जबलपुर। न्यू लाइफ मल्टी स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में दर्दनाक अग्निकांड में दो नर्स, मरीज सहित 8 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने अस्पताल के डायरेक्टर्स और मैनेजर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज करते हुए मामले शुरू कर दी है, जिसमें डॉ निशांत गुप्ता, डॉ सुरेश पटेल, डॉ संजय पटेल और डॉ संतोष सोनी फरार हैं. वहीं मैनेजर राम सोनी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
ऐसे तन्मय को खींच लाई मौत: मौत का कब्रगाह बने अस्पताल में एक लड़के की भी मृत्यु उसे हॉस्पिटल खींच लाई. दरअसल 11वीं के छात्र तन्मय को एक दो दिन से हल्का बुखार आ रहा था, लेकिन शहर के अन्य हॉस्पिटल को छोड़कर वह दोपहर को दो दोस्तों के साथ न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल इलाज कराने के लिए पहुंचा. ड्यूटी डॉक्टर ने चेकअप के बाद ड्रिप लगाने की बाद कही, तो तन्मय तैयार हो गया. जैसे ही डॉक्टरों ने ड्रिप चढ़ाई, मृतक ने अपने परिजनों को फोटो भेजा और वीडियो कॉल के जरिए बात भी की. इस दौरान मृतक ने बताया कि, "मैं एक-दो घंटे में घर आ जाऊंगा." इस दौरान तन्मय ने दोस्तों से कहा- बाहर जा कर कुछ नास्ता कर आओ. जैसे ही तन्मय के दोस्त बाहर गए, तभी हॉस्पिटल में भयाभय आग लग गई.
कुछ ही देर बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाला था मरीज दुर्गेश, लेकिन मौत को नहीं था मंजूर
पिता को सुनाई दे रही आखिरी चीख: आग लगने के दौरान ही मृतक ने अपने पिता अमन विश्वकर्मा को कॉल किया और कहा- "पापा मुझे बचा लो, अस्पताल में चारों तरफ आग ही आग है. पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मची हुई है, निकलने के लिए कोई भी रास्ता नहीं दिखाई दे रहा. अब शायद मैं नहीं बच पाऊंगा." इतनी बात के बाद तन्मय का फोन कट कट गया, मृतक के पिता का कहना है कि "मुझे अभी भी उसकी आखरी चीख सुनाई दे रही है, लेकिन मैं उसकी मदद नहीं कर पाया."