसान की आशंका रहती है, लेकिन वर्तमान में तापमान दोनों स्थिति में नहीं गया है. गेहूं के फसल के अंकुरण के समय पर इस तरह की शीतलहर वरदान साबित हो सकती है, और गेहूं के अच्छे उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है.

To protect vegetables from frost, do these measures
सब्जियों को पाले से बचाने के लिए करें यह उपाए

पाले से फसलों को बचाने के उपाए
कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह का कहना है कि, शीतलहर चलने और तापमान 4 डिग्री से नीचे गिरने की स्थिति में रात में हल्की सिंचाई करने से पौधे में पानी का संचार होगा. इससेे गर्मी बढ़ेगी और पाले से नुकसान की कम आशंका होाती है. इसके अलावा 80 प्रतिशत गंधक का उपयोग किया जा सकता है. 2 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करने से आप अपनी फसल को बचा सकते हैं. अपने खेत की मेड़ के सहारे कचरे को जलाने से धुएं की परत बनेगी जो फसल से पाले से बचाता है. वहीं पाला मुख्य रुप से सब्जी के लिए नुकसान करता है.

सागर। शीतलहर के कारण एमी के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त है. वहीं किसानों को भी फसलों के नुकसान की चिंता सताने लगी है. ऐसे में ईटीवी भारत ने बात की जाने माने कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत से और उनसे जाना कि जिस वक्त शीतलहर का प्रकोप बढ़ा है (sagar farmer worried about crops), उस वक्त रबी सीजन की फसलों के लिए नुकसान की आशंका है या नहीं? हालांकि इस शीतलहर से सब्जी वाले किसानों के लिए थोड़ा नुकसान है मगर अन्य फसलों के लिए बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा.

कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत

क्या होता है पाला
कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि जब तापमान 4 डिग्री से नीचे चला जाता है, तो उस स्थिति में फसलों की पत्ती पर जमने वाली ओस की बूंदे या पानी की बूंदे बर्फ में बदल जाती हैं. ओस की बूंदों या पत्तियों पर पानी के जम जाने से पत्तियों के अंदर का पानी बर्फ के रूप में जम जाता है. यह फसल के लिए नुकसानदायक होता है.

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गेहूं के लिए वरदान है मौजूदा शीतलहर
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो मौजूदा मौसम से रबी सीजन की फसलों के लिए कोई नुकसान की स्थिति नहीं है. क्योंकि फसलों का अभी अंकुरण हो रहा है. फसलों में फूल या फलियां नहीं आई हैं. इस स्थिति में तापमान 4 डिग्री से नीचे जाने या 20 डिग्री के ऊपर जाने में फसल को नुकसान की आशंका रहती है, लेकिन वर्तमान में तापमान दोनों स्थिति में नहीं गया है. गेहूं के फसल के अंकुरण के समय पर इस तरह की शीतलहर वरदान साबित हो सकती है, और गेहूं के अच्छे उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है.

To protect vegetables from frost, do these measures
सब्जियों को पाले से बचाने के लिए करें यह उपाए

पाले से फसलों को बचाने के उपाए
कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह का कहना है कि, शीतलहर चलने और तापमान 4 डिग्री से नीचे गिरने की स्थिति में रात में हल्की सिंचाई करने से पौधे में पानी का संचार होगा. इससेे गर्मी बढ़ेगी और पाले से नुकसान की कम आशंका होाती है. इसके अलावा 80 प्रतिशत गंधक का उपयोग किया जा सकता है. 2 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करने से आप अपनी फसल को बचा सकते हैं. अपने खेत की मेड़ के सहारे कचरे को जलाने से धुएं की परत बनेगी जो फसल से पाले से बचाता है. वहीं पाला मुख्य रुप से सब्जी के लिए नुकसान करता है.

Last Updated : Dec 25, 2021, 5:14 PM IST
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