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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नर्मदा जल को दिया A ग्रेड, केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने भी लगाई मुहर - प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नर्मदा नदी के जल को लॉकडाउन में हुए बदलाव के चलते A ग्रेड दिया है. जिस पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और जल आयोग ने भी मुहर लगाई है. लॉकडाउन में नर्मदा में अपिष्ठ पदार्थ न मिलने से पानी की गुणवत्ता में बेहद सुधार हुआ है.

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नर्मदा के जल को मिला ए ग्रेड
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Published : May 9, 2020, 6:07 PM IST

इंदौर। लॉकडाउन के चलते प्रकृति ने राहत की सांस ली है. यही वजह है कि औद्योगिक गतिविधियां थमने से न केवल पर्यावरण शुद्ध हुआ है, बल्कि जल स्त्रोतों को भी आमजन द्वारा की जाने वाली गंदगी और प्रदूषण से राहत मिली है. इन हालातों में मध्य प्रदेश की जीवनदायी नर्मदा नदी का पानी भी प्रदूषण मुक्त हो चुका है. जिसकी जानकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी दी है.

नर्मदा के जल को मिला ए ग्रेड

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लॉकडाउन के दौरान नर्मदा जल की स्वच्छता को मांपने के लिए खंडवा जिले के पुनासा से लेकर बड़वानी के ककराना गांव 17 बिंदुओं पर नर्मदा जल की स्वच्छता का परीक्षण किया. जिसके तहत विभिन्न स्वच्छता के पैमानों पर नर्मदा जल ज्यादा स्वच्छ और साफ हुआ है. प्रदूषण नियंत्रम बोर्ड के अधिकारी दिलीप बागेला के अनुसार नर्मदा के जल में गुलिता ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ गई है. जबकि बीओडी अर्थात पानी में मौजूद बैक्टीरिया में कमी आई. इसके अलावा पानी में लगातार प्रदूषण के कारण पॉलीफार्म बैक्टीरिया कि जो मात्रा बढ़ती है, वह भी कम हो गई.

ये भी पढ़ेः नर्मदा के निर्मल और निखरे रंग, ETV भारत पर देखिए सहस्त्रधारा का सौंदर्य

दिलीप बागेला ने बताया कि, लॉकडाउन के चलते प्रदेश के न केवल नर्मदा बल्कि सभी नदियों का पानी साफ हुआ है. बीते एक माह के दौरान नर्मदा जल की गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ है, यह स्थिति पुनासा से ककराना तक नहीं बल्कि ओमकारेश्वर महेश्वर और मंडलेश्वर के जिन घाटों पर 30 त्योहारों और पारंपरिक उत्सवों के दौरान हजारों श्रद्धालुओं द्वारा स्नान करने से जो प्रदूषण बढ़ता, उससे भी नर्मदा को राहत मिल सकी है.

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वर्तमान में नर्मदा नदी को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय अथवा जल आयोग ने ए श्रेणी की नदी घोषित किया है. लेकिन नदी के जल के स्वच्छता को लेकर फिलहाल जो आंकड़े आए हैं, उसके अनुसार अब नर्मदा का जल बैक्टीरिया मुक्त कर सीधे पीने योग्य है, जो नदी के जल की शुद्धता और प्रमाणिकता प्रदर्शित करता है.

इंदौर। लॉकडाउन के चलते प्रकृति ने राहत की सांस ली है. यही वजह है कि औद्योगिक गतिविधियां थमने से न केवल पर्यावरण शुद्ध हुआ है, बल्कि जल स्त्रोतों को भी आमजन द्वारा की जाने वाली गंदगी और प्रदूषण से राहत मिली है. इन हालातों में मध्य प्रदेश की जीवनदायी नर्मदा नदी का पानी भी प्रदूषण मुक्त हो चुका है. जिसकी जानकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी दी है.

नर्मदा के जल को मिला ए ग्रेड

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लॉकडाउन के दौरान नर्मदा जल की स्वच्छता को मांपने के लिए खंडवा जिले के पुनासा से लेकर बड़वानी के ककराना गांव 17 बिंदुओं पर नर्मदा जल की स्वच्छता का परीक्षण किया. जिसके तहत विभिन्न स्वच्छता के पैमानों पर नर्मदा जल ज्यादा स्वच्छ और साफ हुआ है. प्रदूषण नियंत्रम बोर्ड के अधिकारी दिलीप बागेला के अनुसार नर्मदा के जल में गुलिता ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ गई है. जबकि बीओडी अर्थात पानी में मौजूद बैक्टीरिया में कमी आई. इसके अलावा पानी में लगातार प्रदूषण के कारण पॉलीफार्म बैक्टीरिया कि जो मात्रा बढ़ती है, वह भी कम हो गई.

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दिलीप बागेला ने बताया कि, लॉकडाउन के चलते प्रदेश के न केवल नर्मदा बल्कि सभी नदियों का पानी साफ हुआ है. बीते एक माह के दौरान नर्मदा जल की गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ है, यह स्थिति पुनासा से ककराना तक नहीं बल्कि ओमकारेश्वर महेश्वर और मंडलेश्वर के जिन घाटों पर 30 त्योहारों और पारंपरिक उत्सवों के दौरान हजारों श्रद्धालुओं द्वारा स्नान करने से जो प्रदूषण बढ़ता, उससे भी नर्मदा को राहत मिल सकी है.

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वर्तमान में नर्मदा नदी को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय अथवा जल आयोग ने ए श्रेणी की नदी घोषित किया है. लेकिन नदी के जल के स्वच्छता को लेकर फिलहाल जो आंकड़े आए हैं, उसके अनुसार अब नर्मदा का जल बैक्टीरिया मुक्त कर सीधे पीने योग्य है, जो नदी के जल की शुद्धता और प्रमाणिकता प्रदर्शित करता है.

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