सागर। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने तीसरी लहर का डर फैला रखा है. सभी सरकारें संभावित तीसरी लहर से निपटने के उपाय कर रही हैं. लेकिन एमपी में एक अस्थाई कोविड अस्पताल को सरकार नें बंद कर दिया है.(bina refinery covid hospital closed) करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद बीना रिफाइनरी में अस्थाई कोविड अस्पताल बना था. सरकार ने 30 नवंबर तक अस्पताल को बंद करने का आदेश दिया था. बीना के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल का सामान समेटना शुरू कर दिया है. इस अस्पताल के बनने से लेकर अब तक सिर्फ एक मरीज यहां इलाज के लिए आया था. जिसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था. सवाल ये खड़ा होता है कि करोड़ों खर्च करने के बाद तीसरी लहर की आशंका के बीच क्या इस अस्थाई अस्पताल को बंद करने का सरकार का फैसला सही है.
राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
ईटीवी भारत से फोन पर बीना आगासोद के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी संजीव अग्रवाल ने बताया , कि सरकार ने 30 नवंबर तक अस्पताल को बंद करने का आदेश दिया था. हम अस्पताल के सामान का वेरिफिकेशन कर रहे हैं. अस्पताल के (bina temporary covid hospital closing order )स्टाफ को अभी हटाया नहीं गया है. क्योंकि उनसे 31 दिसंबर तक का अनुबंध हुआ था. हालांकि यह आदेश कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के सामने आने के पहले आया था. उसी आदेश के तहत हमने कार्रवाई शुरू की है. तीसरी लहर की आशंका को लेकर सरकार और विभाग की ओर से इस अस्थायी अस्पताल को लेकर कोई नए दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं. इसलिए पहले के आदेश के तहत अस्थाई कोविड-19 अस्पताल को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें काफी वक्त लग सकता है. अस्थाई अस्पताल काफी बड़ा है. इसमें करीब 1000 बेड प्रस्तावित थे. फिलहाल सिर्फ हम बीना सिविल अस्पताल का सामान वापस कर रहे हैं.
नियुक्त किए गए स्टाफ को भी हटाने के आदेश
बीना के अस्थाई कोविड अस्पताल में चार डॉक्टर, तीन स्टाफ नर्स, दो रेडियोग्राफर और एक लैब टेक्नीशियन की संविदा आधार पर नियुक्ति की गई थी. जिनका अनुबंध 31 दिसंबर 2021 तक का है. इस मामले में बीना ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है, कि अनुबंध के मुताबिक उन्हें 31 दिसंबर तक काम करने दिया जाए या फिर शासन के नए आदेश के तहत उन्हें भी पद मुक्त किया जाए.
Betul Major Road Accident दर्दनाक हादसे में 6 की मौत 16 घायल, सीएम ने दिए मदद के निर्देश
अस्थाई कोविड अस्पताल पर हुए करोड़ों खर्च
जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी, तो बीना रिफाइनरी की ऑक्सीजन पर आधारित अस्थाई कोविड-19 अस्पताल रिफाइनरी परिसर में बनाने का फैसला लिया गया था. इस अस्थाई अस्पताल को तैयार करने में करोड़ों रुपए खर्च हुए थे. (MP corona alert omicron variant)सरकार ने पहले 1000 बेड का अस्पताल बनाने का दावा किया गया था, लेकिन यह आंकड़ा धीरे-धीरे कम होकर 200 बेड पर पहुंच गया. कोरोना की दूसरी लहर कमजोर होने के बाद सिर्फ 60 बेड का अस्पताल चालू किया गया. जिसमें कोरोना संक्रमित सिर्फ एक महिला मरीज पहुंची थी. उसे भी सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.