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Dengu in Jabalpur: कोरोना थमा तो जान ले रहे डेंगू के मच्छर, बचना है तो जल्द करें ये उपाय - dengu attack in jabalpur

जबलपुर में मलेरिया और डेंगू (Dengu in Jabalpur)जैसी मौसमियां बीमारियों का कहर टूट रहा है. खास तौर पर रांझी में करीब हर घर में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि अब तक 7-8 लोगों की यहां डेंगू से मौत हो चुकी है. हालांकि प्रशासन ऐसा नहीं मानता है.

Dengu in Jabalpur
जबलपुर में डेंगू का कहर
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Published : Sep 7, 2021, 4:31 PM IST

जबलपुर। MP में कोरोना की दूसरी लहर के बाद डेंगू (Dengu in Jabalpur) कहर बनकर टूट रहा है. प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या करीब एक हजार तक पहुंच गई है. मंदसौर-रतलाम के बाद जबलपुर, आगर-मालवा, भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर और धार में अधिक केस सामने आ रहे हैं. जबलपुर में हालत और भी खराब है. एक तो मौसम की मार, ऊपर से शहर के चारों तरफ फैला कचरा. अब तो स्थानीय जनता के साथ-साथ नेता भी कहने लगे हैं, कि कोरोना से बच गए तो डेंगू जरूर मार डालेगा.

Dengu in Jabalpur: कोरोना कम हुआ, तो डेंगू का कहर

कोरोना का खतरा कम हुआ तो डेंगू फैलाने वाले मच्छर डंक (Dengu in Jabalpur) मारने लगे हैं. क्या सामान्य शहर और क्या स्मार्ट सिटी. कहने को जबलपुर (Jabalpur) शहर भी स्मार्ट सिटी (smart city) है. लेकिन प्रशासन में यहां जरा भी स्मार्टनेस नहीं दिखती है. शहर में जिस तरफ देखो, वहीं गंदगी के ढेर और गड्ढों में जमा पानी. अब यही गड्ढे शहर के लिए आफत बन गए हैं. मलेरिया और डेंगू के मच्छर (Dengu in Jabalpur) यहां कहर ढा रहे हैं. सरकार कहती है कि हालात काबू में हैं, डेंगू से एक भी मौत (death due to dengu) नहीं हुई. लेकिन जानकारी मिली है कि 7 से 8 लोग यहां डेंगू के कारण जान गंवा चुके हैं. आप अस्पताल जाइए, तो वहां हर बेड पर डेंगू के मरीज तड़पते दिख जाएंगे. फिर चाहे वो सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट.

increasing dengu patients
अस्पतालों में डेंगू के बढ़ते मरीज, नाकाफी इंतजाम

Dengu in Jabalpur: रांझी बना डेंगू का गढ़, 7 से 8 लोगों की मौत !

डेंगू कितना खतरनाक रूप लेता जा रहा है, इसका अंदाजा इसी से लग जाता है कि शहर के रांझी इलाके में एक पूर्व पार्षद की पत्नी की डेंगू से मौत (death due to dengu) हो चुकी है. रांझी में डेंगू का कहर सबसे ज्यादा है. पूरे प्रशासनिक अमले ने रांझी में ही डेरा डाल रखा है. लोगों का कहना है कि ऐसा कोई घर नहीं जहां डेंगू का मरीज नहीं हो. कई घरों में तो पूरा परिवार ही डेंगू की चपेट में (Dengu in Jabalpur)आया हुआ है. अस्पतालों में व्यवस्था चरमराई हुई है. रात को कोई अस्पताल पहुंच जाए तो बेड नहीं मिलता है. पहले कहते हैं कि कोई बात नहीं वायरल है, लेकिन जांच करते हैं तो डेंगू सामने आता है. लोगों का कहना है कि समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण भी (death due to dengu) कई लोगों ने दम तोड़ दिया है. विधायक अशोक रोहाणी भी मानते हैं कि जबलपुर डेंगू (Dengu in Jabalpur)की चपेट में है. घर-घर में डेंगू ने पैर पसार लिए हैं. शुरु में ध्यान देते तो हालात बेकाबू नहीं होते.

विधायक ने भी माना, डेंगू हो रहा बेकाबू
डेंगू से मौतें हो रही हैं, मैं गवाह हूं

Dengu in Jabalpur: स्मार्ट सिटी का बुरा हाल

स्मार्ट सिटी बनने के बाद शहर में घर-घर से कचरा इकट्ठा करने की योजना बनी थी. नगर निगम ने कचरा कलेक्शन करने के लिए करीब 400 वाहन खरीदे थे. लेकिन कुछ ही समय में 300 गाड़ियां कबाड़ हो गईं. उस वक्त किसी ने इसकी अहमियत नहीं समझी. धीरे धीरे शहर कचरे के गोदाम में तब्दील हो गया. अब डेंगू (Dengu in Jabalpur)के रूप में इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

प्रशासन का दावा, सब कंट्रोल में है

नगर निगम कमिश्नर संदीप जीआर ने बताया कि हमनें मॉनिटरिंग बढ़ा दी है. स्पेशल टीमें लगाई हैं. जो लगातार देख रही हैं कि कहीं कचरा जमा तो नहीं हो रहा है. हम डस्टबिन फ्री शहर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि कहीं भी कचरा इकट्ठा ना हो और डेंगू, मलेरिया के मच्छरों को पनपने का मौका नहीं मिले.

22 टीमें लगाई हैं शहर में, जल्द कंट्रोल में होगा डेंगू

जबलपुर के सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुरारिया का कहना है कि इस मौसम में मलेरिया और डंगू जैसी बीमारियां अक्सर पैर फैलाती हैं. इन बीमारियों के लिए ये मौसम काफी मुफीद होता है. हमनें 22 टीमें पूरे शहर में लगा रखी हैं. हम लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं. हम फीवर सर्वे कर रहे हैं. इनडोर और आउट डोर फॉगिंग हो रही है. स्थित धीरे धीरे काबू में आ रही हैं. कल हुई टेस्टिंग में डेंगू के 12 मरीज मिले हैं. बीते वर्षों की तुलना में 2020-2021 में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया का खतरा कम हुआ है. डेंगू के दो मरीज मिलने पर संबंधित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव कराया गया है. छिड़काव के द्वारा लार्वा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.

invitation to dengu
ऐसे मिलता है डेंगू को न्योता

Dengu in Jabalpur: डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या

जिला अस्पताल के हड्डी और डीवीडी वार्ड को भी बुखार के मरीजों के लिए खोला गया है. कोविड वार्ड बनाए गए नर्सेज हॉस्टल को भी डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित करने की योजना बनाई जा रही है. डेंगू से अभी तक 7 से 8 मौत हो चुकी है. हालांकि सरकारी रिकॉर्ड में डेंगू (Dengu in Jabalpur) से अभी तक एक भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है. निजी अस्पतालों में अभी तक ढाई सौ से ज्यादा डेंगू मरीज मिल चुके हैं. डंगू के करीब 400 से ज्यादा मरीज रोजाना जांच के लिए आ रहे हैं. 4000 से ज्यादा डेंगू की जांच प्रतिदिन निजी लैब में अभी हो रही है.रोजाना करीब 700 नमूनों की जांच मेडिकल के सेंट्रल लैब में हो रही है.रोजाना 500 से ज्यादा डेंगू संदिग्ध मरीज जांच के लिए आ रहे हैं.

how can we defeat dengu
जब तक शहर का ये हाल है, डेंगू कैसे हारेगा

Dengu in Jabalpur: डेंगू कैसे होता हैै ?

डेंगू एडीज इजिप्टी (मादा मच्छर) के काटने से होता है और ये मच्छर दिन में ही काटते हैं. दिन में फुल बाजू की शर्ट पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं. इसके लार्वा साफ जमे हुए पानी में पनपते हैं. कूलर, गमले, टायर, घर के आसपास जमे बारिश के पानी में पनप सकते हैं. महिलाएं और छोटे बच्चे इसके प्रभाव में जल्द आते हैं.

fatal dengu
कैसे बचेगी डेंगू से जान, मरीज और परिजन परेशान

Dengu in Jabalpur: डेंगू का कोरोना कनेक्शन?

कुछ जानकारों की राय है कि कोविड संक्रमितों में डेंगू होने पर खतरा (Dengu in Jabalpur) बढ़ता जा रहा है. ऐसे मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं. कोरोना पीड़ित रहे लोगों को डेंगू होने पर ऑर्गन फेलियर (Organ Failure) होने का खतरा बढ़ गया है.

Dengu in Jabalpur: कितना खतरनाक है डेंगू ?

आम तौर पर स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं. यह शरीर में ब्लीडिंग रोकने का काम करता है. डेंगू का वायरस प्लेटलेट्स को कम कर देता है. WHO की गाइडलाइन के मुताबिक, 10 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है. अन्यथा इंटरनल ब्लीडिंग से मौत भी हो सकती है. हालांकि ऐसे केस कम ही देखने को मिलते हैं. आमतौर पर डेंगू में सर्वाधिक मौत (death due to dengu) ऑर्गन फेल होने से होती है.

Dengu in Jabalpur: डेंगू का असर कितने दिन तक रहता है?
डेंगू का असर दो से सात दिन तक रहता है. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के साथ तेज बुखार आता है. आंखों के पीछे दर्द, सिर दर्द, उल्टी और मिचली महसूस होना प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा शरीर पर चकत्ते भी आ जाते हैं. (Symptoms Of Dengu) ये लक्षण हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. गर्भवती महिलाएं और बच्चों को ज्यादा सावधानी की जरूरत है.

जबलपुर। MP में कोरोना की दूसरी लहर के बाद डेंगू (Dengu in Jabalpur) कहर बनकर टूट रहा है. प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या करीब एक हजार तक पहुंच गई है. मंदसौर-रतलाम के बाद जबलपुर, आगर-मालवा, भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर और धार में अधिक केस सामने आ रहे हैं. जबलपुर में हालत और भी खराब है. एक तो मौसम की मार, ऊपर से शहर के चारों तरफ फैला कचरा. अब तो स्थानीय जनता के साथ-साथ नेता भी कहने लगे हैं, कि कोरोना से बच गए तो डेंगू जरूर मार डालेगा.

Dengu in Jabalpur: कोरोना कम हुआ, तो डेंगू का कहर

कोरोना का खतरा कम हुआ तो डेंगू फैलाने वाले मच्छर डंक (Dengu in Jabalpur) मारने लगे हैं. क्या सामान्य शहर और क्या स्मार्ट सिटी. कहने को जबलपुर (Jabalpur) शहर भी स्मार्ट सिटी (smart city) है. लेकिन प्रशासन में यहां जरा भी स्मार्टनेस नहीं दिखती है. शहर में जिस तरफ देखो, वहीं गंदगी के ढेर और गड्ढों में जमा पानी. अब यही गड्ढे शहर के लिए आफत बन गए हैं. मलेरिया और डेंगू के मच्छर (Dengu in Jabalpur) यहां कहर ढा रहे हैं. सरकार कहती है कि हालात काबू में हैं, डेंगू से एक भी मौत (death due to dengu) नहीं हुई. लेकिन जानकारी मिली है कि 7 से 8 लोग यहां डेंगू के कारण जान गंवा चुके हैं. आप अस्पताल जाइए, तो वहां हर बेड पर डेंगू के मरीज तड़पते दिख जाएंगे. फिर चाहे वो सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट.

increasing dengu patients
अस्पतालों में डेंगू के बढ़ते मरीज, नाकाफी इंतजाम

Dengu in Jabalpur: रांझी बना डेंगू का गढ़, 7 से 8 लोगों की मौत !

डेंगू कितना खतरनाक रूप लेता जा रहा है, इसका अंदाजा इसी से लग जाता है कि शहर के रांझी इलाके में एक पूर्व पार्षद की पत्नी की डेंगू से मौत (death due to dengu) हो चुकी है. रांझी में डेंगू का कहर सबसे ज्यादा है. पूरे प्रशासनिक अमले ने रांझी में ही डेरा डाल रखा है. लोगों का कहना है कि ऐसा कोई घर नहीं जहां डेंगू का मरीज नहीं हो. कई घरों में तो पूरा परिवार ही डेंगू की चपेट में (Dengu in Jabalpur)आया हुआ है. अस्पतालों में व्यवस्था चरमराई हुई है. रात को कोई अस्पताल पहुंच जाए तो बेड नहीं मिलता है. पहले कहते हैं कि कोई बात नहीं वायरल है, लेकिन जांच करते हैं तो डेंगू सामने आता है. लोगों का कहना है कि समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण भी (death due to dengu) कई लोगों ने दम तोड़ दिया है. विधायक अशोक रोहाणी भी मानते हैं कि जबलपुर डेंगू (Dengu in Jabalpur)की चपेट में है. घर-घर में डेंगू ने पैर पसार लिए हैं. शुरु में ध्यान देते तो हालात बेकाबू नहीं होते.

विधायक ने भी माना, डेंगू हो रहा बेकाबू
डेंगू से मौतें हो रही हैं, मैं गवाह हूं

Dengu in Jabalpur: स्मार्ट सिटी का बुरा हाल

स्मार्ट सिटी बनने के बाद शहर में घर-घर से कचरा इकट्ठा करने की योजना बनी थी. नगर निगम ने कचरा कलेक्शन करने के लिए करीब 400 वाहन खरीदे थे. लेकिन कुछ ही समय में 300 गाड़ियां कबाड़ हो गईं. उस वक्त किसी ने इसकी अहमियत नहीं समझी. धीरे धीरे शहर कचरे के गोदाम में तब्दील हो गया. अब डेंगू (Dengu in Jabalpur)के रूप में इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

प्रशासन का दावा, सब कंट्रोल में है

नगर निगम कमिश्नर संदीप जीआर ने बताया कि हमनें मॉनिटरिंग बढ़ा दी है. स्पेशल टीमें लगाई हैं. जो लगातार देख रही हैं कि कहीं कचरा जमा तो नहीं हो रहा है. हम डस्टबिन फ्री शहर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि कहीं भी कचरा इकट्ठा ना हो और डेंगू, मलेरिया के मच्छरों को पनपने का मौका नहीं मिले.

22 टीमें लगाई हैं शहर में, जल्द कंट्रोल में होगा डेंगू

जबलपुर के सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुरारिया का कहना है कि इस मौसम में मलेरिया और डंगू जैसी बीमारियां अक्सर पैर फैलाती हैं. इन बीमारियों के लिए ये मौसम काफी मुफीद होता है. हमनें 22 टीमें पूरे शहर में लगा रखी हैं. हम लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं. हम फीवर सर्वे कर रहे हैं. इनडोर और आउट डोर फॉगिंग हो रही है. स्थित धीरे धीरे काबू में आ रही हैं. कल हुई टेस्टिंग में डेंगू के 12 मरीज मिले हैं. बीते वर्षों की तुलना में 2020-2021 में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया का खतरा कम हुआ है. डेंगू के दो मरीज मिलने पर संबंधित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव कराया गया है. छिड़काव के द्वारा लार्वा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.

invitation to dengu
ऐसे मिलता है डेंगू को न्योता

Dengu in Jabalpur: डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या

जिला अस्पताल के हड्डी और डीवीडी वार्ड को भी बुखार के मरीजों के लिए खोला गया है. कोविड वार्ड बनाए गए नर्सेज हॉस्टल को भी डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित करने की योजना बनाई जा रही है. डेंगू से अभी तक 7 से 8 मौत हो चुकी है. हालांकि सरकारी रिकॉर्ड में डेंगू (Dengu in Jabalpur) से अभी तक एक भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है. निजी अस्पतालों में अभी तक ढाई सौ से ज्यादा डेंगू मरीज मिल चुके हैं. डंगू के करीब 400 से ज्यादा मरीज रोजाना जांच के लिए आ रहे हैं. 4000 से ज्यादा डेंगू की जांच प्रतिदिन निजी लैब में अभी हो रही है.रोजाना करीब 700 नमूनों की जांच मेडिकल के सेंट्रल लैब में हो रही है.रोजाना 500 से ज्यादा डेंगू संदिग्ध मरीज जांच के लिए आ रहे हैं.

how can we defeat dengu
जब तक शहर का ये हाल है, डेंगू कैसे हारेगा

Dengu in Jabalpur: डेंगू कैसे होता हैै ?

डेंगू एडीज इजिप्टी (मादा मच्छर) के काटने से होता है और ये मच्छर दिन में ही काटते हैं. दिन में फुल बाजू की शर्ट पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं. इसके लार्वा साफ जमे हुए पानी में पनपते हैं. कूलर, गमले, टायर, घर के आसपास जमे बारिश के पानी में पनप सकते हैं. महिलाएं और छोटे बच्चे इसके प्रभाव में जल्द आते हैं.

fatal dengu
कैसे बचेगी डेंगू से जान, मरीज और परिजन परेशान

Dengu in Jabalpur: डेंगू का कोरोना कनेक्शन?

कुछ जानकारों की राय है कि कोविड संक्रमितों में डेंगू होने पर खतरा (Dengu in Jabalpur) बढ़ता जा रहा है. ऐसे मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं. कोरोना पीड़ित रहे लोगों को डेंगू होने पर ऑर्गन फेलियर (Organ Failure) होने का खतरा बढ़ गया है.

Dengu in Jabalpur: कितना खतरनाक है डेंगू ?

आम तौर पर स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं. यह शरीर में ब्लीडिंग रोकने का काम करता है. डेंगू का वायरस प्लेटलेट्स को कम कर देता है. WHO की गाइडलाइन के मुताबिक, 10 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है. अन्यथा इंटरनल ब्लीडिंग से मौत भी हो सकती है. हालांकि ऐसे केस कम ही देखने को मिलते हैं. आमतौर पर डेंगू में सर्वाधिक मौत (death due to dengu) ऑर्गन फेल होने से होती है.

Dengu in Jabalpur: डेंगू का असर कितने दिन तक रहता है?
डेंगू का असर दो से सात दिन तक रहता है. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के साथ तेज बुखार आता है. आंखों के पीछे दर्द, सिर दर्द, उल्टी और मिचली महसूस होना प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा शरीर पर चकत्ते भी आ जाते हैं. (Symptoms Of Dengu) ये लक्षण हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. गर्भवती महिलाएं और बच्चों को ज्यादा सावधानी की जरूरत है.

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