सागर। कोरोना की दूसरी लहर ने आम आदमी को सहमा दिया है. कोरोना की जब पहली लहर आई थी, तो लोग अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का ध्यान रखते हुए बीमारी पर काबू पाने और लोगों को मदद करने के लिए तत्पर थे, लेकिन दूसरी लहर में लाशों के अंबार के कारण लोग सहम गए हैं, और चाहकर भी घर से नहीं निकल रहे हैं. इन परिस्थितियों में सागर के एक युवक ने पूरे शहर को सैनिटाइज करने का बीड़ा उठाया है.
युवक ने उठाया संक्रमण से निजात दिलाने का बीड़ा
बता दें कि, पिछले 10 दिनों से यह युवक शहर के तमाम अस्पतालों, पुलिस थानों और जिन इलाकों में भीड़ जुटती है, उनको सैनिटाइज कर चुका है. इसके अलावा जिन इलाकों में कोरोना संक्रमण कहर बरपा रहा है, वहां पर भी सैनिटाइज करने का काम कर रहा है. खास बात यह है कि यह युवक सैनिटाइजेशन का काम अपने खर्च पर कर रहा है. हालांकि, उसके जुनून को देखते हुए नगर निगम सैनिटाइजर जरूर उपलब्ध करा रहा है.
मां महाकाली और बुजुर्गों की प्रेरणा से शुरू किया काम
अजय देवलचौरी नाम के इस युवक ने शहर को सैनिटाइज करने का बीड़ा उठाया है. उसके पीछे एक प्रेरणादायक कहानी भी है. दरअसल, युवक सागर के रविशंकर वार्ड में रहता है. यहां एक माता का मंदिर है, जिसे मरई माता मंदिर के नाम से जानते हैं. दरअसल, बुंदेलखंडी में मरई का मतलब महामारी से होता है. इस मंदिर के बारे में बुजुर्गों ने युवक को बताया कि बहुत पहले महामारी के चलते अकाल मौतों का सिलसिला शुरू हो गया था. तब स्वास्थ्य सुविधाएं ना के बराबर थीं और लोग वैद्य के भरोसे अपना इलाज कराते थे.
महामारी से मुक्ति पाने के लिए किया था ये काम
ऐसे में स्थानीय लोगों ने महाकाली मंदिर की स्थापना कर महामारी से मुक्ति पाने के लिए उनकी सेवा और पूजा अर्चना शुरू की. महामारी से मुक्ति मिलने के बाद लोग उन्हें मरई माता के नाम से पूजने लगे. माता की प्रेरणा और शहर की भयावह स्थिति को देखते हुए युवक ने फैसला किया कि, जब दूसरी लहर में समाजसेवी लोग मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, तो वह अपने पूरे शहर को सैनिटाइज अपने खर्च पर करेगा. इसके लिए युवक ने अपने ट्रैक्टर को भी इसी काम पर लगा दिया है. वहीं सैनिटाइजेशन के लिए अलग से मशीन खरीदी हैं. इसके अलावा तीन कर्मचारी सैनिटाइजेशन का काम देखते हैं और युवक खुद हर वार्ड में जाकर हर जगह सैनिटाइजेशन का काम करता है.
अस्पताल और थानों के अलावा कई वार्डो को किया सैनिटाइज
बता दें कि, अजय देवलचौरी ने इस काम की शुरुआत 26 मई से की थी. सैनिटाइजेशन का काम शुरू किए करीब 10 दिन बीत चुके हैं. इन 10 दिनों में शहर की हर सरकारी और निजी अस्पताल के अलावा शहर के हर थानों और उन इलाकों को सैनिटाइज किया जा चुका है, जहां पर ज्यादा भीड़ इकट्ठी होती है. इसके अलावा युवक ने पहले चरण में उन वार्डों को सैनिटाइज किया है, जहां तेजी से संक्रमण फैल रहा है. जिन घरों में कोरोना महामारी के कारण मौतें हुई हैं और संक्रमण बढ़ रहा है. उन घरों को विशेष रूप से सैनिटाइज किया है. युवक का कहना है कि पहले चरण में पूरे शहर को सैनिटाइज करने के बाद एक बार फिर सैनिटाइजेशन का काम शुरू करेगा.
जुनून को देख नगर निगम आया आगे
आमतौर पर यह जिम्मेदारी नगर निगम और नगरीय निकायों की होती है, लेकिन कोरोना महामारी में साफ-सफाई और श्मशान घाट की व्यवस्थाओं से लेकर अन्य दूसरी व्यवस्थाओं के कारण नगर निगम अमला सैनिटाइजेशन का काम नहीं कर पा रहा है. इन स्थितियों में जब नगर निगम ने देखा कि एक युवक ने अपने खर्च पर पूरे शहर को सैनिटाइज करने का बीड़ा उठाए है, तो नगर निगम ने युवक के लिए मुफ्त सैनिटाइजर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है.
महामारी की भयावहता के बीच अपने खर्च पर पूरे शहर को सैनिटाइज करने का बीड़ा उठाने वाले युवक की पहल की हर तरफ सराहना हो रही है. लोग सैनिटाइजेशन के लिए मदद करने के लिए स्वयंसेवक के रूप में सामने आ रहे हैं. यहां भविष्य में भी सैनिटाइजेशन चलता रहे, इसके लिए हर संभव मदद की बात कर रहे हैं.