कटनी। कटनी ज़िले के स्लीमनाबाद के बरगी अंडरग्राउंडर नहर की एक निर्माणाधीन सुरंग के धंसने से बड़ा हादसा हो गया है. सुरंग के मलबे में 9 मज़दूर फंस गये हैं, जिसमें में से 7 को बचा लिया गया है जबकि चार मजदूरों की तलाश जारी है. एसडीईआरएफ की टीम द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है. इस बीच भोपाल से NDRF की टीम बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए पहुंच गई है. अभी दो मजदूर फंसे हुए हैं उनकी हालत गंभीर बनी हुई है, इनका रेस्क्यू का काम जारी है.
ऐसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 पर कटनी जिले के स्लीमनाबाद में शनिवार की रात निर्माणधीन अंडर ग्राउंड टनल के निर्माण कार्य के दौरान 70 फिट गहरे गडढे की मिट्टी अचानक धसक गई, इस घटना में काम में लगे 9 मजदूर मिट्टी के मलबे में दब गये. घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर प्रियंक मिश्रा व पुलिस अधीक्षक सुनील जैन मौके पर पहुंचे. कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने बताया कि स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार मजदूरों को बचाने का कार्य किया जा रहा है. वहीं टनल बनाने वाली कम्पनी के अलावा एनएचआई टीम को मौके पर बुलाकर रेस्क्यू प्रारम्भ करवाया जा रहा है. जिला प्रशासन के मुताबिक अभी 2 मजदूर फंसे हैं उनकी तलाश जारी है. निकाले गये सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है, सिर्फ एक व्यक्ति का पैर फैक्चर हुआ है.
सीएम कर रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कटनी जिले के स्लीमनाबाद में नहर के निर्माण कार्य के दौरान श्रमिकों के दबने के समाचार पर दु:ख जताया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि- "मैं सतत प्रशासन के संपर्क में हूं, ईश्वर से सबके सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.
799 करोड़ रुपये की लगात से बन रही है स्लीमनाबाद टनल
जून 2023 तक टनल के निर्माण का कार्य पूरा करने का टारगेट है, ऐसे में निर्माण का काम तेजी से चल रहा था. बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद टनल की लागत 799 करोड़ रुपये तथा लंबाई 11.95 किलोमीटर है. स्लीमनाबाद टनल का कार्य तेजी से कराया जाए इसका निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया था. बरगी व्यपवर्तन परियोजना की 11.95 किलोमीटर लंबी स्लीमनाबाद टनल के लिए अनुबंध मार्च 2008 में हुआ था. इसे 40 माह की अवधि में जुलाई 2011 तक पूर्ण किए जाना था, परंतु चार बार समय अवधि बढ़ाने के बावजूद भी आज तक कार्य पूरा नहीं हुआ है. टनल से जबलपुर जिले के 60 हजार, कटनी जिले की 21 हजार 823 तथा सतना जिले के 1 लाख 59 हजार 655 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी. टनल की निर्माण एजेंसी है मैसर्स पटेल - एसईडब्ल्यू (संयुक्त उपक्रम) हैदराबाद.
(Katni tunnel Accident)