जबलपुर। अप्रैल माह की गर्मी में जब अधिकारी अपने कैबिन में एसी की ठंडी हवा खा रहे थे, उस समय जबलपुर कलेक्टर इलैयाराजा टी (jabalpur collectorr Dr Ilayaraja t) अपनी जनता की परेशानी को देखने के लिए सड़क पर उतरे थे. उनका मकसद था कि फ्लाई ओवर ब्रिज की प्रोग्रेश रिपोर्ट देखना और यह देखना की धूल प्रदूषण से आम जनता को जो परेशानी हो रही है, उससे कैसे निपटा जाए और कैसे ठीक किया जाए. (jabalpur collector walking 6 km)
6 किलोमीटर पैदल चले कलेक्टर: मध्यप्रदेश के जबलपुर में सबसे लंबा फ्लाई ओवर ब्रिज बन रहा है उसको देखने के लिए कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी दमोहनाका से लेकर मदनमहल तक पैदल चले. इस दौरान उनके साथ नगर निगम, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और फ्लाई ओवर एंजेसी के अधिकारी भी साथ रहे. कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान सड़कों पर जमी धूल जिससे कि लोग बीमार हो रहे हैं, उसे हटाने के निर्देश दिए. इसके अलावा नगर निगम के कमिश्नर को कहा कि दिन में 3 बार सड़कों पर पानी का छिड़काव हो.
पानी पी-पीकर कलेक्टर पीछे चलते रहे अधिकारी: किसी को उम्मीद नहीं थी कि फ्लाई ओवर ब्रिज का निरीक्षण करते समय कलेक्टर पैदल चलेंगे, 42 डिग्री के तापमान में कुछ अधिकारी कुछ किलोमीटर तक तो पैदल चले पर जैसे जैसे रास्ता लंबा होता गया, वैसे-वैसे अधिकारियों की सांस फूलने लगी. जब कलेक्टर पैदल चले रहे थे तो फिर उनके अन्य अधिकारियों की इतनी हिम्मत कहा की वह ए.सी वाली गाड़ी से चले, पानी पी-पीकर कलेक्टर साहब के पीछे अधिकारी चलते रहे.
बारिश के पहले सड़के हो जाए ठीक, जनता को न हो परेशानी: कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने सुनिश्चित किया कि कैसे जल्दी से जल्दी फ्लाई ओवर ब्रिज की सड़कों को साफ करवाया जाए, जिससे कि बारिश के समय राहगीरों को किसी तरह की परेशानी न हो. कलेक्टर नें लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह यह भी देखते रहे कि आगामी बारिश में सड़क किनारे जल भराव की स्थिति न बने. अपने निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने बताया कि फ्लाई ओवर ब्रिज का 40% काम हो चुका है और जो ब्रिज बनने की तय समय सीमा है वह तब तक बनकर तैयार हो जाएगा.
फ्लाई ओवर ब्रिज की जद में आने वाले अतिक्रमण को हटाया जा रहा है: तजरीबन 827 करोड़ रु की लागत से बन रहे 8 किलोमीटर के फ्लाई ओवर ब्रिज का भूमिपूजन सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था, इसकी जद में आने वाले अधिकतर अतिक्रमण को हटा दिया गया है. कुछ मामले जरूर हाई कोर्ट में पहुंचे थे, उसका भी निराकरण किया जा रहा है जल्द ही एक रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट को सौंप दी जाएगी.