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अस्पताल के बाहर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, दो आरोपी गिरफ्तार

कोरोना महामारा के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

black marketing of remedesivir injection in jabalpur
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी
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Published : May 11, 2021, 2:54 PM IST

जबलपुर। कोरोना महामारी ने एक तरफ जहां पूरे देश में तबाही मचाई हुई है, वहीं कुछ लोग इसमे गलत तरीके से मौके का फायदा भी उठा रहे हैं. ताजा खबर राज्य के जबलपुर जिले की है, जहां दो लोग जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर का कालाबाजारी करते हुए पकड़े गए हैं. उनके पास से 2 इंजेक्शन बरामद किए हैं. पुलिस गिरफ्त में आया एक व्यक्ति निजी अस्पताल में मैनेजर के पद पर पदस्थ हैं.

गुप्त सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाई

कोरोना के इस समय रेमडेसिविर इंजेक्शन जीवन रक्षक से कम नहीं है. इस वक्त संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को इसकी ही बहुत जरूरत है. विडंबना यह है कि इस चीज का फायदा उठाकर कुछ लोग इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में जुटे हुए हैं. जबलपुर क्राइम ब्रांच और गोहलपुर ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को रेमडेसिविर के 2 इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपी शाहनवाज खान और विवेक चौधरी चंडाल भाटा के लाइफ ट्रामा हॉस्पिटल के पास खड़े होकर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की फिराक में थे. गोहलपुर सीएसपी अखिलेश गौर को इसकी सूचना जब मिली, तो क्राइम ब्रांच की टीम हरकत में आई. टीम ने गोहलपुर थाने के साथ मिलकर मौके से दोनों आरोपियों को रेमडेसिविर के साथ पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि इंजेक्शन की एमआरपी वैसे 3800 रुपए थी, लेकिन ये दोनों उसे 21 हजार रु में बेचने के फिराक में थे.

अस्पताल स्टाफ भी हो सकते हैं शामिल

पुलिस ने आशंका जताई है कि इन दोनों आरोपियों के साथ लाइफ ट्रामा अस्पताल के स्टाफ भी शामिल हो सकते हैं. वो जरूरतमंदों को इनके पास तक इंजेक्शन खरीदने के लिए पहुंचाते होंगे. शहनवाज खान के पास से पुलिस को न्यू लाइफ स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का आईकार्ड भी मिला है. इसके अलावा विवेक और शहनवाज खान से मोबाइल और मोटरसाइकिल भी पुलिस ने बरामद की है.

काम पर लॉकडाउन! कोरोना कर्फ्यू में थमने लगे उद्योगों के पहिए, 50 फीसदी उत्पादन हुआ ठप

पुलिस ने इन धाराओं के तहत मामला किया दर्ज

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों के पास करीब पांच इंजेक्शन थे, जिसमें से वे 3 पहले बेच चुके थे, जबकि दो इंजेक्शन उनके पास से बरामद हुए हैं. उन्होंने इंजेक्शन पर से एमआरपी और बैच नंबर मिटा दिया था. गोहलपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 3/7 ईसी एक्ट एवं 188-269-270 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005,ड्रग कंट्रोल एक्ट 1949 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

जबलपुर। कोरोना महामारी ने एक तरफ जहां पूरे देश में तबाही मचाई हुई है, वहीं कुछ लोग इसमे गलत तरीके से मौके का फायदा भी उठा रहे हैं. ताजा खबर राज्य के जबलपुर जिले की है, जहां दो लोग जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर का कालाबाजारी करते हुए पकड़े गए हैं. उनके पास से 2 इंजेक्शन बरामद किए हैं. पुलिस गिरफ्त में आया एक व्यक्ति निजी अस्पताल में मैनेजर के पद पर पदस्थ हैं.

गुप्त सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाई

कोरोना के इस समय रेमडेसिविर इंजेक्शन जीवन रक्षक से कम नहीं है. इस वक्त संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को इसकी ही बहुत जरूरत है. विडंबना यह है कि इस चीज का फायदा उठाकर कुछ लोग इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में जुटे हुए हैं. जबलपुर क्राइम ब्रांच और गोहलपुर ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को रेमडेसिविर के 2 इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपी शाहनवाज खान और विवेक चौधरी चंडाल भाटा के लाइफ ट्रामा हॉस्पिटल के पास खड़े होकर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की फिराक में थे. गोहलपुर सीएसपी अखिलेश गौर को इसकी सूचना जब मिली, तो क्राइम ब्रांच की टीम हरकत में आई. टीम ने गोहलपुर थाने के साथ मिलकर मौके से दोनों आरोपियों को रेमडेसिविर के साथ पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि इंजेक्शन की एमआरपी वैसे 3800 रुपए थी, लेकिन ये दोनों उसे 21 हजार रु में बेचने के फिराक में थे.

अस्पताल स्टाफ भी हो सकते हैं शामिल

पुलिस ने आशंका जताई है कि इन दोनों आरोपियों के साथ लाइफ ट्रामा अस्पताल के स्टाफ भी शामिल हो सकते हैं. वो जरूरतमंदों को इनके पास तक इंजेक्शन खरीदने के लिए पहुंचाते होंगे. शहनवाज खान के पास से पुलिस को न्यू लाइफ स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का आईकार्ड भी मिला है. इसके अलावा विवेक और शहनवाज खान से मोबाइल और मोटरसाइकिल भी पुलिस ने बरामद की है.

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पुलिस ने इन धाराओं के तहत मामला किया दर्ज

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों के पास करीब पांच इंजेक्शन थे, जिसमें से वे 3 पहले बेच चुके थे, जबकि दो इंजेक्शन उनके पास से बरामद हुए हैं. उन्होंने इंजेक्शन पर से एमआरपी और बैच नंबर मिटा दिया था. गोहलपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 3/7 ईसी एक्ट एवं 188-269-270 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005,ड्रग कंट्रोल एक्ट 1949 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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