इंदौर। तमिलनाडु से मालवाहक ट्रक में बैठकर मध्यप्रदेश के इंदौर पहुंचने के बाद बदहवास हालत में भटक रहे 18 वर्षीय युवक के पते-ठिकाने की स्थानीय पुलिस ने गूगल वॉइस ट्रांसलेटर की मदद से पहचान की और उसे मदुरै जिले स्थित उसके घर के लिए रवाना किया. पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. जूनी इंदौर पुलिस थाने के प्रभारी अभय नेमा ने बताया कि मदुरै जिले के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला युवक एक मालवाहक ट्रक में बैठकर हाल में इंदौर आया था. उन्होंने बताया कि उसके पास जो पैसे थे, वह खर्च हो गए. जिसके बाद वह शहर की लोहा मंडी में बदहवास हालत में भटक रहा था.
गूगल वॉइस ट्रांसलेटर की मदद से पहुंचाया घर
थाना प्रभारी ने बताया कि, 'युवक हिन्दी नहीं समझता, हमने हिन्दी में उससे उसका पता-ठिकाना पूछा, तो वह जवाब नहीं दे सका और तमिल बोलकर इशारों में अपनी बात समझाने की कोशिश करने लगा. उसके पास खुद का मोबाइल भी नहीं था'. उन्होनें बताया कि चूंकि स्थानीय पुलिसकर्मी तमिल नहीं समझते हैं, इसलिए गूगल वॉइस ट्रांसलेटर की मदद से भाषा की दिक्कत दूर की गई और युवक से उसका मूल निवास स्थान पता किया गया. उन्होंने बताया, 'युवक एक पुलिस कर्मी के मोबाइल के माइक पर तमिल में आपबीती सुना रहा था और तुरंत इसका अनुवाद हिन्दी में हो रहा था'. नेमा के मुताबिक, युवक की पहचान काली के रूप में हुई है और उसने पुलिस को बताया कि उसने दो दिन से खाना नहीं खाया था.
दादा-दादी के साथ रहता है युवक
जूनी इंदौर पुलिस थाने में काली को भोजन कराया गया और इसके बाद उसे ट्रेन के जरिये मदुरै स्थित उसके घर के लिए रवाना कर दिया गया. थाना प्रभारी के मुताबिक, काली ने पुलिस को बताया कि उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है और वह अपने दादा-दादी के साथ रहता है. उन्होंने बताया कि युवक का कहना है कि वह मालवाहक ट्रक से अपने एक रिश्तेदार के घर जा रहा था, लेकिन किसी विवाद के चलते ट्रक चालक उसे इंदौर में उतारकर आगे बढ़ गया था.