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इंदौर के बाईपास पर दिखी पलायन की दर्दनाक तस्वीरें, बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

इंदौर के बाईपास में पलायन की एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. जहां एक व्यक्ति खुद बैल के साथ बैल गाड़ी को खींचते हुए दिखाई दे रहा है. इस तस्वीर के सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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Published : May 13, 2020, 9:40 AM IST

Updated : May 13, 2020, 2:35 PM IST

painful pictures of migration, A man pulling a bullock cart with a bull in indore
बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

इंदौर। पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन का तीसरा दौर जारी है. इस दौरान गरीब मजदूर लगातार पलायन कर अपने घर ओर जा रहे हैं. ऐसे ही एक दिल दहला देने वाली तस्वीर इंदौर के बाईपास पर देखने को मिली है. जहां एक व्यक्ति खुद बैल के साथ बैल गाड़ी को खींचते हुए दिखाई दे रहा है. युवक ने 15 दिन पहले अपने परिवार का पेट भरने के लिए अपने एक बैल को आधी कीमत पर बेच दिया. इस तस्वीर के सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

परिवार के लिए जानवरों की तरह कर रहा काम

इंदौर में महू से निकले राहुल ने खुद को बैल की जगह बैलगाड़ी में जोत कर अपने परिवार सहित चलना शुरू कर दिया. लगातार सामने आ रही पलायन की तस्वीरों में सबसे दर्दनाक तस्वीर ये सामने आई है. जब इंसान को जानवरों की तरह काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करना पड़ रहा है.

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पलायन की दर्दनाक तस्वीरें

परिवार के पोषण के लिए आधी कीमत पर बेची बैल

राहुल महू का रहने वाला है और कुछ दिनों पहले उसके पास दो बैल हुआ करते थे. जिन्हें जोतकर वह बैलगाड़ी से अपना काम करता था, लेकिन लगातार जारी लॉकडाउन के कारण राहुल का काम पूरी तरह से बंद हो गया और परिवार के भरण-पोषण के लिए उसे एक बैल बेचना पड़ा. राहुल की मजबूरी इतनी थी कि 15 हजार के बैल को उसने 5 हजार में बेच दिया. जिससे परिवार को दो वक्त की रोटी मिल सके.

खुद खींच रहा बैलगाड़ी

लॉकडाउन की समय सीमा लगातार बढ़ने के कारण राहुल के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ और उसने महू से अपने पैतृक गांव की तरफ कूच कर दिया. इस दौरान जब बैलगाड़ी खींचने के लिए एक बैल कम पड़ा, तो राहुल खुद उस बैल की जगह बैलगाड़ी को खींचने लगा.

प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल

इस तरह की तस्वीरें सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. जिस तरह से मजदूरों को पैदल चलकर पलायन करना पड़ रहा है. उसमें कई तस्वीरें तो सामने आ ही रही हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि, इस पलायन के दौरान ना तो कोई प्रशासनिक अधिकारी इन लोगों की मदद करने आता है, ना ही कोई जनप्रतिनिधि इनकी चिन्ता करता है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट

कमलनाथ ने घटना पर ट्वीट करते हुए कहा कि 'शिवराज जी आंखे खोलो,नींद से जागो,बेबस,लाचार मज़दूरों की दशा देखो, उनकी सुध लो, वल्लभ भवन से सरकार को बाहर निकालो, आपके सारे दावे हवा- हवाई साबित हुए हैं, प्रदेश की सीमाएं, प्रमुख मार्ग आज भी मज़दूरों से भरे पड़े हुए हैं, उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है'.

  • शिवराज जी आँखे खोलो , नींद से जागो , बेबस , लाचार मज़दूरों की दशा देखो , उनकी सुध लो।
    वल्लभ भवन से सरकार को बाहर निकालो।
    आपके सारे दावे हवा- हवाई साबित हुए है।प्रदेश की सीमाएँ , प्रमुख मार्ग आज भी मज़दूरों से भरे पड़े हुए है , उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।
    1/5 pic.twitter.com/yvRRyD8EeT

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इंदौर। पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन का तीसरा दौर जारी है. इस दौरान गरीब मजदूर लगातार पलायन कर अपने घर ओर जा रहे हैं. ऐसे ही एक दिल दहला देने वाली तस्वीर इंदौर के बाईपास पर देखने को मिली है. जहां एक व्यक्ति खुद बैल के साथ बैल गाड़ी को खींचते हुए दिखाई दे रहा है. युवक ने 15 दिन पहले अपने परिवार का पेट भरने के लिए अपने एक बैल को आधी कीमत पर बेच दिया. इस तस्वीर के सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

परिवार के लिए जानवरों की तरह कर रहा काम

इंदौर में महू से निकले राहुल ने खुद को बैल की जगह बैलगाड़ी में जोत कर अपने परिवार सहित चलना शुरू कर दिया. लगातार सामने आ रही पलायन की तस्वीरों में सबसे दर्दनाक तस्वीर ये सामने आई है. जब इंसान को जानवरों की तरह काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करना पड़ रहा है.

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पलायन की दर्दनाक तस्वीरें

परिवार के पोषण के लिए आधी कीमत पर बेची बैल

राहुल महू का रहने वाला है और कुछ दिनों पहले उसके पास दो बैल हुआ करते थे. जिन्हें जोतकर वह बैलगाड़ी से अपना काम करता था, लेकिन लगातार जारी लॉकडाउन के कारण राहुल का काम पूरी तरह से बंद हो गया और परिवार के भरण-पोषण के लिए उसे एक बैल बेचना पड़ा. राहुल की मजबूरी इतनी थी कि 15 हजार के बैल को उसने 5 हजार में बेच दिया. जिससे परिवार को दो वक्त की रोटी मिल सके.

खुद खींच रहा बैलगाड़ी

लॉकडाउन की समय सीमा लगातार बढ़ने के कारण राहुल के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ और उसने महू से अपने पैतृक गांव की तरफ कूच कर दिया. इस दौरान जब बैलगाड़ी खींचने के लिए एक बैल कम पड़ा, तो राहुल खुद उस बैल की जगह बैलगाड़ी को खींचने लगा.

प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल

इस तरह की तस्वीरें सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. जिस तरह से मजदूरों को पैदल चलकर पलायन करना पड़ रहा है. उसमें कई तस्वीरें तो सामने आ ही रही हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि, इस पलायन के दौरान ना तो कोई प्रशासनिक अधिकारी इन लोगों की मदद करने आता है, ना ही कोई जनप्रतिनिधि इनकी चिन्ता करता है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट

कमलनाथ ने घटना पर ट्वीट करते हुए कहा कि 'शिवराज जी आंखे खोलो,नींद से जागो,बेबस,लाचार मज़दूरों की दशा देखो, उनकी सुध लो, वल्लभ भवन से सरकार को बाहर निकालो, आपके सारे दावे हवा- हवाई साबित हुए हैं, प्रदेश की सीमाएं, प्रमुख मार्ग आज भी मज़दूरों से भरे पड़े हुए हैं, उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है'.

  • शिवराज जी आँखे खोलो , नींद से जागो , बेबस , लाचार मज़दूरों की दशा देखो , उनकी सुध लो।
    वल्लभ भवन से सरकार को बाहर निकालो।
    आपके सारे दावे हवा- हवाई साबित हुए है।प्रदेश की सीमाएँ , प्रमुख मार्ग आज भी मज़दूरों से भरे पड़े हुए है , उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।
    1/5 pic.twitter.com/yvRRyD8EeT

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
Last Updated : May 13, 2020, 2:35 PM IST
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