रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले के एक और बेटे ने विंध्य सहित प्रदेश का मान बढ़ाया है. देवतालाब क्षेत्र स्थित मैरहा गांव के निवासी राहुल कुमार शुक्ला का चयन देश के सर्वोच्च संस्था भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (Bhabha Atomic Research Center) में असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर (Assistant scientific officer) पद पर हुआ है. कम उम्र में ही राहुल की यह उपलब्धि प्रदेश सहित विंध्य के लिए गौरव की बात है. उनकी देश भर में 6 वीं रैंक आई है. राहुल के परिजनों ने बताया कि यह पूरे परिवार के लिए गौरव का पल है.
सबसे बड़े शोध केंद्र के लिए रीवा के राहुल का चयन: भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई में है. यह देश का सबसे बड़ा अनुसंधान केंद्र है. जो भारत का परमाणु ऊर्जा आयोग के अंतर्गत आता है. भाभा परमाणु शोध केंद्र देश में परमाणु बम, परमाणु ऊर्जा एवं उच्च प्रयोगों के लिए जाना जाता है. इस अनुसंधान केंद्र में किसी व्यक्ति का चयन होना एक बड़ी बात है. राहुल कुमार शुक्ला शासकीय इंजीयनिरिंग कॉलेज में बी.टेक के सिविल ब्रांच में फाइनल ईयर के छात्र हैं.
देश भर के 187 छात्रों में से राहुल की 6वीं रैंक: भाभा परमाणु शोध केंद्र की ओर से निकाली गई वैकेंसी के बाद राहुल ने ऑनलाइन आवेदन किया गया था. जिसके बाद 4 अप्रैल 2022 को जबलपुर में उनकी परीक्षा हुई और इसका परिणाम आने के बाद 31 मई को उन्हे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था. करीब एक घंटे राहुल का इंटरव्यू मुम्बई में हुआ और इसके बाद गत 12 जुलाई को इसका परिणम जारी किया गया. जिसमें इस केन्द्र के लिए देश भर से चुने गए 187 लोगों में राहुल कुमार शुक्ला की 6वीं रैंक है.
स्टोर कीपर हैं पिता: राहुल कुमार शुक्ला एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं, उनके पिता शिवकुमार शुक्ला शहर के सिंगरौली हाऊस में सिक्योरिटी गार्ड थे. इस काम के लिए उन्हे 5 हजार रूपए महीने का वेतन मिलता था. पीता की ईमानदारी को देख हाल ही में सिंगरौली हाउस के मालिक ने उन्हे स्टोर कीपर के पद पर पदस्थ कर दिया और अब उनके महीने का वेतन 7 हजार रूपए हो गया है.
आर्थिक तंगी के बाद भी नहीं रुके राहुल के कदम: राहुल की मां संगीता शुक्ला गृहणी हैं. आर्थिक तंगी के बीच राहुल ने बड़े संघर्ष के साथ इस उपलब्धि को हासिल किया है. राहुल वर्तमान में रीवा के विभीषण नगर में अपने चाचा के मकान में रह रहते है और चाचा के घर में रह कर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. देश के सर्वोच्च स्थान भाभा परमाणु शोध केंद्र में असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर पद पर पदस्थ होकर सभी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
राहुल ने परिजनों और दोस्तों को दिया सफलता का श्रेय: राहुल ने अपनी इस उपलब्धि का पूरा श्रेय अपने चाचा अरुण शुक्ला, पिता और दोस्तों को दिया. राहुल के चाचा एक सॉफ्ट वेयर इंजीनियर हैं. राहुल की आर्थिक मदद उनके चाचा ने ही की. राहुल ने अपनी स्कूल की शुरुआती पढ़ाई मनेन्द्रगढ़ में कक्षा पांच तक की और इसके बाद 12वीं तक वह गीता ज्योति स्कूल में पढ़े हैं. बाद में उनका चयन शासकीय इंजीयनिरिंग कॉलेज में बी.टेक के लिए हो गया. राहुल शुरू से ही एक मेघावी छात्र के रूप में जाने जाते हैं पहले भी उन्होंने अच्छे नंबरों से परीक्षा को उत्तीर्ण कर अपने परिवार व जिले का मान बढ़ाया है.
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आईएएस बनना चाहते हैं राहुल: राहुल कुमार शुक्ला ने बताया कि अगर उन्हें इस कार्य के बाद समय मिला तो वह आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं. वह आगे चलकर इसकी तैयारी भी करेंगे. चूंकि परिवार में आर्थिक तंगी थी तो उन्होंने अपनी बी.टेक पूरी करने से पहले ही नौकरी की तलाश की और इसी बीच भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में आवेदन किया. उनके द्वारा किए गए पहले प्रयास में ही उन्होंने सफलता हासिल कर ली. अब वह जल्द ही भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर के पद पदस्थ होंगे देश के लिए अपना योगदान देंगे.
युवाओं को दिया खास संदेश: अनुसंधान केंद्र की ओर से करीब 12 लाख रुपए सलाना का पैकेज राहुल को दिया गया है. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवा अपना लक्ष्य बनाए और केवल उसी पर केंद्रित होते हुए उसे पूरा करने का प्रयास करें. उन्होंने कहा दादा, पिता-माता, चाचा सहित उनके दोस्तों ने यहां तक पहुंचने में हर कदम पर उनका साथ दिया.
(Rahul Shukla got 6th Rank) (Rewa Rahul Shukla raised value of MP) (Rahul Shukla selected in Bhabha Atomic Research Center)