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CBI के जांच दायरे में फंसे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के जूनियर खाटूआ हत्याकांड मामले में पुलिस ने किया ये बड़ा खुलासा - जबलपुर

सीबीआई जांच के दायरे में फंसे जीसीएफ फैक्ट्री के जूनियर मैनेजर एससी खाटूआ हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई छापे में खाटूआ के निवास और दफ्तर से कई प्राइवेट एजेंसियों के नाम मिले थे, जिनके दलाल लगातार खाटूआ के संपर्क में थे.

पुलिस अधीक्षक अमित सिंह
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Published : Feb 21, 2019, 2:25 PM IST

जबलपुर। सीबीआई जांच के दायरे में फंसे जीसीएफ फैक्ट्री के जूनियर मैनेजर एससी खाटूआ हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई छापे में खाटूआ के निवास और दफ्तर से कई प्राइवेट एजेंसियों के नाम मिले थे, जिनके दलाल लगातार खाटूआ के संपर्क में थे.


10 जनवरी को सीबीआई ने जूनियर वर्क्स मैनेजर खाटूआ के निवास पर छापेमारी की थी जिसके बाद 17 जनवरी से खाटूआ लापता हुए थे और 5 जनवरी को उनकी लाश पाटबाबा के जंगलों में मिली. इस हाईप्रोफाइल मामले में दलालों के नाम सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस दस्तावेजों के आधार पर एक दलाल पर नजर बनाए हुए हैं, जो लगातार खाटूआ के संपर्क में था.

पुलिस अधीक्षक अमित सिंह

पुलिस अधीक्षक ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि चूंकि खाटूआ लंबे समय से जीसीएफ फैक्ट्री के प्रोविजन सेक्शन में पदस्थ थे इस वजह से ना केवल धनुष तोप की खरीदी नहीं बल्कि सेना को सप्लाई होने वाले तमाम उपकरणों की खरीदी में कई प्राइवेट एजेंसीया जूनियर मैनेजर से संपर्क बनाई हुई थी.

जबलपुर। सीबीआई जांच के दायरे में फंसे जीसीएफ फैक्ट्री के जूनियर मैनेजर एससी खाटूआ हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई छापे में खाटूआ के निवास और दफ्तर से कई प्राइवेट एजेंसियों के नाम मिले थे, जिनके दलाल लगातार खाटूआ के संपर्क में थे.


10 जनवरी को सीबीआई ने जूनियर वर्क्स मैनेजर खाटूआ के निवास पर छापेमारी की थी जिसके बाद 17 जनवरी से खाटूआ लापता हुए थे और 5 जनवरी को उनकी लाश पाटबाबा के जंगलों में मिली. इस हाईप्रोफाइल मामले में दलालों के नाम सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस दस्तावेजों के आधार पर एक दलाल पर नजर बनाए हुए हैं, जो लगातार खाटूआ के संपर्क में था.

पुलिस अधीक्षक अमित सिंह

पुलिस अधीक्षक ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि चूंकि खाटूआ लंबे समय से जीसीएफ फैक्ट्री के प्रोविजन सेक्शन में पदस्थ थे इस वजह से ना केवल धनुष तोप की खरीदी नहीं बल्कि सेना को सप्लाई होने वाले तमाम उपकरणों की खरीदी में कई प्राइवेट एजेंसीया जूनियर मैनेजर से संपर्क बनाई हुई थी.

Intro:जबलपुर
सीबीआई जांच के दायरे में फंसे जीसीएफ फैक्ट्री के जूनियर वर्क्स मैनेजर एससी खाटूआ हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई छापे में खाटूआ के निवास और दफ्तर से कई प्राइवेट एजेंसियों के नाम मिले थे जिनके दलाल लगातार खाटूआ के संपर्क में थे।


Body:10 जनवरी को सीबीआई ने जूनियर वर्क्स मैनेजर खाटूआ के निवास पर छापेमारी की थी जिसके बाद 17 जनवरी से खाटूआ लापता हुए थे और 5 जनवरी को उनकी लाश पाटबाबा के जंगलों में मिली।इस हाईप्रोफाइल मामले में दलालों के नाम सामने आ जाने से अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं।पुलिस दस्तावेजों के आधार पर एक दलाल पर नजर बनाए हुए हैं जो लगातार खाटूआ के संपर्क में था।


Conclusion:पुलिस अधीक्षक ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि चूँकि खाटूआ लंबे समय से जीसीएफ फैक्ट्री के प्रोविजन सेक्शन में पदस्थ थे इस वजह से ना केवल धनुष तोप की खरीदी बल्कि सेना को सप्लाई होने वाले उपकरणों की खरीदी में कई प्राइवेट एजेंसीया जूनियर वर्क्स मैनेजर से संपर्क बनाई हुई थी। अब यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या दलालों के चंगुल में फंसे थे खाटूआ।फिलहाल पुलिस अब तमाम पहलुओं पर जांच की बात कह रही है।
बाईट.1-अमित सिंह......एसपी,जबलपुर
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