जबलपुर। जरोंद गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना के बाद पूरा गांव सदमे में है. घटना में जरोंद गांव में रहने वाले एक ही परिवार के तीन सदस्य अपने घर में लहूलुहान मिले हैं. बताया जा रहा है कि तीनों का गला धारदार हथियार से कटा हुआ था. इस घटना में परिवार की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज मेडिकल कॉलेज में जारी है.
घरेलू कलह बताई जा रही है वजह
जानकारी के मुताबिक जरोंद गांव निवासी मोंगा बाई विश्वकर्मा (75 साल) अपने बेटे राजेंद्र उर्फ गुड्डा (35 साल) और बहू रेखा उर्फ अर्चना (32 साल) रहती हैं. उनके दो बेटे 10 वर्षीय कार्तिक व ढाई साल का बेटा मुन्ना है. बुधवार सुबह दोनों बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे और घर में मोंगा बाई, बेटा राजेंद्र व बहू अर्चना मौजूद थे. पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि घर से पहले बहू रेखा चीखते हुए बाहर निकली, जिसका गला कटा हुआ था और खून बह रहा था. वह चीखते हुए बोल रही थी कि मेरे पति ने नहीं मैंने मार दिया.
बेटा खून से सना बाहर निकला
जब तक ग्रामीण कुछ समझ पाते बेटा राजेंद्र भी कटे हुए गले के साथ बाहर निकला. वह खून से लथपथ था. बाहर आकर बेहोश हो गया. पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे तो मोंगाबाई का भी गला कटा हुआ था. आनन-फानन में तीनों को एम्बुलेंस से पाटन अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टर ने मोंगाबाई को मृत घोषित कर दिया. वहीं राजेंद्र और उसकी पत्नी रेखा को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज में दोनों का पांच घंटे तक ऑपरेशन चला.
पति-पत्नी बेहोश, पुलिस को होश में आने का इंतजार
ग्रामीणों के मुताबिक सास-बहू में तकरार होती थी. पुलिस पूछताछ में भी ये सामने आया है कि सास मोंगाबाई और बहू रेखा में लड़ाई होती थी, इसको लेकर घर में आए दिन कलह होता था. पुलिस ने संभावना जताई है कि या तो सास-बहू के बीच विवाद होने पर और बहू ने सास का गल रेत दिया. इसके बाद उसने खुद का गला रेत लिया हो. फिर दोनों को इस हालत में देख बेटे ने अपना गला रेता हो. दूसरी संभावना है कि बहू ने सास का गला रेता होगा और यह देख बेटे ने पहले पत्नी और फिर खुद पर जानलेवा हमला किया हो. घर में पुलिस को हसिया मिला है जिसकी मुठिया में खून लगा है, लेकिन धार पर कोई निशान नहीं मिला है. कुल मिलाकर जानलेवा हमले की गुत्थी फिलहाल उलझी हुई है और पीड़ितों के हालात सुधरने के बाद ही सच का खुलासा हो सकेगा.