जबलपुर। प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक का स्थानांतरण किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस डी के पालीवाल की युगलपीठ ने शिक्षक के स्थानांतरण को जनहित का मामला मानने से इंकार कर दिया, जिसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. आग्रह को स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.
इसलिए सरपंच ने लगाई थी याचिका : टीकमगढ जिले की ग्राम पंचायत बिलगायन की सरपंच गौरा बाई की तरफ से उक्त याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि - "गांव की शासकीय प्राथमिक शाला में अनावेदक अखिलेष कुमार खरे शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं. शिक्षक होने के बावजूद भी वह कभी-कभार स्कूल आते हैं. स्कूल आने पर भी बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं ".
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याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया कि यह व्यक्तिगत मामला है. शिक्षक की शिकायत सक्षम प्रधिकारण के समक्ष करना चाहिये. जिसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.