मंदसौर। जिला जेल में दो विचाराधीन कैदियों की मौत हो गई. बीते 24 घंटों में जिला जेल में 2 कैदियों की मौत के बाद जेल प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जेल अधीक्षक प्रेम सिंह ने बताया कि रविवार सुबह 6:15 बजे रोजाना की तरह प्रार्थना के लिए सभी बंदियों को बाहर बुलाया गया. इस दौरान पता चला कि रजाखेड़ी निवासी ईश्वर सिंह और रामलाल पाटीदार उम्र 61 वर्ष बेहोशी की हालत में है. उसे तुरंत उपचार के लिए जिला अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई.
कलेक्टर ने किया जेल का निरीक्षण
शुरुआती तौर पर डॉक्टर ने हार्ट अटैक से मौत होना बताया है, मृतक का पीएम जिला अस्पताल में किया जा रहा है. मंदसौर के ग्राम रजाखेड़ी निवासी ईश्वर लाल पाटीदार और उनका पुत्र हत्या के प्रयास के एक मामले में पिछले 10 महीनों से जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद थे. बीते 24 घंटों में मंदसौर जिला जेल में 2 कैदियों की मौत के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं. बीते शनिवार को जहां सजायाफ्ता कैदी ने नशीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी, वहीं आज एक और कैदी की मौत हो गई. जेल में हुई दो मौत के बाद कलेक्टर गौतम सिंह जिला जेल पहुंचे और निरीक्षण किया.
शनिवार को कैदी धर्मेंद्र ने की थी आत्महत्या
शनिवार को जिला जेल में सजा काट रहै कैदी ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी, जिसे बेहोशी की हालत में मंदसौर जिला अस्पताल भिजवाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. मंदसौर जेल अधीक्षक प्रेमसिंह ने बताया कि सुबह करीब 9:30 बजे बैरक नंबर सात में सजा काट रहे कैदी धर्मेंद्र पिता लक्ष्मी नारायण अहिरवार निवासी अजयपुर (सुवासरा) के मुंह से झाग निकल रहे हैं. जेलकर्मी द्वारा उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. कैदी की जेब मे 3 पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है.
आत्महत्या से पहले कैदी ने लिखा सुसाइड नोट
मृतक कैदी धर्मेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसे रेप के मामले में झूठा फंसाया गया है. रेप के आरोप लगाने वाली महिला और उसके परिवारजन ने 7 लाख रुपए की मांग की थी, परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते वह 7 लाख रुपये नहीं दे पाया. इसलिए उसे रेप के झूठे मामले में फसाया गया. सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा कि वह पहले 3 महीने और 5 महीने की सजा काट चुका है, लेकिन अब वह जेल की जिंदगी नहीं जीना चाहता. सुसाइड नोट लिखने के बाद मृतक ने जहर खाकर जान दे दी, पीएम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया. मृतक को रेप केस के मामले में 10 साल की सजा मिली थी, इसके बाद से अब तक जेल में सजा काट रहा था. मामले में परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. परिजनों का आरोप है कि जेल में जहरीला पदार्थ कैसे पहुंचा, इसकी जांच होनी चाहिए.
कलेक्टर बोले, जेल में व्यवस्था तो ठीक, नशीली दवांई जांच का विषय
रविवार सुबह जिला जेल में निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर गौतम सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि न्यायिक हिरासत में कैदियों की मौत हुई है, जो चिंताजनक विषय है. जहां जेल में आत्महत्या के मामले में माननीय मजिस्ट्रेट द्वारा जांच की जा रही है, तो वहीं रविवार सुबह हार्ट अटैक से कैदी की मौत के बाद जेल में निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने पाया कि जेल परिसर में तमाम व्यवस्थाएं बेहतर है. लेकिन कलेक्टर ने भी कहा कि, आखिर आत्महत्या के लिए कैदी के पास नशीली दवाइयां कहां से आई यह जांच का विषय है, जिसे वे स्वयं अपने स्तर पर जांचेगे.
जेल मे क्षमता से दो गुना अधिक कैदी विचारधीन
मंदसौर जिला जेल में 2 कैदियों की मौत के बाद जिला जेल की एक बड़ी खामी भी देखने को मिली. पता चला है कि जेल में इन दिनों क्षमता से दो गुना अधिक कैदी विचाराधीन है. जिला जेल के उप अधीक्षक पीके सिंह के मुताबिक जेल में 262 कैदियों की क्षमता है, लेकिन इन दिनों जेल में 677 से अधिक कैदी विचाराधीन हैं.