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MP में हो रही सेब की खेती: किसान ने नौकरी छोड़ उगाए Apple, कमा रहे मोटा मुनाफा

अब सिर्फ कश्मीर, उत्तराखंड ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में भी सेब की खेती हो रही है. कटनी के ग्राम मदनपुरा में रमाशंकर कुशवाहा नाम के एक किसान से इसकी शुरुआत की है. फलों की खेती के जरिए रमाशंकर मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं.

सेब की खेती
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Published : Sep 19, 2021, 11:02 PM IST

कटनी। कृषि कार्य से जुड़े किसानों के लिए एक खुशखबरी है. कटनी जिले में सेब की खेती की शुरुआत हो चुकी है. कटनी जनपद पंचायत के ग्राम मदनपुर में रहने वाले किसान रमाशंकर कुशवाहा इसकी खेती कर रहे हैं. रमाशंकर कुशवाहा ने बिजली विभाग में ठेकेदार के अधीन मीटर लगाने की प्राइवेट नौकरी छोड़कर खेती की राह थामी है. किसान ने पहले तो कुछ साल तक धान और गेहूं की परंपरागत खेती की. वहीं दिसंबर 2019 में उन्होंने पहले बार सेब की खेती में हाथ आजमाया.

MP में हो रही सेब की खेती

जम्मू से पौधे लाकर शुरू की सेब की खेती

पौधारोपण के 3 महीने बाद लॉकडाउन लग गया था. किसान रामाशंकर ने लॉकडाउन के डेढ़ साल के दौरान सेब के पौधों को तैयार करने में कड़ी मेहनत की. समय-समय पर उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से सलाह ली. अब किसान की बगिया में सूखे फलों की बहार है, तो ताजे फलों का स्वाद लेने शहर से नागरिक खेत तक पहुंच रहे हैं. यहां जमीन के छोटे से टुकड़े में सेब के 80, चीकू के पांच, नाशपाती के तीन और अनानास के 4 पौधे लगाए गए हैं. सेब में फल लगने के बाद स्थानीय वातावरण के प्रभाव के कारण कश्मीर की तुलना में फलों के रंग थोड़े अलग हैं, लेकिन ताजे फलों की मिठास ऐसी है कि कोई भी खिंचा चला आएगा.

एक दिन आया ख्याल और शुरू कर दी खेती

किसान रमाशंकर कुशवाहा ने बताया कि एक दिन उन्हें विचार आया कि कश्मीर से उत्तराखंड और पंजाब तक सेब के फल लग रहे हैं, तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं लग सकते. इसी के बाद वह जम्मू से सेब के पौधे लेकर आए. करीब 16 से 17 महीने में सेब के फल लग गए हैं. अगले साल तक एक पौधे से 40 किलो से ज्यादा फल निकलेगा. किसान रमाशंकर ने बताया कि सेब की खेती में कटिंग और पीके निकालने का खेल है, उसी में फल लगते हैं.

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किसान रमाशंकर कुशवाहा बताते हैं कि बिजली विभाग की प्राइवेट नौकरी से ज्यादा लाभ खेती में है. खेती से होने वाली आय से ही वह अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई करवा पा रहे हैं.

कटनी। कृषि कार्य से जुड़े किसानों के लिए एक खुशखबरी है. कटनी जिले में सेब की खेती की शुरुआत हो चुकी है. कटनी जनपद पंचायत के ग्राम मदनपुर में रहने वाले किसान रमाशंकर कुशवाहा इसकी खेती कर रहे हैं. रमाशंकर कुशवाहा ने बिजली विभाग में ठेकेदार के अधीन मीटर लगाने की प्राइवेट नौकरी छोड़कर खेती की राह थामी है. किसान ने पहले तो कुछ साल तक धान और गेहूं की परंपरागत खेती की. वहीं दिसंबर 2019 में उन्होंने पहले बार सेब की खेती में हाथ आजमाया.

MP में हो रही सेब की खेती

जम्मू से पौधे लाकर शुरू की सेब की खेती

पौधारोपण के 3 महीने बाद लॉकडाउन लग गया था. किसान रामाशंकर ने लॉकडाउन के डेढ़ साल के दौरान सेब के पौधों को तैयार करने में कड़ी मेहनत की. समय-समय पर उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से सलाह ली. अब किसान की बगिया में सूखे फलों की बहार है, तो ताजे फलों का स्वाद लेने शहर से नागरिक खेत तक पहुंच रहे हैं. यहां जमीन के छोटे से टुकड़े में सेब के 80, चीकू के पांच, नाशपाती के तीन और अनानास के 4 पौधे लगाए गए हैं. सेब में फल लगने के बाद स्थानीय वातावरण के प्रभाव के कारण कश्मीर की तुलना में फलों के रंग थोड़े अलग हैं, लेकिन ताजे फलों की मिठास ऐसी है कि कोई भी खिंचा चला आएगा.

एक दिन आया ख्याल और शुरू कर दी खेती

किसान रमाशंकर कुशवाहा ने बताया कि एक दिन उन्हें विचार आया कि कश्मीर से उत्तराखंड और पंजाब तक सेब के फल लग रहे हैं, तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं लग सकते. इसी के बाद वह जम्मू से सेब के पौधे लेकर आए. करीब 16 से 17 महीने में सेब के फल लग गए हैं. अगले साल तक एक पौधे से 40 किलो से ज्यादा फल निकलेगा. किसान रमाशंकर ने बताया कि सेब की खेती में कटिंग और पीके निकालने का खेल है, उसी में फल लगते हैं.

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किसान रमाशंकर कुशवाहा बताते हैं कि बिजली विभाग की प्राइवेट नौकरी से ज्यादा लाभ खेती में है. खेती से होने वाली आय से ही वह अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई करवा पा रहे हैं.

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