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राज्यपाल न बनाए जाने पर सुमित्रा महाजन ने दी सफाई, हनी ट्रैप मामले में की कार्रवाई की मांग

इंदौर में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारों के संबंध कैसे हो, इस पर दीनदयाल उपाध्याय ने मंथन किया था. सुमित्रा महाजन ने राज्यपाल ना बनाए जाने पर सफाई देते हुए कहा, कि लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है.

सुमित्रा महाजन
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Published : Sep 25, 2019, 5:12 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 5:58 PM IST

इंदौर। बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में कई बड़े नाम उजागर होने की संभावनाओं से खलबली मची हुई है, इस मामले में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा की ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, उन्होंने राजनेताओं को राजनीति में सुचिता अपनाने की राय दी है. खुद को राज्यपाल ना बनाए जाने पर भी सफाई देते हुए, सुमित्रा ताई ने कहा कि लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है, वे राज्यपाल न बनकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक सोच बनाना चाहती हैं, जिसके लिए वे काम कर रही हैं.

सुमित्रा महाजन की राज्यपाल न बनने पर सफाई


प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में देश की पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, उन्होंने राजनीति में सुचिता अपनाने की बात कही है. ताई ने कहा कि वर्तमान में भले ही राजनीति का स्वरूप बदल गया हो, लेकिन बदलते स्वरूप में किसे क्या अपनाना है ये उसे खुद तय करना है.


पूर्व लोकसभा स्पीकर ने राज्यपाल ना बनाए जाने पर सफाई देते हुए कहा कि लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है और इस पद को देश में चौथे स्थान पर माना जाता है, इसलिए राज्यपाल पद पर बैठने के बजाय वे पार्टी के लिए सोच बनाने पर काम कर रही हैं. सुमित्रा महाजन ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को जनता को बताएं पार्टी में वे इस भूमिका में रहना चाहती हैं.


पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के उपलक्ष्य में माल्यार्पण करने पहुंची इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारों के संबंध कैसे हो इस पर दीनदयाल उपाध्याय ने मंथन किया था और अब कार्यकर्ताओं को ये तय करना चाहिए कि वे अपने नेताओं से भी इस मामले पर चर्चा करें.

इंदौर। बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में कई बड़े नाम उजागर होने की संभावनाओं से खलबली मची हुई है, इस मामले में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा की ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, उन्होंने राजनेताओं को राजनीति में सुचिता अपनाने की राय दी है. खुद को राज्यपाल ना बनाए जाने पर भी सफाई देते हुए, सुमित्रा ताई ने कहा कि लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है, वे राज्यपाल न बनकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक सोच बनाना चाहती हैं, जिसके लिए वे काम कर रही हैं.

सुमित्रा महाजन की राज्यपाल न बनने पर सफाई


प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में देश की पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, उन्होंने राजनीति में सुचिता अपनाने की बात कही है. ताई ने कहा कि वर्तमान में भले ही राजनीति का स्वरूप बदल गया हो, लेकिन बदलते स्वरूप में किसे क्या अपनाना है ये उसे खुद तय करना है.


पूर्व लोकसभा स्पीकर ने राज्यपाल ना बनाए जाने पर सफाई देते हुए कहा कि लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है और इस पद को देश में चौथे स्थान पर माना जाता है, इसलिए राज्यपाल पद पर बैठने के बजाय वे पार्टी के लिए सोच बनाने पर काम कर रही हैं. सुमित्रा महाजन ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को जनता को बताएं पार्टी में वे इस भूमिका में रहना चाहती हैं.


पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के उपलक्ष्य में माल्यार्पण करने पहुंची इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारों के संबंध कैसे हो इस पर दीनदयाल उपाध्याय ने मंथन किया था और अब कार्यकर्ताओं को ये तय करना चाहिए कि वे अपने नेताओं से भी इस मामले पर चर्चा करें.

Intro:देश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में कई बड़े नाम उजागर होने की संभावनाओं से खलबली मची हुई है इस मामले में एसआईटी गठित करके जांच की जा रही है वहीं पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का कहना है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई होना चाहिए साथ ही उन्होंने राजनीति में सुचिता अपनाने की राय सभी राजनेताओं को भी दी है इसी के साथ पूर्व लोकसभा स्पीकर ने खुद को राज्यपाल ना बनाए जाने पर भी सफाई दी है सुमित्रा महाजन ने कहा है कि लोकसभा स्पीकर का प्रदेश में चौथे स्थान पर आता है ऐसे में वे राज्यपाल ने बनकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक सोच बनाना चाहती हैं जिसके लिए वह काम कर रही हैं


Body:प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में देश की पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई होना चाहिए उन्होंने राजनीति में शुचिता अपनाने की बात राजनेताओं को कही है ताई ने कहा कि वर्तमान में भले ही राजनीति का स्वरूप बदल गया हो लेकिन बदलते स्वरूप में किसे क्या अपनाना है यह उसे खुद तय करना है पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के उपलक्ष में माल्यार्पण करने पहुंची थी इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने यह बात कही लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का कहना था कि केंद्र और राज्य की सरकारों के संबंध कैसे हो इस पर दीनदयाल उपाध्याय ने मंथन किया था और अब कार्यकर्ताओं को यह तय करना चाहिए कि वे अपने नेताओं से भी इस मामले पर चर्चा करें पूर्व लोकसभा स्पीकर ने राज्यपाल ना बनाए जाने पर सफाई देते हुए कहा कि लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है और इस पद को देश में चौथे स्थान पर माना जाता है इसलिए राज्यपाल पद पर बैठने के बजाय वे पार्टी के लिए सोच बनाने पर काम कर रही हैं सुमित्रा महाजन ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को जनता को बताएं पार्टी में यह भूमिका में वे रहना चाहती हैं

बाईट - सुमित्रा महाजन, पूर्व लोकसभा स्पीकर


Conclusion:लोकसभा चुनाव के बाद जब सविता महाजन का टिकेट काटा गया था तो यहां कहां जा रहा था कि उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जा सकता है लेकिन बाद में राजपाल का पद भी उन्हें नही दिया गया।
Last Updated : Sep 25, 2019, 5:58 PM IST
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