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Birth And Death Certificate: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी का फरमान जारी, एसडीएम कार्यालय से नहीं अब जिला अदालत से बनेंगे जन्म मृत्यु प्रमाण-पत्र

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (Chief Judicial Magistrate Jabalpur) ने बड़ा फरमान जारी किया है. अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र (Birth And Death Certificate Registration) के लिए प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट (Judicial Magistrate of First Class) को जिम्मेदारी सौंप दी गई है.

District  Sessions Court Jabalpur
जिला सत्र न्यायालय जबलपुर
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Published : Jul 23, 2022, 5:47 PM IST

जबलपुर। अब एक वर्ष पुराने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय से नहीं बल्कि जिला अदालत से बनाए जाएंगे. दरअसल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने इस संबंध में एक फैसला दिया था. इसके तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जबलपुर (Chief Judicial Magistrate Jabalpur) आलोक प्रताप सिंह ने आदेश जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. सभी जेएमएफसी (Judicial Magistrate of First Class) दण्डाधिकारियों को अपने क्षेत्राधिकार के थाना क्षेत्र के लिए इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है.

ग्वालियर खंडपीठ का आदेश: जेएमएफसी (Judicial Magistrate of First Class) को शहर के कुछ थाना क्षेत्रों की जिम्मेदारी अतिरिक्त दी गई है. इस व्यवस्था के पहले तक एक वर्ष पुराने मामलों के जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय (SDM Office) में बनाए जाते थे. सीजेएम (Chief Judicial Magistrate Jabalpur) आलोक प्रताप सिंह ने मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Madhya Pradesh High Court Gwalior Bench) के 11 फरवरी 2022 को दिए गए एक फैसले पर आदेश जारी किया. आदेश के तहत जन्म-मृत्यु पंजीयन अधिनियम 1969 की धारा 13 (3) में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के कार्यपालक मजिस्ट्रेट एसडीएम को दिए अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं.

Gwalior High Court: स्वास्थ्य आयुक्त पर 50 हजार का जुर्माना, याचिकाकर्ता को भी देनी होगी आधी राशी

अधिसूचना में संशोधन: अब यह जिम्मेदारी जिला अदालत के सभी न्यायिक दण्डाधिकारियों जेएमएफसी को सौंप दी गई है. आदेश में पुरानी अधिसूचना को संशोधित करते हुए. अब सभी न्यायिक दण्डाधिकारी उनके क्षेत्राधिकार के थाना क्षेत्रों के जन्म-मृत्यु प्रकरणों पर विचार कर विधिवत निराकरण करेंगे. आदेश के तहत जेएमएफसी अदिति शुक्ला को उनके क्षेत्राधिकार के क्षेत्रों के अलावा बरगी और ओमती थाना क्षेत्र सौंपे गए हैं, जबकि जेएमएफसी अभिजीत मरावी को सिविल लाइंस तथा लार्डगंज थाने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है.

जबलपुर। अब एक वर्ष पुराने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय से नहीं बल्कि जिला अदालत से बनाए जाएंगे. दरअसल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने इस संबंध में एक फैसला दिया था. इसके तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जबलपुर (Chief Judicial Magistrate Jabalpur) आलोक प्रताप सिंह ने आदेश जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. सभी जेएमएफसी (Judicial Magistrate of First Class) दण्डाधिकारियों को अपने क्षेत्राधिकार के थाना क्षेत्र के लिए इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है.

ग्वालियर खंडपीठ का आदेश: जेएमएफसी (Judicial Magistrate of First Class) को शहर के कुछ थाना क्षेत्रों की जिम्मेदारी अतिरिक्त दी गई है. इस व्यवस्था के पहले तक एक वर्ष पुराने मामलों के जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय (SDM Office) में बनाए जाते थे. सीजेएम (Chief Judicial Magistrate Jabalpur) आलोक प्रताप सिंह ने मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Madhya Pradesh High Court Gwalior Bench) के 11 फरवरी 2022 को दिए गए एक फैसले पर आदेश जारी किया. आदेश के तहत जन्म-मृत्यु पंजीयन अधिनियम 1969 की धारा 13 (3) में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के कार्यपालक मजिस्ट्रेट एसडीएम को दिए अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं.

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अधिसूचना में संशोधन: अब यह जिम्मेदारी जिला अदालत के सभी न्यायिक दण्डाधिकारियों जेएमएफसी को सौंप दी गई है. आदेश में पुरानी अधिसूचना को संशोधित करते हुए. अब सभी न्यायिक दण्डाधिकारी उनके क्षेत्राधिकार के थाना क्षेत्रों के जन्म-मृत्यु प्रकरणों पर विचार कर विधिवत निराकरण करेंगे. आदेश के तहत जेएमएफसी अदिति शुक्ला को उनके क्षेत्राधिकार के क्षेत्रों के अलावा बरगी और ओमती थाना क्षेत्र सौंपे गए हैं, जबकि जेएमएफसी अभिजीत मरावी को सिविल लाइंस तथा लार्डगंज थाने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है.

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