इंदौर। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच ठगी की वारदातें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. सोशल मीडिया पर सामान डिलीवर करने की बात कहकर लोगों से पेमेंट कराया जा रहा है, जो कि बाद में ठगी की वारदात के रूप में सामने आ रही है. इसी तरह के मामले में सोशल मीडिया पर डाले गए विज्ञापन की ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो वह पूरी तरह फेक निकला पूरे मामले की जानकारी अधिकारियों को देने के बाद इस मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है.
इंदौर में सोशल मीडिया पर होम डिलीवरी करने का विज्ञापन तेजी से वायरल हुआ. इस विज्ञापन की ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पता चला कि विज्ञापन पूरी तरह से फेक है और लोगों से पैसे लेकर ऑनलाइन अकाउंट में पैसे जमा कराए जा रहे हैं. दरअसल इंदौर में सोशल मीडिया पर वाइन शॉप नाम से एक पेज बनाया गया. जिसमें की सभी प्रकार की लिकर होम डिलीवरी पर अनवेलेबल होना बताया. इसके साथ दिए गए नंबर पर ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने बात की और पूरे मामले को जानने की कोशिश की , बात करने पर पता चला कि किसी भी ब्रांड की ऑनलाइन कीमत देने पर उपलब्ध करा दी जाएगी और वह भी होम डिलीवरी होगी.
पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि पेज पर दिए गए दुकान का एड्रेस भी फेक है. सोशल मीडिया पर बने पेज पर दुकान के बारे में बताया गया कि ये दुकान इंदौर के भंवरकुंआ मेन रोड पर टावर चौराहे के पास स्थित है. पड़ताल करने पर पता चला कि किसी भी प्रकार की कोई शराब दुकान टावर चौराहे के आसपास नहीं है. पूरे मामले की जानकारी इंदौर डीआईजी को दी गई है, उन्होंने इसकी जांच क्राइम ब्रांच से करवाने की बात कही है.
दरअसल, इंदौर में लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते सभी शराब दुकानें भी पूरी तरह से बंद हैं, ऐसे में कई गिरोह ऐसे भी हैं, जो ऑनलाइन विज्ञापन कर पहले लोगों से अकाउंट में पैसे डलवा देते हैं और उसके बाद उन्हें ब्लॉक कर देते हैं, क्योंकि शराब खरीदना और बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. ऐसे में इस ठगी की शिकायत भी पुलिस तक नहीं पहुंचती है.