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बोगस वोटिंग रोकने के लिए पोलिंग बूथ में मतादाताओं के पहचान को होगा सत्यापन, मांगे जाएंगे ये दस्तावेज

बोगस वोटिंग रोकने के लिए पोलिंग बूथ में मतादाताओं के पहचान को होगा सत्यापन, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंकों की पासबुक, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पैन कार्ड, किसी ऑफिस का आईडी कार्ड जैसे कोई एक दस्तावेज मांगे जाएंगे

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Published : Mar 30, 2019, 9:43 PM IST

बोगस वोटिंग

इंदौर। देश में आम चुनाव होने है और चुनाव के दौरान ईवीएम मशीन से भी कई बोगस वोटिंग(फर्जी वोटिंग) के मामले सामने आते हैं. वहीं इस बार बोगस वोटिंग को रोकने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने एक फैसला लिया है. इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं की पहचान का सत्यापन करने के बाद ही उन्हें मतदान की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है.

भारत निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है कि अब पीठासीन अधिकारी को यह अधिकार होगा कि वह मतदाता पर्ची के बावजूद मौके पर ही मतदाता की पहचान स्थापित किए जाने वाले पहचान पत्र की जांच करें. जब पीठासीन अधिकारी संबंधित मतदाता की पहचान से संतुष्ट होंगे तभी वे उन्हें मतदान की अनुमति प्रदान करेंगे. बता दें इस व्यवस्था के तहत लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी मतदाताओं की पहचान के लिए उनसे पहचान संबंधी दस्तावेज मांगेंगे.

बोगस वोटिंग

इन दस्तावेजों से मिलेगी मतदान की अनुमति
आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंकों की पासबुक, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पैन कार्ड, किसी ऑफिस का आईडी कार्ड, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के विभागों द्वारा प्रदत्त परिचय पत्र सहित अन्य वे पहचान पत्र जिनमें उल्लेखित फोटो के जरिए संबंधित मतदाता की पहचान स्थापित होती हो. ऐसे किसी एक परिचय पत्रों के आधार पर मतदाता के पहचान की पुष्टि होने पर ही पोलिंग बूथ में मतदान की अनुमति दी जा सकेगी.

गौरतलब है ईवीएम से मतदान के लिए आवश्यक रूप से मतदाता पर्ची और एपिक की व्यवस्था के अंतर्गत मतदाता के फोटो मिलान की व्यवस्था पहले से निर्धारित है. अब तक इसी आधार पर मतदाताओं से ईवीएम के जरिए मतदान कराया जाता है. इस स्थिति के बावजूद भारत निर्वाचन के समक्ष ऐसे कई मामले आए जिसमें कई मतदाताओं के वोट उनके पोलिंग बूथ पर पहुंचने के पहले ही डाल दिए गए.

इंदौर। देश में आम चुनाव होने है और चुनाव के दौरान ईवीएम मशीन से भी कई बोगस वोटिंग(फर्जी वोटिंग) के मामले सामने आते हैं. वहीं इस बार बोगस वोटिंग को रोकने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने एक फैसला लिया है. इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं की पहचान का सत्यापन करने के बाद ही उन्हें मतदान की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है.

भारत निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है कि अब पीठासीन अधिकारी को यह अधिकार होगा कि वह मतदाता पर्ची के बावजूद मौके पर ही मतदाता की पहचान स्थापित किए जाने वाले पहचान पत्र की जांच करें. जब पीठासीन अधिकारी संबंधित मतदाता की पहचान से संतुष्ट होंगे तभी वे उन्हें मतदान की अनुमति प्रदान करेंगे. बता दें इस व्यवस्था के तहत लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी मतदाताओं की पहचान के लिए उनसे पहचान संबंधी दस्तावेज मांगेंगे.

बोगस वोटिंग

इन दस्तावेजों से मिलेगी मतदान की अनुमति
आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंकों की पासबुक, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पैन कार्ड, किसी ऑफिस का आईडी कार्ड, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के विभागों द्वारा प्रदत्त परिचय पत्र सहित अन्य वे पहचान पत्र जिनमें उल्लेखित फोटो के जरिए संबंधित मतदाता की पहचान स्थापित होती हो. ऐसे किसी एक परिचय पत्रों के आधार पर मतदाता के पहचान की पुष्टि होने पर ही पोलिंग बूथ में मतदान की अनुमति दी जा सकेगी.

गौरतलब है ईवीएम से मतदान के लिए आवश्यक रूप से मतदाता पर्ची और एपिक की व्यवस्था के अंतर्गत मतदाता के फोटो मिलान की व्यवस्था पहले से निर्धारित है. अब तक इसी आधार पर मतदाताओं से ईवीएम के जरिए मतदान कराया जाता है. इस स्थिति के बावजूद भारत निर्वाचन के समक्ष ऐसे कई मामले आए जिसमें कई मतदाताओं के वोट उनके पोलिंग बूथ पर पहुंचने के पहले ही डाल दिए गए.

Intro:प्रदेश में ईवीएम मशीन से भी बोगस वोटिंग की शिकायतों के चलते भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं की पहचान का सत्यापन करने के बाद ही उन्हें मतदान की अनुमति देने का निर्णय लिया है इस व्यवस्था के तहत लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी मतदाताओं की पहचान के लिए उनसे पहचान संबंधी दस्तावेज मांगेंगे


Body:गौरतलब है ईवीएम से मतदान के लिए आवश्यक रूप से मतदाता पर्ची और एपिक की व्यवस्था के अंतर्गत मतदाता के फोटो मिलान की व्यवस्था पहले से निर्धारित है अब तक इसी आधार पर मतदाताओं से ईवीएम के जरिए मतदान कराया जाता है इस स्थिति के बावजूद भारत निर्वाचन के समक्ष ऐसे कई मामले आए जिसमें कई मतदाताओं के वोट उनके पोलिंग बूथ पर पहुंचने के पहले ही डाल दिए गए इसके बाद आयोग ने यह निर्णय लिया है कि अब पीठासीन अधिकारी को यह अधिकार होगा कि वह मतदाता पर्ची के बावजूद मौके पर ही मतदाता की पहचान स्थापित किए जाने वाले पहचान पत्र की जांच करें जब पीठासीन अधिकारी संबंधित मतदाता की पहचान से संतुष्ट होंगे तभी वे उन्हें मतदान की अनुमति प्रदान करेंगे

इन दस्तावेजों से मिलेगी मतदान की अनुमति
आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस बैंक की पासबुक मतदाता परिचय पत्र राशन कार्ड पैन कार्ड बैंकों की पासबुक राज्य सरकार और केंद्र सरकार के विभागों द्वारा प्रदत्त परिचय पत्र सहित अन्य वे पहचान पत्र जिनमें उल्लेखित फोटो के जरिए संबंधित मतदाता की पहचान स्थापित होती हो ऐसे परिचय पत्रों के आधार पर मतदाता के पहचान की पुष्टि होने पर ही मतदान की अनुमति पोलिंग बूथ में दी जा सकेगी


Conclusion:बाइट जिनेश जैन एडीएम इंदौर
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