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महाराजा वेंकट रमन सिंह ने इसलिए बनवाया था वेंकट भवन, देखिए खबर - King of rewa riyasat

रीवा रियासत के एक ऐसे राजा थे जिन्होंने अपनी प्रजा को पलायन करने से रोकने के लिए एक निर्माण करा दिया, जो आज मध्य भारत की प्रमुख इमारतों में से एक वेंकट भवन के नाम से जाना जाता है, जानें वेंकट भवन की पूरी कहानी..

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
वेंकट भवन की पूरी कहानी
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Published : Sep 15, 2020, 9:46 PM IST

रीवा। भारत में तमाम ऐसे राजाओं की कहानियां प्रचलित हैं, जो हमेशा ही अपनी प्रजा के लिए राम राज की परिकल्पना को साकार करने में लगे रहते थे. ऐसे ही एक राजा थे रीवा के राजा महाराजा वेंकट रमन सिंह जूदेव जिन्होंने राज्य के खराब हालातों में अपनी प्रजा के पलायन को रोकने के लिए मका निर्माण करा दिया, जिसमें उन्होंने उस समय तीन लाख रुपए व्यय कर दिए.

वेंकट भवन की पूरी कहनी

अकाल के कारण हुआ निर्माण
1895-96 के दरमियान रीवा रियासत में अकाल पड़ गया जिसके बाद रीवा रियासत की सारी प्रजा काम की तलाश में पलायन करने लगी तब अपनी प्रजा को रोजगार दिलाने के उद्देश्य और उनके भरण-पोषण के लिए रीवा रियासत के तत्कालीन महाराजा वेंकट रमण सिंह जूदेव ने भवन बनाने का निर्णय लिया और रोजगार की तलाश में पलायन कर रही प्रजा को रोक लिया. राजा की उदारता से प्रसन्न होकर मन लगाकर उस भवन में काम शुरू कर दिया.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
वेंकट भवन का बोर्ड

इंग्लैंड के इंजीनियर ने बनाया नक्शा
इस भवन के निर्माण को लेकर महाराजा वेंकट रमन सिंह ने इंग्लैंड से आए जीनियर हैरिशन को नक्शा बनाने का काम सौंपा था, जिसके बाद आकाश लोक पाताल लोक और भू लोक की परिकल्पना कर इस भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया. भवन का निर्माण गोलाकार हॉज में बनाया गया है और उसी हॉल के ऊपर यह शाही इमारत खड़ी हुई है. वेंकट भवन निर्माण में बिछिया के रहने वाले मोहम्मद खान को मुख्य शिल्पकार नियुक्त किया गया था, जिनके साथ मिलकर सैकड़ों शिल्पकारों नवभवन की खूबसूरती निखारने का हर संभव प्रयास किया.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
वेंकट भवन

तीन साल में बन कर हुआ तैयार
भवन के निर्माण कार्य में करीब 1000 से अधिक मजदूरों ने काम किया, जिनके दिनरात की मेहनत से 13 वर्षों में 3 लाख रुपये की लागत से बनकर यह भवन तैयार हो गया. मालूम हो की भवन के निर्माण कार्य में काम करने वाले मुख्य शिल्पकार को काम के बदले रोजाना 50 पैसे और मजदूरों को 12 पैसे का वेतन दिया जाता था.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
आलीशान वेंकट भवन

रीवा के कारीगरों का खास योगदान
रीवा शहर के हृदय स्थली में 125 वर्ष पुराना यह भवन आज वेंकट भवन के नाम से जाना जाता है. इस भवन की खास बात यह की यहां का ज्यादातर काम रीवा के कारीगरों और मजदूरों ने ही किया है. रीवा राज्य में ऐसे बहुत से शिल्पकार थे जो पत्थरों में नक्काशी करने में काफी माहिर थे. लेकिन भवन की सुंदरता और ज्यादा निखारने के लिए कुछ कार्य ऐसे भी थे जिनके लिए जोधपुर, आगरा और जयपुर से शिल्पकारों को बुलाया गया.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
महाराजा वेंकट रमन सिंह की परियोजना

ऐसे सुंदर हुआ भवन
भवन के निर्माण में गुड़ ,बेल कत्था, सुर्खी चुने सहित उड़द का इस्तेमाल किया गया. भवन की दीवारों पर सीप और संगमरमर से छपाई कर इन दीवारों की नारियल की जटा से घिसाई की गई, जिसके बाद दीवारों को शीशे की तरह चमकाने के लिए ढाका से मंगवाए गए एक खास किस्म के मखमली कपड़े का इस्तेमाल किया गया. भवन की दूसरी मंजिल के बाहरी हिस्से में लगे खूबसूरत स्टील के वर्क को महाराजा वेंकट रमन सिंह ने इंग्लैंड से मंगवाया था.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
कल्चुरी कालीन मूर्ति

सुरक्षा का रखा गया खास ख्याल
आकाश पाताल और भूलोक की परिकल्पना के आधार पर बनाए गए वेंकट भवन में कई गुप्त रास्ते बनाए गए, जिससे संकट की घड़ी में पार पाया जा सके और गुप्त मंत्रणा की जा सके. भवन के नीचे 3 लंबी सुरंगों का भी निर्माण कराया गया था और सुरंग के मध्य में ही एक भव्य स्नानागार भी है जिसे आपातकाल में एक सभा कक्ष के रूप में बदला जा सकता था.

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बाहर से देखने में वेंकट भवन

वर्तमान समय में इस भवन के अंदर जिला संग्रहालय स्थापित है और भवन के प्रवेश द्वार में दसवीं और ग्यारहवीं शताब्दी के कर्चुली कालीन की सैकड़ों दुर्लभ प्रतिमाएं स्थापित है. वेंकट भवन मध्य भारत के प्रमुख भवनों में से एक है. वेंकट भवन में शिल्पकारों ने इस कदर कलाकारी की है कि आज भी नक्काशी देख पर्यटक तो पर्यटक बड़े आर्केटेक्ट भी दांतों तले उंगली दवा लें. लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के चलते इसका अस्तित्व अब खतरे में दिखाई दे रहा है.

रीवा। भारत में तमाम ऐसे राजाओं की कहानियां प्रचलित हैं, जो हमेशा ही अपनी प्रजा के लिए राम राज की परिकल्पना को साकार करने में लगे रहते थे. ऐसे ही एक राजा थे रीवा के राजा महाराजा वेंकट रमन सिंह जूदेव जिन्होंने राज्य के खराब हालातों में अपनी प्रजा के पलायन को रोकने के लिए मका निर्माण करा दिया, जिसमें उन्होंने उस समय तीन लाख रुपए व्यय कर दिए.

वेंकट भवन की पूरी कहनी

अकाल के कारण हुआ निर्माण
1895-96 के दरमियान रीवा रियासत में अकाल पड़ गया जिसके बाद रीवा रियासत की सारी प्रजा काम की तलाश में पलायन करने लगी तब अपनी प्रजा को रोजगार दिलाने के उद्देश्य और उनके भरण-पोषण के लिए रीवा रियासत के तत्कालीन महाराजा वेंकट रमण सिंह जूदेव ने भवन बनाने का निर्णय लिया और रोजगार की तलाश में पलायन कर रही प्रजा को रोक लिया. राजा की उदारता से प्रसन्न होकर मन लगाकर उस भवन में काम शुरू कर दिया.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
वेंकट भवन का बोर्ड

इंग्लैंड के इंजीनियर ने बनाया नक्शा
इस भवन के निर्माण को लेकर महाराजा वेंकट रमन सिंह ने इंग्लैंड से आए जीनियर हैरिशन को नक्शा बनाने का काम सौंपा था, जिसके बाद आकाश लोक पाताल लोक और भू लोक की परिकल्पना कर इस भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया. भवन का निर्माण गोलाकार हॉज में बनाया गया है और उसी हॉल के ऊपर यह शाही इमारत खड़ी हुई है. वेंकट भवन निर्माण में बिछिया के रहने वाले मोहम्मद खान को मुख्य शिल्पकार नियुक्त किया गया था, जिनके साथ मिलकर सैकड़ों शिल्पकारों नवभवन की खूबसूरती निखारने का हर संभव प्रयास किया.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
वेंकट भवन

तीन साल में बन कर हुआ तैयार
भवन के निर्माण कार्य में करीब 1000 से अधिक मजदूरों ने काम किया, जिनके दिनरात की मेहनत से 13 वर्षों में 3 लाख रुपये की लागत से बनकर यह भवन तैयार हो गया. मालूम हो की भवन के निर्माण कार्य में काम करने वाले मुख्य शिल्पकार को काम के बदले रोजाना 50 पैसे और मजदूरों को 12 पैसे का वेतन दिया जाता था.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
आलीशान वेंकट भवन

रीवा के कारीगरों का खास योगदान
रीवा शहर के हृदय स्थली में 125 वर्ष पुराना यह भवन आज वेंकट भवन के नाम से जाना जाता है. इस भवन की खास बात यह की यहां का ज्यादातर काम रीवा के कारीगरों और मजदूरों ने ही किया है. रीवा राज्य में ऐसे बहुत से शिल्पकार थे जो पत्थरों में नक्काशी करने में काफी माहिर थे. लेकिन भवन की सुंदरता और ज्यादा निखारने के लिए कुछ कार्य ऐसे भी थे जिनके लिए जोधपुर, आगरा और जयपुर से शिल्पकारों को बुलाया गया.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
महाराजा वेंकट रमन सिंह की परियोजना

ऐसे सुंदर हुआ भवन
भवन के निर्माण में गुड़ ,बेल कत्था, सुर्खी चुने सहित उड़द का इस्तेमाल किया गया. भवन की दीवारों पर सीप और संगमरमर से छपाई कर इन दीवारों की नारियल की जटा से घिसाई की गई, जिसके बाद दीवारों को शीशे की तरह चमकाने के लिए ढाका से मंगवाए गए एक खास किस्म के मखमली कपड़े का इस्तेमाल किया गया. भवन की दूसरी मंजिल के बाहरी हिस्से में लगे खूबसूरत स्टील के वर्क को महाराजा वेंकट रमन सिंह ने इंग्लैंड से मंगवाया था.

story of Venkat Bhawan was built by Maharaja Venkat Raman Singh in rewa
कल्चुरी कालीन मूर्ति

सुरक्षा का रखा गया खास ख्याल
आकाश पाताल और भूलोक की परिकल्पना के आधार पर बनाए गए वेंकट भवन में कई गुप्त रास्ते बनाए गए, जिससे संकट की घड़ी में पार पाया जा सके और गुप्त मंत्रणा की जा सके. भवन के नीचे 3 लंबी सुरंगों का भी निर्माण कराया गया था और सुरंग के मध्य में ही एक भव्य स्नानागार भी है जिसे आपातकाल में एक सभा कक्ष के रूप में बदला जा सकता था.

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बाहर से देखने में वेंकट भवन

वर्तमान समय में इस भवन के अंदर जिला संग्रहालय स्थापित है और भवन के प्रवेश द्वार में दसवीं और ग्यारहवीं शताब्दी के कर्चुली कालीन की सैकड़ों दुर्लभ प्रतिमाएं स्थापित है. वेंकट भवन मध्य भारत के प्रमुख भवनों में से एक है. वेंकट भवन में शिल्पकारों ने इस कदर कलाकारी की है कि आज भी नक्काशी देख पर्यटक तो पर्यटक बड़े आर्केटेक्ट भी दांतों तले उंगली दवा लें. लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के चलते इसका अस्तित्व अब खतरे में दिखाई दे रहा है.

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