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Black Fungus के मामले बढ़े, एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कमी, 2 महीनों में उड़ी सरकारी दावों की धज्जियां

मध्य प्रदेश में एक बार फिर ब्लैक फंगस (Black Fungus) तेजी से अपने पैर पसार रहा है, अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वहीं मरीजों को एम्फोटेरिसिन-बी दवा नहीं मिल रही है, जिसकी कमी के चलते मरीज के परिजन इधर उधर भटक रहे हैं. वहीं सरकार के दावे भी फेल होते दिख रहे हैं.

Black Fungus
Black Fungus के मामले बढ़े
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Published : Aug 18, 2021, 6:19 PM IST

जबलपुर। ब्लैक फंगस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, इसके साथ अस्पतालों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) में इस्तेमाल की जाने वाली महत्वपूर्ण दवा एम्फोटेरिसिन-बी की कमी भी देखने को मिल रही है, अस्पतालों में यह दवा अब नहीं मिल रही है, जबकि सरकार ने दावा किया था कि दवाइयों की कमी नहीं होगी, लेकिन दो महीने में ही ये दावे हवा हवाई हो गए हैं, मरीज के परिजन एम्फोटेरिसिन-बी दवा के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

दो महीने में सरकार के दावों की निकली हवा

जबलपुर में ब्लैक फंगस की दवा का उत्पादन होने के बावजूद मरीजों को इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है, बीते 22 जून को जबलपुर की रेवा हेल्थ केयर कंपनी द्वारा सरकार की मदद से इंजेक्शन का उत्पादन शुरू कर दिया गया था, तब यह दावा किया गया था कि अब मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों को कभी भी इंजेक्शन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन समय के साथ यह दावा खोखला साबित हुआ, क्योंकि महज 2 महीनों के अंदर ही मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों को एक बार फिर इंजेक्शन के लिए भटकना पड़ रहा है.

दवा कंपनी होने के बावजूद स्टॉक नहीं

मध्य प्रदेश सरकार ने पहले ही दूसरे राज्यों की कंपनियों से इंजेक्शन सप्लाई के लिए अनुबंध कर लिया था, जब मध्यप्रदेश में जबलपुर की रेवा हेल्थ केयर कंपनी में इंजेक्शन का उत्पादन शुरू किया गया, तो सरकार ने दूसरी कंपनियों के साथ अनुबंध की बात कहकर इंजेक्शन खरीदने से मना कर दिया, इसके बाद रेवा हेल्थ केयर कंपनी ने दूसरे राज्यों को इंजेक्शन सप्लाई शुरू कर दी, लेकिन अब जब मध्यप्रदेश में इंजेक्शन की कमी आई, तो जबलपुर की कंपनी ने इंजेक्शन देने से मना कर दिया.

प्रदेश में इंजेक्शन की सप्लाई नहीं

अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जबलपुर की रेवा हेल्थ केयर कंपनी और सरकार के बीच एक बार फिर अनुबंध करने की प्रक्रिया चल रही है, अगर यह हो जाती है, तो आने वाले 15 दिनों में इंजेक्शन की आपूर्ति जबलपुर जिले में कर ली जाएगी, लेकिन सवाल सबसे बड़ा यह है कि जब कंपनी को राज्य सरकार ने रातों रात लाइसेंस देकर प्रोडक्शन की इजाजत दी थी, तो फिर इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया, कि जबलपुर की यह कंपनी मध्य प्रदेश को इंजेक्शन की सप्लाई में प्राथमिकता पर करे.

ऊंट के मुंह में जीरा : Black Fungus और Corona की तैयारियों पर कोर्ट ने जताई चिंता, पूछा-कितने तैयार हैं आप

जबलपुर में अब तक इंजेक्शन की कमी की वजह से 40 मरीजों की मौत हो चुकी है और अभी भी जबलपुर संभाग में 40 मरीज ब्लैक फंगस का इलाज करवा रहे हैं, लेकिन इंजेक्शन ना मिल पाने की वजह से उनका जीवन संकट में है.

जबलपुर। ब्लैक फंगस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, इसके साथ अस्पतालों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) में इस्तेमाल की जाने वाली महत्वपूर्ण दवा एम्फोटेरिसिन-बी की कमी भी देखने को मिल रही है, अस्पतालों में यह दवा अब नहीं मिल रही है, जबकि सरकार ने दावा किया था कि दवाइयों की कमी नहीं होगी, लेकिन दो महीने में ही ये दावे हवा हवाई हो गए हैं, मरीज के परिजन एम्फोटेरिसिन-बी दवा के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

दो महीने में सरकार के दावों की निकली हवा

जबलपुर में ब्लैक फंगस की दवा का उत्पादन होने के बावजूद मरीजों को इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है, बीते 22 जून को जबलपुर की रेवा हेल्थ केयर कंपनी द्वारा सरकार की मदद से इंजेक्शन का उत्पादन शुरू कर दिया गया था, तब यह दावा किया गया था कि अब मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों को कभी भी इंजेक्शन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन समय के साथ यह दावा खोखला साबित हुआ, क्योंकि महज 2 महीनों के अंदर ही मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों को एक बार फिर इंजेक्शन के लिए भटकना पड़ रहा है.

दवा कंपनी होने के बावजूद स्टॉक नहीं

मध्य प्रदेश सरकार ने पहले ही दूसरे राज्यों की कंपनियों से इंजेक्शन सप्लाई के लिए अनुबंध कर लिया था, जब मध्यप्रदेश में जबलपुर की रेवा हेल्थ केयर कंपनी में इंजेक्शन का उत्पादन शुरू किया गया, तो सरकार ने दूसरी कंपनियों के साथ अनुबंध की बात कहकर इंजेक्शन खरीदने से मना कर दिया, इसके बाद रेवा हेल्थ केयर कंपनी ने दूसरे राज्यों को इंजेक्शन सप्लाई शुरू कर दी, लेकिन अब जब मध्यप्रदेश में इंजेक्शन की कमी आई, तो जबलपुर की कंपनी ने इंजेक्शन देने से मना कर दिया.

प्रदेश में इंजेक्शन की सप्लाई नहीं

अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जबलपुर की रेवा हेल्थ केयर कंपनी और सरकार के बीच एक बार फिर अनुबंध करने की प्रक्रिया चल रही है, अगर यह हो जाती है, तो आने वाले 15 दिनों में इंजेक्शन की आपूर्ति जबलपुर जिले में कर ली जाएगी, लेकिन सवाल सबसे बड़ा यह है कि जब कंपनी को राज्य सरकार ने रातों रात लाइसेंस देकर प्रोडक्शन की इजाजत दी थी, तो फिर इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया, कि जबलपुर की यह कंपनी मध्य प्रदेश को इंजेक्शन की सप्लाई में प्राथमिकता पर करे.

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जबलपुर में अब तक इंजेक्शन की कमी की वजह से 40 मरीजों की मौत हो चुकी है और अभी भी जबलपुर संभाग में 40 मरीज ब्लैक फंगस का इलाज करवा रहे हैं, लेकिन इंजेक्शन ना मिल पाने की वजह से उनका जीवन संकट में है.

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