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इस साल के राजा शनि देव बारिश पर डालेंगे असर, कहीं खुशी तो कहीं गम, जानें कब होगी फायदे वाली बारिश

मानसून कब आएगा और कैसी बारिश होगी. इसको लेकर लोग तरह-तरह के आकलन (Rainfall forecast) कर रहे हैं. मौसम विभाग (IMD, Ministry of Earth Sciences) के अनुमान देख रहे हैं, तो दूसरी तरफ ज्योतिष गणना से भी जानना चाहते हैं कि इस साल कैसी (Monsoon prediction) बारिश होगी. मौसम विभाग (Indian met department) समय पर मानसून (Monsoon date in India) के आने की बात कही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहीं अल्प वर्षा की उम्मीद जताई जा रही है, तो कहीं भारी बारिश, बाढ़ और तूफान के संकेत मिल रहे हैं.

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Published : May 23, 2022, 5:17 PM IST

सागर: भीषण गर्मी से परेशान जनमानस को बारिश का बेसब्री से इंतजार है. मानसून कब आएगा और कैसी बारिश होगी. इसको लेकर लोग तरह-तरह के आकलन (Rainfall forecast) कर रहे हैं. मौसम विभाग (IMD, Ministry of Earth Sciences) के अनुमान देख रहे हैं, तो दूसरी तरफ ज्योतिष गणना से भी जानना चाहते हैं कि इस साल कैसी (Monsoon prediction) बारिश होगी. मौसम विभाग (India meteorological department) ने इस बार 95 से 97% बारिश का अनुमान और समय पर मानसून (Monsoon date in India) के दस्तक की बात कही है. वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष शास्त्र (Rain prediction in India ) के अनुसार करीब 90 % बारिश का अनुमान है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार (Astrological rain prediction in India) उत्तर और पश्चिम भारत (India weather forecast) में अल्प वर्षा की उम्मीद जताई जा रही है, तो तटीय प्रदेशों में भारी बारिश, बाढ़ और तूफान के संकेत मिल रहे हैं.

ज्योतिषीय पूर्वानुमान: मां हनुमंता आधुनिक ज्योतिष शोध संस्थान (Maa Hanumanta astrological institute) के ज्योतिषाचार्य डॉ श्याम मनोहर चतुर्वेदी (Shyam Manohar Chaturvedi, Astrologer) के अनुसार आकाशीय परिषद में राजा शनि और गुरु मंत्री हैं. वर्षा के स्वामी मेघेश बुध हैं. बुध के कारण वर्षा के अच्छे संकेत हैं. लगभग 90 % से ऊपर वर्षा होगी. किसानों को भी फायदा होगा लेकिन आद्रा के प्रवेश के समय शनि की कुदृष्टि पड़ रही है.इस कारण उत्तर भारत और पश्चिम भारत में वर्षा कम हो सकती है. वहीं नागसारी योग होने के कारण तटीय प्रदेशों में अत्याधिक वर्षा होने की उम्मीद है. मेघेश बुध के कारण वर्षा अनेक राज्यों में अधिक होगी तथा गेहूं,जौं और धान की फसलें अच्छी होने की उम्मीद है. दूध, गुड़ आदि रसयुक्त पदार्थों के उत्पादन में वृद्धि होगी.

ज्योतिषीय पूर्वानुमान

मॉनसून की आहट, भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर कई राज्यों में येलो अलर्ट

आद्रा फल के अनुसार वर्षा: आद्रा फल की जो स्थिति बन रही है. उसके कारण वर्षा स्तंभों में अनियमितता रहेगी. फसलों को नुकसान और अनाज महंगे होने की पूरी संभावना रहेगी. कहीं पर औसत से अधिक और कहीं पर औसत से कम वर्षा होगी. उत्तर व पश्चिम राज्यों में वर्षा अनुपात से कम होने की संभावना रहेगी. इन राज्यों में वायु प्रकोप, चक्रवात के साथ गर्म हवाओं का अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा जिससे मध्यप्रदेश में फसलों की उपज प्रभावित होगी.

शत्रु राशि में सूर्य देव के गोचर से जीवन में होगी हलचल या मिलेगा धन-सम्मान

मैथिली ज्योतिष के अनुसार: ज्योतिषाचार्य डॉ श्याम मनोहर चतुर्वेदी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में वर्षा के आकलन अलग-अलग तरह के होते हैं. इसमें आद्रा का प्रवेश देखा जाता है, तो स्तंभ भी देखे जाते हैं और पद भी देखे जाते हैं. मैथिली ज्योतिष (Astrological rain prediction in India) भी देखा जाता है.इस हिसाब से उत्तर और पश्चिमी भारत में कम वर्षा की योग देखने मिल रहे हैं और नागसारी योग के कारण तटीय प्रदेशों में ज्यादा बरसात दिखाई दे रही है. किसानों के लिए शीतकालीन फसलों में फायदे का योग दिख रहा है लेकिन खरीफ की फसल में खड़ी फसल पर भारी वर्षा के कारण नुकसान होने की उम्मीद दिख रही है.

रबी या खरीफ...किसमें होगा फायदा! ज्योतिष के अनुसार लगाए जा रहे वर्षा के अनुमान को देखते हुए उत्तर पश्चिम राज्यों में अल्प वृष्टि की स्थिति बन रही है. वहीं तटीय प्रदेशों में भारी वृष्टि की स्थिति बन रही है. ऐसी स्थिति में किसानों को कहीं फायदा होगा, तो कहीं नुकसान भी देखने मिलेगा. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से खरीफ की फसल में जितना फायदा होने का अनुमान नहीं है, उससे ज्यादा रबी की फसल में किसानों को फायदा होगा.

शनिवार को करें शिव पूजा तो मिलेगी शनि-राहु दोष से राहत

सागर: भीषण गर्मी से परेशान जनमानस को बारिश का बेसब्री से इंतजार है. मानसून कब आएगा और कैसी बारिश होगी. इसको लेकर लोग तरह-तरह के आकलन (Rainfall forecast) कर रहे हैं. मौसम विभाग (IMD, Ministry of Earth Sciences) के अनुमान देख रहे हैं, तो दूसरी तरफ ज्योतिष गणना से भी जानना चाहते हैं कि इस साल कैसी (Monsoon prediction) बारिश होगी. मौसम विभाग (India meteorological department) ने इस बार 95 से 97% बारिश का अनुमान और समय पर मानसून (Monsoon date in India) के दस्तक की बात कही है. वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष शास्त्र (Rain prediction in India ) के अनुसार करीब 90 % बारिश का अनुमान है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार (Astrological rain prediction in India) उत्तर और पश्चिम भारत (India weather forecast) में अल्प वर्षा की उम्मीद जताई जा रही है, तो तटीय प्रदेशों में भारी बारिश, बाढ़ और तूफान के संकेत मिल रहे हैं.

ज्योतिषीय पूर्वानुमान: मां हनुमंता आधुनिक ज्योतिष शोध संस्थान (Maa Hanumanta astrological institute) के ज्योतिषाचार्य डॉ श्याम मनोहर चतुर्वेदी (Shyam Manohar Chaturvedi, Astrologer) के अनुसार आकाशीय परिषद में राजा शनि और गुरु मंत्री हैं. वर्षा के स्वामी मेघेश बुध हैं. बुध के कारण वर्षा के अच्छे संकेत हैं. लगभग 90 % से ऊपर वर्षा होगी. किसानों को भी फायदा होगा लेकिन आद्रा के प्रवेश के समय शनि की कुदृष्टि पड़ रही है.इस कारण उत्तर भारत और पश्चिम भारत में वर्षा कम हो सकती है. वहीं नागसारी योग होने के कारण तटीय प्रदेशों में अत्याधिक वर्षा होने की उम्मीद है. मेघेश बुध के कारण वर्षा अनेक राज्यों में अधिक होगी तथा गेहूं,जौं और धान की फसलें अच्छी होने की उम्मीद है. दूध, गुड़ आदि रसयुक्त पदार्थों के उत्पादन में वृद्धि होगी.

ज्योतिषीय पूर्वानुमान

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आद्रा फल के अनुसार वर्षा: आद्रा फल की जो स्थिति बन रही है. उसके कारण वर्षा स्तंभों में अनियमितता रहेगी. फसलों को नुकसान और अनाज महंगे होने की पूरी संभावना रहेगी. कहीं पर औसत से अधिक और कहीं पर औसत से कम वर्षा होगी. उत्तर व पश्चिम राज्यों में वर्षा अनुपात से कम होने की संभावना रहेगी. इन राज्यों में वायु प्रकोप, चक्रवात के साथ गर्म हवाओं का अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा जिससे मध्यप्रदेश में फसलों की उपज प्रभावित होगी.

शत्रु राशि में सूर्य देव के गोचर से जीवन में होगी हलचल या मिलेगा धन-सम्मान

मैथिली ज्योतिष के अनुसार: ज्योतिषाचार्य डॉ श्याम मनोहर चतुर्वेदी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में वर्षा के आकलन अलग-अलग तरह के होते हैं. इसमें आद्रा का प्रवेश देखा जाता है, तो स्तंभ भी देखे जाते हैं और पद भी देखे जाते हैं. मैथिली ज्योतिष (Astrological rain prediction in India) भी देखा जाता है.इस हिसाब से उत्तर और पश्चिमी भारत में कम वर्षा की योग देखने मिल रहे हैं और नागसारी योग के कारण तटीय प्रदेशों में ज्यादा बरसात दिखाई दे रही है. किसानों के लिए शीतकालीन फसलों में फायदे का योग दिख रहा है लेकिन खरीफ की फसल में खड़ी फसल पर भारी वर्षा के कारण नुकसान होने की उम्मीद दिख रही है.

रबी या खरीफ...किसमें होगा फायदा! ज्योतिष के अनुसार लगाए जा रहे वर्षा के अनुमान को देखते हुए उत्तर पश्चिम राज्यों में अल्प वृष्टि की स्थिति बन रही है. वहीं तटीय प्रदेशों में भारी वृष्टि की स्थिति बन रही है. ऐसी स्थिति में किसानों को कहीं फायदा होगा, तो कहीं नुकसान भी देखने मिलेगा. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से खरीफ की फसल में जितना फायदा होने का अनुमान नहीं है, उससे ज्यादा रबी की फसल में किसानों को फायदा होगा.

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