शहडोल : आज से नवतपा (25 मई) शुरू हो गया है, जो 2 जून तक रहेगा. सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में परिभ्रमण करता है, इसकी शुरुआत के 9 दिनों को नौतपा कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार नौतपा में सूर्य का ताप सबसे ज्यादा होता है. इस वजह से तेज गर्मी पड़ती है. इसके साथ ही आंधी-तूफान की भी आशंका रहती है. इस इस बार नवतपा किस तरह से रहेगा, कितनी गर्मी होगी, सूर्य कितना तड़पाएगा, क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र, साथ ही नवतपा से कैसे बारिश का अनुमान लगाया जाता है, और इस बार बरसात कैसी होगी, बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री.
शुरू होने जा रहा नवतपा: नवतपा 25 मई से लेकर 2 जून तक रहेगा हालांकि जिले में पिछले 2 दिन से दोपहर बाद ही बारिश हो रही है. बीते रविवार और सोमवार को बारिश हुई. फिलहाल बुधवार को ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है और आज से नवतपा शुरू हो गया है. नवतपा के नौ दिन किस तरह के रहते हैं इसी से ज्योतिषाचार्य बरसात का अनुमान लगाते हैं और इस बार के नवतपा और बरसात को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने भविष्यवाणी की है.
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नवतपा ज्यादा नहीं तपेगा: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि 25 मई से लेकर 2 जून के बीच में इस बार नवतपा रहेगा, शास्त्रों में ज्योतिष के हिसाब से 25 से 2 तारीख के बीच में मतलब नवतपा के समय में जितनी अधिक गर्मी पड़ेगी, जितना अधिक सूर्य का प्रकाश होगा. जितनी अधिक गर्मी पड़ेगी उसी के हिसाब से बरसात ऋतु में वर्षा का अनुमान लगाया जाता है.
खंड वृष्टि का अनुमान: जहां तक इस वर्ष की बात है, संक्रांति बदलने के कारण नवतपा में 25 से 2 तारीख के बीच में छुटपुट हवाएं चलेंगी छुटपुट बारिश भी होगी मतलब नवतपा खंडित होने की पूरी संभावना है और नवतपा अगर खंडित होता है तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्षा खंडित होगी, मतलब बरसात में खंड वृष्टि होगी, बरसात में कहीं बारिश होगी कहीं नहीं होगी कहीं धूप पड़ेगी कहीं बिल्कुल नहीं पड़ेगी, कहीं-कहीं पंद्रह दिन तक सूखे जैसे हालात हो सकते हैं. नवतपा का ज्योतिष के हिसाब से बहुत महत्व है कि 9 दिन तक अगर प्रचंड गर्मी पड़ती है, अगर नवतपा, तपता है तो अच्छी बारिश होगी, और अगर खंडित होती है तो बारिश भी खंडित होगी.
मौसम विभाग (India meteorological department) ने इस बार 95 से 97% बारिश का अनुमान और समय पर मानसून (Monsoon date in India) के दस्तक की बात कही है. वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष के अनुसार लगाए जा रहे वर्षा के अनुमान को देखते हुए उत्तर पश्चिम राज्यों में अल्प वृष्टि की स्थिति बन रही है. वहीं तटीय प्रदेशों में भारी वृष्टि की स्थिति बन रही है. ऐसी स्थिति में किसानों को कहीं फायदा होगा, तो कहीं नुकसान भी देखने मिलेगा. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से खरीफ की फसल में जितना फायदा होने का अनुमान नहीं है, उससे ज्यादा रबी की फसल में किसानों को फायदा होगा.
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