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रीवा की बेटी प्रांजल ने सुरों के सरगम से दुनिया को किया सराबोर, बनाई अलग पहचान - rewa news

शहर की प्रांजल सिंह ने अपनी आवाज के दम पर पूरे शहर को गौरवान्वित किया है. 15 साल की प्राजंल देश-विदेश में अपनी गायकी का जादू बिखेर चुकी है.

सारेगमपा की विजेता बनकर बनी मिसाल
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Published : Nov 13, 2019, 10:53 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 12:11 PM IST

रीवा। देश भर में बाल दिवस के मौके पर प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित व प्रोत्साहित किया जाता रहा है. रीवा की बेटी प्रांजल ने भी गायकी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है.

शहर के बाणसागर की रहने वाली प्रांजल सिंह इसी वर्ष महुआ टीवी में आने वाले भोजपुरी प्रोग्राम सारेगामपा लिटिल चैम्प में हिस्सा लेकर जीत हासिल कर पूरे शहर का नाम गौरवान्वित किया है. प्रांजल बचपन से ही अपनी माता को अपना गुरु मानती रही हैं, उन्हीं से गायन कला की शिक्षा ली और देश-विदेश में अलग-अलग मंचों पर जाकर अपनी प्रस्तुति दी. प्रांजल की उम्र15 वर्ष है.

अपनी आवाज से प्रांजल ने बिखेरा जादू

प्रांजल सिंह का कहना है कि बचपन से ही उन्हें गायन में रुचि थी और मां के भरपूर सहयोग से इस उपलब्धि को हासिल कर सकी हैं. उन्होंने कहा कि वे इस वर्ष 10वीं की छात्रा हैं, जिसके चलते अभी अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगा रही हैं.

रीवा। देश भर में बाल दिवस के मौके पर प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित व प्रोत्साहित किया जाता रहा है. रीवा की बेटी प्रांजल ने भी गायकी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है.

शहर के बाणसागर की रहने वाली प्रांजल सिंह इसी वर्ष महुआ टीवी में आने वाले भोजपुरी प्रोग्राम सारेगामपा लिटिल चैम्प में हिस्सा लेकर जीत हासिल कर पूरे शहर का नाम गौरवान्वित किया है. प्रांजल बचपन से ही अपनी माता को अपना गुरु मानती रही हैं, उन्हीं से गायन कला की शिक्षा ली और देश-विदेश में अलग-अलग मंचों पर जाकर अपनी प्रस्तुति दी. प्रांजल की उम्र15 वर्ष है.

अपनी आवाज से प्रांजल ने बिखेरा जादू

प्रांजल सिंह का कहना है कि बचपन से ही उन्हें गायन में रुचि थी और मां के भरपूर सहयोग से इस उपलब्धि को हासिल कर सकी हैं. उन्होंने कहा कि वे इस वर्ष 10वीं की छात्रा हैं, जिसके चलते अभी अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगा रही हैं.

Intro: देशभर में बाल दिवस के अवसर पर अलग-अलग प्रतिभाओं पर अपनी छाप छोड़ने वाले बच्चों को सम्मानित तथा उन्हें प्रोत्साहित करने का कार्यक्रम किया जा रहा है इस अवसर पर हम आपको रीवा की एक ऐसी ही बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने गायन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है


Body:विंध्य क्षेत्र में कला साहित्य संस्कृति सब बता का विशेष महत्व रहा है यहां के राजा के दरबार में तानसेन के गीतों के सुरगुजा करते थे और आज की युवा पीढ़ी भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है वही हमारे देश के नन्हे बच्चे भी देश विदेश के मंच पर पहुंचकर देश के गौरव को ऊंचा करने में किसी भी प्रकार की कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं...


ऐसी ही रीवा की एक बेटी से आज हम आपको मिला रहे हैं जिसने गायन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है कथा रीवा जिले के साथ-साथ ही उसने समोसे देश का नाम ऊंचा किया है दरअसल रीवा शहर की रहने वाली प्रांजल सिंह नाम की इस बेटी ने गायन के क्षेत्र में ऐसा नाम कमाया है कि जिससे इसके परिवार सहित समूचे रीवा का नाम गौरवान्वित हो गया है..


प्रांजल ई ने बचपन से ही अपनी माता को अपना गुरु मानते हुए गायन कला की शिक्षा ली तथा देश-विदेश से अलग-अलग मंचों में जाकर अपनी प्रस्तुति दी रांजलि ने इसी वर्ष महुआ टीवी में आने वाले भोजपुरी प्रोग्राम सारेगामापा लिटिल चेम में हिस्सा लेकर जीत हासिल की है प्रांजल की उम्र अभी केवल 15 वर्ष की है तथा इतनी छोटी उम्र में उन्होंने गायन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है प्रांजल ई का कहना है कि बचपन से ही उन्हें गायन में रुचि थी तथा माता का भरपूर सहयोग मिला जिससे उन्होंने इस उपलब्धि को हासिल किया है प्रांजल इस वर्ष कक्षा दसवीं में अध्ययनरत है जिसके कारण है अभी फिलहाल अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगा रही है...


byte- प्रांजल सिंह...



Conclusion:....
Last Updated : Nov 13, 2019, 12:11 PM IST
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