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Jabalpur High court News: " शिक्षक का स्थानांतरण नहीं है जनहित का मुद्दा " - Madhya Pradesh News in Hindi

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की एक युगलपीठ ने शाला में शिक्षक के स्थानांतरण को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा है कि शाला में शिक्षक का स्थानांतरण कोई जनहित का मुद्दा नहीं है. (Jabalpur High Court News )

Jabalpur High court News Teachers transfer is not a public interest issue
जबलपुर हाईकोर्ट न्यूज़
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Published : Jun 5, 2022, 9:34 AM IST

जबलपुर। प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक का स्थानांतरण किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस डी के पालीवाल की युगलपीठ ने शिक्षक के स्थानांतरण को जनहित का मामला मानने से इंकार कर दिया, जिसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. आग्रह को स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.

इसलिए सरपंच ने लगाई थी याचिका : टीकमगढ जिले की ग्राम पंचायत बिलगायन की सरपंच गौरा बाई की तरफ से उक्त याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि - "गांव की शासकीय प्राथमिक शाला में अनावेदक अखिलेष कुमार खरे शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं. शिक्षक होने के बावजूद भी वह कभी-कभार स्कूल आते हैं. स्कूल आने पर भी बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं ".

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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर

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याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया कि यह व्यक्तिगत मामला है. शिक्षक की शिकायत सक्षम प्रधिकारण के समक्ष करना चाहिये. जिसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.

जबलपुर। प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक का स्थानांतरण किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस डी के पालीवाल की युगलपीठ ने शिक्षक के स्थानांतरण को जनहित का मामला मानने से इंकार कर दिया, जिसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. आग्रह को स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.

इसलिए सरपंच ने लगाई थी याचिका : टीकमगढ जिले की ग्राम पंचायत बिलगायन की सरपंच गौरा बाई की तरफ से उक्त याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि - "गांव की शासकीय प्राथमिक शाला में अनावेदक अखिलेष कुमार खरे शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं. शिक्षक होने के बावजूद भी वह कभी-कभार स्कूल आते हैं. स्कूल आने पर भी बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं ".

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