सतना। हर इंसान के अंदर कोई ना कोई शौक या कला जरूर होती है, यदि हर व्यक्ति अपने समय को सही तरीके से उपयोग करता है, तो वह मानसिक तनाव या विभिन्न प्रकार की बाधाओं से दूर रह सकता है. मध्यप्रदेश के सतना के राजेंद्र नगर, बसंत विहार कॉलोनी में रहने वाले शिवेंद्र सिंह परिहार, जोकि जिले के परिवहन विभाग में सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारी पद पर पदस्थ है शिवेंद्र सिंह परिहार ने कुछ ऐसा कर दिखाया, जो लोगों के लिए प्रेरणादाई है. शिवेंद्र की मानें तो परिवहन विभाग के कार्यों का भार और परिवारिक समस्याएं उनके लिए मानसिक तनाव का कारण बनी हुई थी. उन्होंने अपने समय तो सही तरीके से उपयोग करने का अनोखा तरीका अपनाया और विभिन्न प्रकार के पेड़ों की लकड़ियों से गणेश जी की अद्भुत प्रतिमाएं बनाना शुरू कर दिया. वर्तमान में वह 50 से अधिक मूर्तियां बना चुके हैं.
गणेश जी का स्टीकर देखकर आया आईडिया
शिवेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि सन 2005 में उन्हें कार्यों का भार और परिवारिक तनाव बहुत था. एक दिन किसी कार्यक्रम में जाते समय गाड़ी के आगे लगे गणेश जी के स्टीकर को देखकर उन्हें ख्याल आया कि हम इसे बना सकते हैं. उन्होनें घर आकर किचन के चाकू और कुछ नुकीली चीजों से उस स्टिकर के आकार की गणेश प्रतिमा बनाना शुरू कर दिया. एक बार नहीं कई बार उसे बनाया, तब जाकर उन्होंने उस आकार की गणेश प्रतिमा को तैयार कर लिया. तब से शिवेंद्र परिहार नौकरी के साथ-साथ 2 घंटे का समय गणेश प्रतिमा को बनाने में देने लगे. वह अपने घर पर ही विभिन्न प्रकार के औजारों से आम, नीम, कदम, चंदन, सफेद मदार सहित अन्य पेड़ों की लकड़ियों से करीब 50 से अधिक मूर्तियां बना चुके हैं.
![Wants to Guinness Book of World Records](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14653557_murti.jpg)
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराना चाहते हैं नाम
शिवेंद्र ने कहा कि वह मूर्तियों को बेचने का काम नहीं करते. अपने घर के चारों कोने में उन्होंने मूर्तियों को सजा कर रखा है. उन्होंने बताया कि वह खाली समय मूर्तियां बनाने में व्यतीत करते हैं, जिससे कि मानसिक तनाव जैसी समस्याओं से राहत मिल सके. शिवेंद्र ने कहा कि वह लोगों को यह मैसेज देना चाहते हैं कि व्यक्ति अपने अंदर की कला को पहचानकर उससे रूबरू जरूर होना चाहिए. उन्होनें कहा कि वह अभी तक सबसे बड़ी 7 फीट की गणेश प्रतिमा बना चुके हैं और उनका सपना है कि वह अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराना चाहते हैं. इसके चलते वह अपने कार्यों की ओर अग्रसर हैं.