इंदौर। बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में कई बड़े नाम उजागर होने की संभावनाओं से खलबली मची हुई है, इस मामले में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा की ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, उन्होंने राजनेताओं को राजनीति में सुचिता अपनाने की राय दी है. खुद को राज्यपाल ना बनाए जाने पर भी सफाई देते हुए, सुमित्रा ताई ने कहा कि लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है, वे राज्यपाल न बनकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक सोच बनाना चाहती हैं, जिसके लिए वे काम कर रही हैं.
प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में देश की पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, उन्होंने राजनीति में सुचिता अपनाने की बात कही है. ताई ने कहा कि वर्तमान में भले ही राजनीति का स्वरूप बदल गया हो, लेकिन बदलते स्वरूप में किसे क्या अपनाना है ये उसे खुद तय करना है.
पूर्व लोकसभा स्पीकर ने राज्यपाल ना बनाए जाने पर सफाई देते हुए कहा कि लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है और इस पद को देश में चौथे स्थान पर माना जाता है, इसलिए राज्यपाल पद पर बैठने के बजाय वे पार्टी के लिए सोच बनाने पर काम कर रही हैं. सुमित्रा महाजन ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को जनता को बताएं पार्टी में वे इस भूमिका में रहना चाहती हैं.
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के उपलक्ष्य में माल्यार्पण करने पहुंची इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारों के संबंध कैसे हो इस पर दीनदयाल उपाध्याय ने मंथन किया था और अब कार्यकर्ताओं को ये तय करना चाहिए कि वे अपने नेताओं से भी इस मामले पर चर्चा करें.