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मंत्री सचिन यादव को भेजे खून से लिखे पत्र, कृषि कॉलेजों का निजीकरण रोकने की छात्र कर रहे मांग

इंदौर में छात्रों ने कृषि मंत्री सचिन यादल को खून पर लिखे हैं. पत्रों में राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि प्रदेश के शासकीय कृषि कॉलेजों में गैर शासकीय कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को सीधे प्रवेश ना दिया जाकर प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट के माध्यम से ही दिया जाएं.

पत्र लिखते विद्यार्थी
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Published : Jun 9, 2019, 5:12 AM IST

इंदौर। प्रदेश के निजी कॉलेजों के छात्रों को एग्रीकल्चर कॉलेजों की पहली कॉउंसलिंग में सम्मिलित करने के साथ ही निजी कॉलेजों के छात्रों को काउंसिल में शामिल करने के विरोध में कृषि मंत्री सचिन यादव का पुतला दहन के बाद अब छात्र-छात्राएं खून से पत्र लिखकर राज्य सरकार को भेज रहे हैं.
इंदौर के कृषि कॉलेज परिसर में छात्रों ने पढ़ाई का बहिष्कार करते हुए अपने-अपने खून से कृषि मंत्री सचिन यादव को भेजे जाने वाले डाक पत्र तैयार किये. पत्रों में राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि प्रदेश के शासकीय कृषि कॉलेजों में गैर शासकीय कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को सीधे प्रवेश ना दिया जाकर प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट के माध्यम से ही दिया जाएं.

पत्र लिखते विद्यार्थी
खून से पत्र लिखने से पहले कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए इस नए नियम से नाराज होकर कृषि महाविद्यालय इंदौर के विद्यार्थियों ने शुक्रवार को निजी कॉलेज के विद्यार्थियों को आसानी से कृषि कॉलेज में एडमिशन करने के विरोध में छात्र-छात्राओं ने कृषि कॉलेज के गेट पर प्रदर्शन करते हुए, कृषि मंत्री सचिन यादव का पुतला दहन किया था. इस दौरान विद्यार्थियों का यह भी कहना था कि यदि शिक्षा का निजीकरण नहीं रोका गया तो वे आगे भी आंदोलन करेंगे.गौरतलब है फिलहाल शासकीय कॉलेजों में व्यापम द्वारा आयोजित प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट के जरिए प्रवेश मिलता है. नए नियम को लेकर बताया जा रहा है कि कृषि कॉलेजों की काउंसलिंग में इस बार कृषि संकाय के निजी कॉलेजों के छात्रों को भी सम्मिलित करने का फैसला कृषि विभाग ने लिया है, जिसका विरोध ऐसे छात्र कर रहे हैं जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद प्रदेश के शासकीय कृषि कॉलेजों में प्रवेश लिया था.

इंदौर। प्रदेश के निजी कॉलेजों के छात्रों को एग्रीकल्चर कॉलेजों की पहली कॉउंसलिंग में सम्मिलित करने के साथ ही निजी कॉलेजों के छात्रों को काउंसिल में शामिल करने के विरोध में कृषि मंत्री सचिन यादव का पुतला दहन के बाद अब छात्र-छात्राएं खून से पत्र लिखकर राज्य सरकार को भेज रहे हैं.
इंदौर के कृषि कॉलेज परिसर में छात्रों ने पढ़ाई का बहिष्कार करते हुए अपने-अपने खून से कृषि मंत्री सचिन यादव को भेजे जाने वाले डाक पत्र तैयार किये. पत्रों में राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि प्रदेश के शासकीय कृषि कॉलेजों में गैर शासकीय कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को सीधे प्रवेश ना दिया जाकर प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट के माध्यम से ही दिया जाएं.

पत्र लिखते विद्यार्थी
खून से पत्र लिखने से पहले कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए इस नए नियम से नाराज होकर कृषि महाविद्यालय इंदौर के विद्यार्थियों ने शुक्रवार को निजी कॉलेज के विद्यार्थियों को आसानी से कृषि कॉलेज में एडमिशन करने के विरोध में छात्र-छात्राओं ने कृषि कॉलेज के गेट पर प्रदर्शन करते हुए, कृषि मंत्री सचिन यादव का पुतला दहन किया था. इस दौरान विद्यार्थियों का यह भी कहना था कि यदि शिक्षा का निजीकरण नहीं रोका गया तो वे आगे भी आंदोलन करेंगे.गौरतलब है फिलहाल शासकीय कॉलेजों में व्यापम द्वारा आयोजित प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट के जरिए प्रवेश मिलता है. नए नियम को लेकर बताया जा रहा है कि कृषि कॉलेजों की काउंसलिंग में इस बार कृषि संकाय के निजी कॉलेजों के छात्रों को भी सम्मिलित करने का फैसला कृषि विभाग ने लिया है, जिसका विरोध ऐसे छात्र कर रहे हैं जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद प्रदेश के शासकीय कृषि कॉलेजों में प्रवेश लिया था.
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इंदौर, प्रदेश के निजी कॉलेजों के छात्रों को एग्रीकल्चर कॉलेजों की पहली कॉउंसलिंग में सम्मिलित करने के साथ ही निजी कॉलेजों के छात्रों को काउंसिल में शामिल करने के विरोध में कृषि मंत्री सचिन यादव का पुतला दहन के बाद अब छात्र-छात्राएं खून से पत्र लिखकर राज्य सरकार को भेज रहे हैं आज इंदौर के कृषि कॉलेज परिसर में सभी छात्रों ने पढ़ाई का बहिष्कार करते हुए अपने अपने खून से कृषि मंत्री सचिन यादव को भेजे जाने वाले डाक पत्र तैयार किए इंडा पत्रों में सभी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है की प्रदेश के शासकीय कृषि कॉलेजों मैं गैर शासकीय कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को सीधे प्रवेश नादिया जाकर प्री एग्रीकल्चर टेस्ट के माध्यम से ही दिया जाए खून से पत्र लिखने के पूर्व कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए इस नए नियम से नाराज होकर कृषि महाविद्यालय इंदौर के विद्यार्थियों ने शुक्रवार को



निजी कॉलेज के विद्यार्थियों को आसानी से कृषि कॉलेज में एडमिशन करने के विरोध में छात्र-छात्राओं ने कृषि कॉलेज के गेट पर प्रदर्शन करते हुए, कृषि मंत्री सचिन यादव का पुतला दहन किया किया था। इस दौरान विद्यार्थियों का यह भी कहना था कि यदि शिक्षा का निजीकरण बन्द नही किया गया तो वह अन्य तरह के आंदोलन करेंगे। गौरतलब है फिलहाल शासकीय कॉलेजों में व्यापम द्वारा आयोजित प्री एग्रीकल्चर टेस्ट के जरिए प्रवेश मिलता है नए नियम को लेकर बताया जा रहा है कि कृषि कॉलेजों की काउंसलिंग में इस बार कृषि संकाय के निजी कालेजों के छात्रों को भी सम्मिलित करने का फैसला राज्य शासन के कृषि विभाग ने लिया है जिसका वे छात्र विरोध कर रहे हैं जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद प्रदेश के शासकीय कृषि कॉलेजों में प्रवेश लिया था



 विजुअल कृषि कॉलेज में अपने खून से पत्र लिखते छात्र-छात्राएं


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