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Online Game के जाल में फंस रहे बच्चे, अपना रहे हैं अपराध का रास्ता - ईटीवी भारत

ऑनलाइन गेम (Online Game) का फितूर बच्चों पर हावी हो रहा है. इसके चलते अब बच्चे क्राइम (Crime) का रास्ता तक अपनाने लगे हैं.

Online Game
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Published : Sep 20, 2021, 8:51 PM IST

भोपाल/रीवा। ऑनलाइन गेम (Online Game) का फितूर बच्चों पर इस कदर हावी है कि वह अब इसके लिए अपराध (Crime) का रास्ता तक चुनने लगे हैं. बात करें मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की, तो पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे सनसनीखेज मामले सामने आए, जिसमें ऑनलाइन गेम के चक्कर में बच्चे अपराधी बन गए. ऑनलाइन गेम खेलने की बढ़ती लत से बच्चों को दूर रखने और आने वाली मुसीबत से बचाने के लिए साइबर सेल (CYBER CELL) ने बालकों को कुछ हिदायतें भी दी है. इसके बाद भी बच्चे ऑनलाइन गेम की वजह से गलत रास्ते पर जा रहे हैं. पबजी (PUBG), फ्री फायर (Free Fire), बैटल ग्राउंड (Battle Ground) समेत कई गेम ऑनलाइन खेले जाते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा पबजी गेम का असर बच्चों पर पड़ रहा है.

रीवा

ऑनलाइन गेम के चक्कर में निकाले 1 लाख रुपए

रीवा के जवा थाना क्षेत्र में ऑनलाइन गेम से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. जहां गेम के चक्कर में एक नाबालिग ने अपने पिता के खाते से 1 लाख रुपए निकाल लिए. बाद में पिता की डांट के डर से वह अपने घर से भाग गया. बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद उसे 24 घंटे के अंदर ही ढूंढ लिया गया. बच्चा इंदौर रेलवे स्टेशन में मिला है.

यह है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि जवा थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाला 16 वर्षीय किशोर 15 सितंबर को घर से कोचिंग जाने की बात बोलकर निकला था. जिसके बाद वह लापता हो गया. काफी तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चला तो परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. मामले की जांच में जब तथ्य सामने आए तो पुलिस के भी होश उड़ गए. बच्चा ऑनलाइन गेम खेलने की लत में फंसा हुआ था. इस गेम की लत में जब वह बुरी तरह फंस गया तो उससे रुपयों की मांग की जाने लगी. चोरी से उसने अपने पिता के खाते से पैसे निकालना शुरू कर दिया.

10 दिन में निकाले एक लाख रुपए

बच्चे ने दस दिन में करीब एक लाख रुपए अपने पिता के खाते से निकाल लिए और ऑनलाइन गेम में ट्रांसफर कर दिए. पैसे निकालने के मैसेज जब भी नाबालिग के पिता के मोबाइल में आते तो वह उसे डिलीट कर देता था. इतनी बड़ी रकम गेम में हारने के बाद जब बच्चे को अपनी गलती का अहसास हुआ. लेकिन उसे फिर पिता की डांट का डर सताने लगा और वह घर से भाग गया. बच्चे के गायब होने के बाद परिजन से पुलिस से शिकायत की थी. जिसके बाद बच्चे की लोकेशन ट्रेस कर उसे इंदौर रेलवे स्टेशन में ढूंढ लिया गया.

गेम के चक्कर में निकाले 1 लाख रुपए

राज्य साइबर सेल द्वारा एडवाइजरी जारी

राज्य साइबर सेल द्वारा अभिभावकों से कहा गया है कि बच्चों को बेवजह मोबाइल नहीं दें. ऑनलाइन क्लॉसेस के लिए बिना सिम कार्ड का मोबाइल दें, बच्चों को वाईफाई से इंटरनेट इस्तेमाल करने दें, साथ ही बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें. साइबर सेल की एडवाइजरी में कहा गया है कि परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर पर पैरेंटल कंट्रोल ऑन करें. पासवर्ड बच्चों को न बताएं, बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्शन की छूट न दें. खाते से पैसे कटने का मैसेज आते ही बच्चों से पैसे कटने का कारण अवश्य पूछें.

एक तरफ जहां साइबर सेल ने बच्चों केा कम से कम मोबाइल देने की सलाह दी है तो दूसरी ओर इन दिनों कोरोना के कारण बच्चों को ऑन लाइन पढ़ाया जा रहा है. एक पालक आशीष शर्मा का कहना है कि यह एक चुनौती का काम है, बच्चे से आप कहें कि ऑन लाइन पढ़ो और उसे मोबाइल से दूर भी रखें. ऐसे में बच्चों केा लगता है कि पालक ही उस पर भरोसा नहीं कर रहे है.

बच्चों के लिए मुसीबत बन रहा ऑनलाइन गेम, मासूम अपना रहे हैं अपराध का रास्ता

क्या है पबजी गेम ?

प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड या पबजी एक बैटल रॉयल गेम है, जिसे वर्ष 2017 में पीसी और गेमिंग कंसोल के लिए लॉन्च किया गया था. लॉन्च के तुरंत बाद पबजी दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल बन गया. यह खेल 100 खिलाड़ियों को एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देता है. इस खेल में अंतिम तक जीवित रहने वाले व्यक्ति को चिकन डिनर मिलता है.

पबजी बनाने वाले व्यकित ब्रेंडन ग्रीन ने एआरएमए 2 और डे-Z: बैटल रॉयल जैसे अन्य लोकप्रिय गेम भी बनाए हैं. इस खेल को पबजी कॉरपोरेशन द्वारा पीसी के लिए विकसित किया गया था, जो एक कोरियाई गेम डेवलपर, ब्लूहोल की सहायक कंपनी है. किस देश से आया पबजीकोरियाई डेवलपर ने चीन की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनी टेनसेन्ट के साथ गेमिंग बाजार में प्रवेश करने के लिए भागीदारी की.

टेनसेन्ट ने पबजी का मोबाइल संस्करण पेश किया. यह खेल चीन में काफी हिट बन गया, लेकिन इसे विमुद्रीकरण करने के लिए चीनी सरकार की मंजूरी नहीं मिली.

भारत में 2017 में लॉन्च हुआ था पबजी

चीनी कंपनी टेंसेंट (Tencent) के स्वामित्व वाला गेम पबजी साल 2017 में भारतीय बाजार में लॉन्च हुआ. बहुत ही कम समय में पबजी भारत में सबसे अधिक डाउनलोड और खेले जाने वाले मोबाइल गेम में से एक बन गया. पबजी को अब तक दुनियाभर में 730 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है. जिसमें भारत पहले स्थान पर है.

सरकार ने भारत में बैन किया था पबजी

भारत सरकार ने 2 सितबंर 2020 को पबजी (PUBG) मोबाइल, पबजी मोबाइल लाइट सहित 116 अन्य चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने इस फैसले के लिए देश की सुरक्षा को वजह बताया. सरकार के मुताबिक इन एप को लेकर काफी शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते सरकार ने यह फैसला लिया.

भोपाल/रीवा। ऑनलाइन गेम (Online Game) का फितूर बच्चों पर इस कदर हावी है कि वह अब इसके लिए अपराध (Crime) का रास्ता तक चुनने लगे हैं. बात करें मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की, तो पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे सनसनीखेज मामले सामने आए, जिसमें ऑनलाइन गेम के चक्कर में बच्चे अपराधी बन गए. ऑनलाइन गेम खेलने की बढ़ती लत से बच्चों को दूर रखने और आने वाली मुसीबत से बचाने के लिए साइबर सेल (CYBER CELL) ने बालकों को कुछ हिदायतें भी दी है. इसके बाद भी बच्चे ऑनलाइन गेम की वजह से गलत रास्ते पर जा रहे हैं. पबजी (PUBG), फ्री फायर (Free Fire), बैटल ग्राउंड (Battle Ground) समेत कई गेम ऑनलाइन खेले जाते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा पबजी गेम का असर बच्चों पर पड़ रहा है.

रीवा

ऑनलाइन गेम के चक्कर में निकाले 1 लाख रुपए

रीवा के जवा थाना क्षेत्र में ऑनलाइन गेम से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. जहां गेम के चक्कर में एक नाबालिग ने अपने पिता के खाते से 1 लाख रुपए निकाल लिए. बाद में पिता की डांट के डर से वह अपने घर से भाग गया. बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद उसे 24 घंटे के अंदर ही ढूंढ लिया गया. बच्चा इंदौर रेलवे स्टेशन में मिला है.

यह है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि जवा थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाला 16 वर्षीय किशोर 15 सितंबर को घर से कोचिंग जाने की बात बोलकर निकला था. जिसके बाद वह लापता हो गया. काफी तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चला तो परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. मामले की जांच में जब तथ्य सामने आए तो पुलिस के भी होश उड़ गए. बच्चा ऑनलाइन गेम खेलने की लत में फंसा हुआ था. इस गेम की लत में जब वह बुरी तरह फंस गया तो उससे रुपयों की मांग की जाने लगी. चोरी से उसने अपने पिता के खाते से पैसे निकालना शुरू कर दिया.

10 दिन में निकाले एक लाख रुपए

बच्चे ने दस दिन में करीब एक लाख रुपए अपने पिता के खाते से निकाल लिए और ऑनलाइन गेम में ट्रांसफर कर दिए. पैसे निकालने के मैसेज जब भी नाबालिग के पिता के मोबाइल में आते तो वह उसे डिलीट कर देता था. इतनी बड़ी रकम गेम में हारने के बाद जब बच्चे को अपनी गलती का अहसास हुआ. लेकिन उसे फिर पिता की डांट का डर सताने लगा और वह घर से भाग गया. बच्चे के गायब होने के बाद परिजन से पुलिस से शिकायत की थी. जिसके बाद बच्चे की लोकेशन ट्रेस कर उसे इंदौर रेलवे स्टेशन में ढूंढ लिया गया.

गेम के चक्कर में निकाले 1 लाख रुपए

राज्य साइबर सेल द्वारा एडवाइजरी जारी

राज्य साइबर सेल द्वारा अभिभावकों से कहा गया है कि बच्चों को बेवजह मोबाइल नहीं दें. ऑनलाइन क्लॉसेस के लिए बिना सिम कार्ड का मोबाइल दें, बच्चों को वाईफाई से इंटरनेट इस्तेमाल करने दें, साथ ही बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें. साइबर सेल की एडवाइजरी में कहा गया है कि परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर पर पैरेंटल कंट्रोल ऑन करें. पासवर्ड बच्चों को न बताएं, बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्शन की छूट न दें. खाते से पैसे कटने का मैसेज आते ही बच्चों से पैसे कटने का कारण अवश्य पूछें.

एक तरफ जहां साइबर सेल ने बच्चों केा कम से कम मोबाइल देने की सलाह दी है तो दूसरी ओर इन दिनों कोरोना के कारण बच्चों को ऑन लाइन पढ़ाया जा रहा है. एक पालक आशीष शर्मा का कहना है कि यह एक चुनौती का काम है, बच्चे से आप कहें कि ऑन लाइन पढ़ो और उसे मोबाइल से दूर भी रखें. ऐसे में बच्चों केा लगता है कि पालक ही उस पर भरोसा नहीं कर रहे है.

बच्चों के लिए मुसीबत बन रहा ऑनलाइन गेम, मासूम अपना रहे हैं अपराध का रास्ता

क्या है पबजी गेम ?

प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड या पबजी एक बैटल रॉयल गेम है, जिसे वर्ष 2017 में पीसी और गेमिंग कंसोल के लिए लॉन्च किया गया था. लॉन्च के तुरंत बाद पबजी दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल बन गया. यह खेल 100 खिलाड़ियों को एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देता है. इस खेल में अंतिम तक जीवित रहने वाले व्यक्ति को चिकन डिनर मिलता है.

पबजी बनाने वाले व्यकित ब्रेंडन ग्रीन ने एआरएमए 2 और डे-Z: बैटल रॉयल जैसे अन्य लोकप्रिय गेम भी बनाए हैं. इस खेल को पबजी कॉरपोरेशन द्वारा पीसी के लिए विकसित किया गया था, जो एक कोरियाई गेम डेवलपर, ब्लूहोल की सहायक कंपनी है. किस देश से आया पबजीकोरियाई डेवलपर ने चीन की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनी टेनसेन्ट के साथ गेमिंग बाजार में प्रवेश करने के लिए भागीदारी की.

टेनसेन्ट ने पबजी का मोबाइल संस्करण पेश किया. यह खेल चीन में काफी हिट बन गया, लेकिन इसे विमुद्रीकरण करने के लिए चीनी सरकार की मंजूरी नहीं मिली.

भारत में 2017 में लॉन्च हुआ था पबजी

चीनी कंपनी टेंसेंट (Tencent) के स्वामित्व वाला गेम पबजी साल 2017 में भारतीय बाजार में लॉन्च हुआ. बहुत ही कम समय में पबजी भारत में सबसे अधिक डाउनलोड और खेले जाने वाले मोबाइल गेम में से एक बन गया. पबजी को अब तक दुनियाभर में 730 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है. जिसमें भारत पहले स्थान पर है.

सरकार ने भारत में बैन किया था पबजी

भारत सरकार ने 2 सितबंर 2020 को पबजी (PUBG) मोबाइल, पबजी मोबाइल लाइट सहित 116 अन्य चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने इस फैसले के लिए देश की सुरक्षा को वजह बताया. सरकार के मुताबिक इन एप को लेकर काफी शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते सरकार ने यह फैसला लिया.

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