जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में Z PLUS की कड़ी सुरक्षा के बीच एक बागान में पेड़ में लगे आम को महिलाओं से चुराने से कोई नहीं बचा पाया. बागान के मालिक ने इसकी सुरक्षा के लिए 14 विदेशी नस्ल के खूंखार कुत्ते, तीन सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी कैमरे लगाए थे. लेकिन इसके बावजूद भी संभ्रांत घराने से आई महिलाएं इन आमों को चुराने में सफल रहीं.
कड़ी सुरक्षा होने के बावजूद आमों की चोरी: दुनिया के सबसे महंगे आमों में शुमार जापान में होने वाला ताइयो नो तमागो आम जिसे ‘एग्स ऑफ सन' के नाम से भी जाना जाता है. जिसकी भारतीय करेंसी में कीमत 2 लाख 70 हजार रुपये हैं. जो जापान के मियाजाकी शहर में पाया जाता है. इसी कारण इस आम का नाम भी उसी जापान के मियाजाकी शहर के नाम पर रखा गया है. लेकिन अब इसे मध्यप्रदेश के जबलपुर में भी उगाया गया है. जिसकी सुरक्षा में 14 विदेशी नस्ल के खूंखार कुत्ते, तीन सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें चोरी करने से कोई नहीं बचा पाया.
इस साल कम हुई आमों की पैदावार: जबलपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर हिनौता गांव में संकल्प सिंह परिहार ने श्री महाकालेश्वर हाइब्रिड फार्महाउस में आम की इन किस्मों को तैयार किया है. जिसमें 3 हजार 600 पौधे लगाए गए हैं. खास बात है कि यहां भारत में पाई जाने वाली आम की सभी वैरायटी के अलावा विदेशों में पाए जाने वाले करीब 8 किस्मों की पौधे तैयार किए हैं. साथ ही भारत में होने वाले 50 तरह के आम के पौधों को भी इस बाग में तैयार किया गया है. जिसकी चर्चा मध्य प्रदेश नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेशों तक है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. लेकिन इस बार तेज धूप और प्रकृति की मार को यह पौधे झेल नहीं पाए, इसलिए आमों की पैदावार कम हुई.
जबलपुर में उग रहे विदेशी आम, कीमत उड़ा देगी होश
चेतावनी का भी नहीं हुआ कोई असर: बागान के मालिक संकल्प सिंह ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि, इस बार जापान में होने वाले मियाजाकी आम की पैदावार ना के तौर पर हुई. अगर सभी पौधों को मिलाकर बात की जाए तो, 15 से 20 फल ही इन पौधों पर आए थे. लेकिन इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद भी बागान में घूमने आई महिलाओं से चोरी करने में इन्हें कोई नहीं बचा पाया. संकल्प सिंह परिहार बताते हैं कि, उन्होंने अपने बागान को आने जाने वाले लोगों के लिए खोल कर रखा है. जिसे देखने के लिए आसपास के प्रदेशों और जिलों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं. इसलिए उन्होंने पौधों के पास 'चेतावनी' के बोर्ड भी लगा रखे हैं, उन्होंने बागान में आने वाले लोगों से अपील की है कि वह ब्लैक मेंगो, जंबो ग्रीन और मियाजाकी आम को देखें और उसके साथ सेल्फी भी लें, लेकिन इसे छुए नहीं. उनका कहना है कि क्योंकि यह आम के फल उनके लिए बच्चों के समान हैं और यह बहुत ही नाजुक होता है, जरा सा धक्का लगने से ही है टूट जाता है.
मैनें सब बाबा महाकाल छोड़ दिया है और इस बात को भूल गया हूं, कहीं चर्चा नहीं करना चाहता हूं. क्योंकि कर्ज लेकर हर साल फसल तैयार करते हैं, महंगे आमों से हमारे परिवार को काफी उम्मीदें रहती हैं, उनलोगों ने तोड़ लिए और हम बर्बाद हो गए. इस घटना से हमलोग कई दिनों तक सदमे में रहे, अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है. हमलोग इसके बारे में कहीं चर्चा नहीं करना चाहते, सभी महिलाएं अच्छे घरानों से थीं. हमने कहीं कोई शिकायत भी नहीं की, अब मैं उन आमों की चर्चा नहीं करना चाहता, मुझे बाबा महाकाल पर भरोसा है कि वह न्याय करेंगे.
- संकल्प सिंह, बागान मालिक
गाड़ी में पकड़े गए चोरी के आम: संकल्प सिंह बताते हैं कि, कुछ दिनों पहले एक बड़े घराने की महिलाएं अपने बच्चों के साथ बागान घूमने के लिए आई थीं. लेकिन जब उनकी नजर जापानी आम ताइयो नो तमागो आम और मल्लिका पर पड़ी तो, उन्होंने इन आमों को उन्होंने तोड़कर अपने पर्स में रख लिया और जाकर अपनी कार के केबिन में छुपा दिया. लेकिन इन महिलाओं की करतूत वहां लगे सीसीटीवी कैमरे एवं गुजरात से घूमन आई महिलाओं ने देख लिया और तुरंत इसकी जानकारी बागान के मालिक संकल्प रानी परिहार को दी, रानी परिहार ने जाकर पहले तो आम के पेड़ों को देखा तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई. क्योंकि पेड़ से आम ही गायब थे, जिसके बाद उन्होंने जाकर महिलाओं पूछा तो उन्होंने आम की चोरी करने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि हम आपको चोर दिखाई देते हैं. रानी परिहार ने जब इन महिलाओं के बैग और गाड़ी की डिग्गी को चेक किया, तो उसमें चुराए हुए आम रखे हुए थे. जिसे देखकर संकल्प रानी परिहार के सारे सपने ही टूट गए. रानी परिहार ने उनसे आम चुराने की बात की तो वह उलटा बहस करने लगीं और तरह-तरह की बातें करने लगी. यह सब देख कर संकल्प रानी परिहार ने खुद चुप रहने में अपनी भलाई समझी.
साल का पहला फल बाबा महाकाल को होता है अर्पित: बागान के मालिक संकल्प सिंह परिहार ने बताया कि आम के शौकीन लोग ही इन आमों के लिए बड़ी कीमत देने की पेशकश कर चुके हैं. जबलपुर के एक व्यापारी ने इस आम की बोली 25 हजार तक लगाई थी, वहीं जबलपुर के एक सराफा व्यापारी के रिश्तेदार नागपुर में रहते हैं, जिन्होंने मुंह मांगी कीमत देने की बात की थी. लेकिन उन्होंने इस फल को देने से इंकार कर दिया था, इसकी वजह यह थी कि साल का पहला फल बाबा महाकाल को अर्पित करते हैं.